पश्चिम बंगाल में वाम दल के जो चुनाव नतीजा उभर कर सामने आया है उससे साफ जाहिर होता है की इस बार के चुनाव में वाम दल के नीतियों को यहाँ के जनता पुरी तरह से नकार चुकी है,वाम दल तीसरे मोर्चे को मजबूत बनाने के पुरजोर कोसिस तो किया,लेकिन उसे इस बात का पुरा-पुरा भरोसा था की इस बार भी वह पिछले लोक सभा चुनाव के तरह सफलता हासिल करेगी,लेकिन वही दूसरी तरफ पूर्ब रेल मंत्री ममता बनर्जी नंदी ग्राम तथा सिंगुर के मुद्दा को इस प्रकार आंधी दिया की वाम पंथी बुरी तरह अपने ही गढ़ में ध्वस्त हो गये ! ममता बनर्जी ने जिस प्रकार से अपना रोड सो किया उसे साफ जाहिर होता है की उसने वामपंथियों को पुरी तरह से हराने के लिया मन मे ठान लिया था,उसने यह भी कहा था की अगर तृणमूल कांग्रेस चुनाव जीतती है तो बंगाल का बिकाश के मुद्दा संसद में उठेगा,उन्होंने जिस प्रकार से सीपीएम के ३२ बर्षो के सासन काल के जिक्र पुरे बंगाल में लोगो के बिच जा कर की उससे वाम वामपंथियों के सारे बिकाश कार्य तानाशाही के तरह साबित होते नजर आया ! नंदी ग्राम तथा सिंगुर के घटना से तो पहले ही साफ हो गया था की जिस प्रकार सीपीएम उधोग लगाने के नाम पर किसान एव गरीब जनता का जिंदगी बदहाल कर दिया है उसे इस बार वामपंथी सरकार को जरुर इसका नतीजा भोगना परेंगा ! तभी तो वामपंथियों को अपना ही गढ़ बचाना मिल का पत्थर साबित हुआ .
Its right that Didi bring the 'Change' but it is not the total deafit of CPM they try there best in Bhidansabha Elections by Hook or by Crook. I suggest to didi & all our civilians to open there eyes & being more alert. Dont ignore them in glad of win they are the wounded tiger they becomes more dengerous from earlier. 'KEEP WINING' 'JAI HO MAA MATI MANUS'.
ReplyDeleteBipin Kumar Singh