देश में एक बार फिर से इश्लामिक जेहाद का सच निकल कर सामने आया है। हर बार की
तरह शासन और प्रसाशन पुरे मामले पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है। उत्तर प्रदेश
के मेरठ में एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और धर्मातरण का मसला सड़क से लेकर
संसद तक में गूंजा। सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी, सबने आपने-अपने
तरीके से इस मामले पर रोटी सेकते नज़र आये। मगर किसी ने पीड़िता के ज़िंदगी और उसके
परिवार की आपबीती को टटोलने का प्रयास नहीं किया। यही कारण है की हम घटना की
हकीकतों से पर्दा उठाने के लिए ये ब्लॉग लिख रहे हैं, ताकि समाज और देश सच जान सके। 27 जुलाई को मेरठ के खरखौंदा थाना क्षेत्र से एक हिन्दू लड़की
का अपहरण हुआ, लेकिन पुलिस ने
इस रिपोर्ट दर्ज नहीं की। 29 जुलाई को
स्थानीय जन प्रतिनिधियों के दबाव में रिपोर्ट तो लिख ली गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। तीन अगस्त को लड़की किसी तरह
उनके चंगुल से निकलकर भाग आई। लौटकर आई लड़की ने जो कुछ बताया, वह सिर्फ खौफनाक ही बल्कि दिल दहला देने वाली
है। लड़की का अपहरण करके पास के एक गांव के प्रधान ने पांच दिन तक अपने घर में
रखा। प्रधान की पत्नी और एक मदरसे के हाफिज की मदद से उसके साथ कई दिनों तक
सामूहिक दुष्कर्म किया गया। लड़की के मुताबिक उसके जैसी 40-50 और लड़कियां वहां पर हैं।
ये पूरा मामला लड़कियों
के ट्रैफिकिंग लग रहा है। मगर उत्तर प्रदेश सरकार एक विशेष वर्ग को संतुष्ट
करने के लिए उससे जुड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अब भी संकोच कर रही
है। मदरसे में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन का मामला पूरे देश
में गूंजा। खरखौदा क्षेत्र के युवती के गांव में भी भाजपा नेताओं और हिन्दू संगठन
के लोगों का जमावड़ा रहा। युवती को अदालत में पेश किया गया । साथ ही गढ़मुक्तेश्वर
के मदरसे में छापा मारकर धर्म परिवर्तन कराने वाले गुल सनव्वर समेत दो को गिरफ्तार
भी किया गया। पीड़ित परिवार के लोगों में अभी भी पुलिस की धीमी कार्रवाई को लेकर
रोष है। सबसे चौकाने वाली बात यहां ये है के सामूहिक दुष्कर्म के बाद लड़की की हालत
बिगड़ी तो मुजफ्फरनगर के एक नर्सिग होम में ऑपरेशन कर गर्भाशय की ट्यूब निकलवा दी
गई। युवती के साथ हुई घिनौनी वारदात के बाद गांवों में बवाल मचता रहा मगर पुलिस
पुरे मामले पर पर्दा डालने का प्रयास करती रही। मदरसों के अंदर दूसरी युवतियों को भी बंधक बनाकर विदेश भेजने का सनसनीखेज मामला
सामने आया है। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में युवती के अदालत में एक घंटे के बयान दर्ज
कराए। मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को जेल तो भेज दिया है, मगर है सवाल अब भी बरकरार है की क्या आज मदरसा
धर्मांतरण का अड्डा बन गया है?
दुष्कर्म पीड़िता को मदरसे में गाय का मांस खिलाने की
कोशिश
युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन के प्रकरण में पुलिस ने
पीड़िता को अदालत में पेश किया। पीड़िता ने एक घंटे में एक माह की आपबीती को बयां
किया किया। पीड़िता ने जो बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया उसे सुन किसी का कलेजा कांप उठेगा। पीड़िता ने बताया कि तीन साल पहले वह
इंटरमीडिएट में पढ़ रही थी, तभी पड़ोस में
रहने वाले हसमत की बेटी निशात ने मुझसे दोस्ती की। निशात मेरे साथ बीए फाइनल तक
साथ पढ़ी। उसने तभी से इस्लाम धर्म के बारे में बताना शुरू कर दिया था, जब मैं नौकरी तलाश रही थी। तभी निशात ने मेरी
मदद की और मदरसे में 1500 रुपये प्रति माह
में की नौकरी दिलाई। मदरसे में अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाने लगी थी। इसी बीच 29 जून को गांव के सनाउल्ला अपनी बीवी समरजहां के
साथ मिलकर ग्राम प्रधान नवाब की मद्द से बुर्का पहना कर बाइक से उठा ले गए। पहले
हापुड़ के मदरसे में रखा गया। इसके बाद गढ़ के दतोई स्थित मदरसे में ले जाकर नशे
देकर चार लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद मदरसे में रखकर बहला फुसलाकर
धर्म परिवर्तन करा दिया। बाकायदा जो शपथ पत्र तैयार किया, उस पर जन्नत बुशरा नाम से हस्ताक्षर भी उन्होंने खुद ही कर
दिए। उसके बाद घर लौट गई। 8 जुलाई को हालत
बिगड़ने पर सनाउल्ला को मामले की जानकारी दी गई। सनाउल्ला 23 जुलाई को वहां से पहले मेरठ ले गया, जहां एक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें गर्भाशय की फेलोपियन ट्यूब में गर्भ
धारण होने के कारण मुजफ्फरनगर ले गए। वहां ऑपरेशन कराने के बाद मुस्तफा कालोनी
स्थित एक मदरसे में रखा गया। वहां से बाहर भेजने की तैयारी चल रही थी। पता चला की
उससे पहले भी कुछ युवतियों को बाहर भेजा जा चुका है। इसी के डर से घबरा गई और वहां
भाग आई। बाहर आकर इमरान नामक युवक ने सहायता देकर बस स्टैंड तक पहुंचा दिया,
जहां से बस में सवार होकर मेरठ के भैसाली बस
स्टैंड पहुंची और परिजनों को मामले की जानकारी दी। पीड़िता ने बताया कि, मदरसे में धर्म परिवर्तन से पहले मौलाना
सिद्दीकी की लिखी हुई ‘आपकी अमानत आपकी
सेवा में’ किताब को पढ़ाया गया,
जिसमें लिखा था कि, इस्लाम धर्म में ही असली जन्नत है। बताया गया कि ईद के मौके
पर धर्म कबूलना जन्नत में जाना होता है। इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर भाई की
हत्या करने की धमकी भी दी गई थी।
परदा डालने में जुटे शीर्ष अफसर
युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन के साथ गर्भाशय से फेलोपियन
ट्यूब निकालने के सनसनीखेज मामले में प्रदेश सरकार के घिर जाने पर अफसर पर्देदारी
की कोशिश में जुट गए। पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था अमरेंद्र कुमार सेंगर ने
बेतुका बयान देकर सब को चौंका दिया । उनका कहना है कि पीड़िता के मेडिकल में
दुष्कर्म का उल्लेख नहीं है, जबकि डीआइजी के.
सत्यनारायण ने कैमरे के सामने सामूहिक दुष्कर्म और गर्भाशय से फेलोपियन ट्यूब
निकालने की पुष्टि की। बाकायदा धर्म परिवर्तन कराने की बात भी स्वीकार की है। रिपोर्ट
के आलावा पीड़िता ने अदालत में दिए अपने 164 के बयान में भी सामूहिक दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन का जिक्र
किया है। लेकिन लखनऊ में बैठकर पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था का कहना है कि,
युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ ही नहीं। तो
सवाल खड़ा होता है की क्या ये बेशर्म अधिकारी मुलायम यादव के प्रवक्ता बन गए हैं?
जब लड़की की पेट
पर आपरेशन के निशान की याद दिलाई गयी तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह नितांत
व्यक्तिगत है और इस पर टिप्पणी उचित नहीं है। तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की क्या
ये पुलिस अधिकारी अपने न्याय धर्म को भूल गए हैं जिसे वह हर हाल में निभाने का सपथ
लेते हैं ।
अदालत से 164 के तहद सीआरपीसी
में बयान दर्ज कराने के बाद कड़ी सुरक्षा में पीड़िता को लेकर पुलिस गांव जा रही
थी। तभी गांव के बाहरी छोर पर कमिश्नर ने रोक कर पीड़िता से करीब दस मिनट तक
वार्ता की। पीड़िता के मुताबिक, उससे अदालत में
दिए गए बयान के बारे में पूछा गया। तीन दिन बाद पीड़िता को अदालत में पेश करने के
बाद करीब एक घंटे तक बयान दर्ज हुए। उसके बाद पीड़िता को पीछे के रास्ते से
निकालकर पुलिस की टीम खरखौदा के गांव में ले गई। गांव के बाहर पहले से ही कमिश्नर,
डीआइजी और एसपी देहात मौजूद थे। कमिश्नर ने
युवती को गांव के बाहरी छोर पर रोक लिया। महिला एसओ समेत सभी को अलग करने के बाद
पीड़िता का मुंह खुलवाया गया। इसके बाद उससे करीब दस मिनट तक वार्ता की गई। उस समय
परिवार के सदस्यों को भी दूर कर दिया था। जबकि कानूनन महिला से महिला अफसर को ही
पूछताछ करनी चाहिए। ऐसे में कमिश्नर की पूछताछ पर लोगों में गुस्सा भड़क गया।
पीड़िता ने बताया कि, कमिश्नर भूपेंद्र
सिंह ने अदालत में दिए गए बयानों के बारे में जानकारी मांगी थी।
खरखौदा क्षेत्र से युवती का अपहरण कर धर्म परिवर्तन कराकर सामूहिक दुष्कर्म के
मामले में पुलिस ने गढ़ के गांव दौताई में स्थित एक मदरसे से गुल सनव्वर व फर्जी
प्रमाण पत्र बनाने वाले कंप्यूटर सेंटर के संचालक राजा को गिरफ्तार किया है। युवती
के धर्म परिवर्तन को लेकर पुलिस के हाथ लगे शपथ पत्र के आधार पर मेरठ पुलिस की टीम ने गढ़ तहसील के सामने स्थित
रजत कंप्यूटर सेंटर संचालक के स्वामी राजा को गिरफ्तार कर लिया। जबकि उसके बाद
पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने वाले दौताई निवासी गुल सनव्वर को भी मदरसे से
गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार गुल सनव्वर ने स्वीकार कर लिया है कि तीस
जुलाई को पीड़ित युवती, चार अन्य लोगों
के साथ कार में सवार होकर मदरसे में आयी थी।
धर्म परिवर्तन के समय बेहोश थी युवती
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी के अनुसार तीस जुलाई की दोपहर को दौताई के मदरसे
में जब युवती पहुंची तो उसे ठीक से होश भी नहीं था। उसे दो युवक गोद में उठाकर
अन्दर ले गये थे। उसके बाद वे वहां से चले गये थे। सौ रुपये के शपथ पत्र के फर्जी
प्रमाणपत्र बनाने वाले कम्प्यूटर संचालक युवक राजा ने बताया कि उसके साथ चार युवक
व मदरसा संचालक गुल सनव्वर आया था। उस समय दुकान पर काफी भीड़ थी। उसने उनसे कुछ
देर बाद आने को कहा तो वे लगभग एक घंटे बाद दोबारा उसकी दुकान पर पहुंचे तो उसने
एक हजार रुपये लेकर उनका शपथ पत्र बना दिया। कंप्यूटर सेंटर का संचालक भी गिरफ्तार
किया गया है।
नफा नुकसान की सुरंगों से पहुंचती रही सियासत
खरखौदा प्रकरण से राष्ट्रीय स्तर पर मचे भूचाल के बीच सियासत भी नफा नुकसान का
चोला ओढ़कर पहुंची। पीड़िता के घर दिनभर सियासी दलों की गहमागहमी बनी रही। गांव की
पगडंडियों पर वाहन मोड़ने से पहले सियासी समीकरणों का पूरा ख्याल किया गया। दर्द
और अनहोनी की आशंका में डूबा परिवार दिनभर लोगों के प्रश्नों से छलनी होता रहा।
प्रशासन भी सियासी बंधन से जकड़ा नजर आया, जबकि घटना के राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित होने के बावजूद सूबे का कोई भी
जिम्मेदार नुमाइंदा पीड़िता का दर्द बांटने नहीं पहुंचा। एक भी लालबत्ती गांव में
नजर नहीं आई। तीन दिन पहले जब लड़की ने घटनाक्रम से पर्दा उठाया तो यकीनन सुनने
वालों के रोंगटे खड़े हो गए।
युवती को खाड़ी देशों में सप्लाई करने की थी तैयारी
पूरे मामले में मानव तस्करी का मामला साफ दिख रहा है। युवती का भी कहना है कि
उसे विदेश भेजने की तैयारी की जा रही थी। युवती के अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे
रिपोर्ट में गर्भाशय से फेलोपियन ट्यूब गायब होने से मानव तस्करी की आशंका पैदा कर
दी है। माना जा रहा है कि फेलोपियन ट्यूब निकालकर युवती को खाड़ी देशों में सप्लाई
करने की तैयारी थी। यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बिहार, उड़ीसा और झारखंड की युवतियों की यहां तस्करी
के मामले सामने आ चुके हैं। डाक्टरों की मानें तो युवती के अल्ट्रासाउंड और
एक्स-रे में गर्भाशय को जोड़ने वाली दो फेलोपियन ट्यूब में से एक गायब है। यह
ट्यूब उस स्थिति में निकाली जाती है । तो ऐसे में सवाल खड़ा की क्या आज देश में मदरसा सामूहिक
दुष्कर्म और धर्मातरण का अड्डा बन गया है?
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