27 September 2024

रेवाड़ी में गरजे अमित शाह ‘BJP सरकार में न डीलर बचे न दलाल, दामाद का तो सवाल ही नहीं है’ कट, कमीशन और करप्शन पर वार !

 

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां काफी तेज हो गई है। सत्ताधारी दल बीजेपी दोबारा से सरकार बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है, वहीं कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रेवाड़ी में जोरदार रैली की। शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और एक के बाद एक कई गंभिर आरोप भी लगाए। अमित शाह ने कहा,  

 

अमित शाह का कांग्रेस पर हमला

 

कांग्रेस वाले सेना का सम्मान नहीं करते

कांग्रेस ने सेनाध्यक्ष को गुंडा कहा था

कांग्रेस सरकार में डीलर-दलाल नियुक्ति पत्र देते थे

BJP में डाकिया घर पर देकर आता है

बीजेपी ने डीलर-दामाद का नामोनिशान मिटा दिया

 

अमित शाह ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह कांग्रेस शासित राज्यों में MSP लागू करके दिखाएं। हरियाणा में कांग्रेस की रैली में पाकिस्तान जिंदाबाल के नारे लगे। कांग्रेस वाले सेना का सम्मान नहीं करते। कांग्रेस ने सेनाध्यक्ष को गुंडा कहा था। आरक्षण के मुद्दे पर शाह राहुल गांधी पर जमकर बरसे... राहुल के आरक्षण वाले बयान पर कहा कि...राहुल गांधी आरक्षण खत्म करना चाहते हैं लेकिन जब तक भाजपा सरकार है, आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे। शाह ने राहुल गांधी को कश्मीर में धारा 370 दोबारा लागू करने का भी चैलेंज दिया, गृहमंत्री ने राहुल गांधी से धारा 370 पर कई सारे सलाल भी खड़े किए पूछा कि....

 

धारा 370 पर राहुल को शाह का चैलेंज

 

जम्मू कश्मीर हमारा है या नहीं ?

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटनी चाहिए थी ?

राहुल बाबा वहां वादा करके आए हैं

जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू करेंगे

राहुल बाबा मैं यहां से चैलेंज देकर जाता हूं

आप तो क्या आपकी तीसरी पीढ़ी भी 370 फिर से नहीं ला पाएगी

 

अमित शाह ने अपनी रैली के जरिए एक साथ कई राजनीतिक विसात बिछाने का भी प्रयास किया और कहा कहा....अगर हम सरकार में आते हैं तो रेवाड़ी में सबसे बड़ी सरसों तेल की कोआपरेटिव फैक्ट्री डालने का काम करेंगे। यहां जितने भी शहीद हुए हैं, उनके लिए सैन्य संग्रहालय बनाने का काम बीजेपी करेगी। एक विश्वकर्मा महाविद्यालय बनाएंगे। रेवाड़ी में छह महीने में नया मेडिकल कॉलेज बनाएंगे। दंगल के लिए अखाड़ा भी बनाएंगे।

 

शाह ने चौधर की राजनीति को भी साधने का प्रयास किया और कहा, ये कांग्रेस पार्टी हरियाणा का समग्र विकास नहीं करती, जब-जब कांग्रेस जीतकर आती है तो कुछ जिलों का ही विकास होता है। अहीरवाल के साथ हमेशा कांग्रेस ने सौतेला व्यवहार किया है। एम्स रेवाड़ी में लाने में राव साहब का बड़ा रोल है। दक्षिण हरियाणा के सभी जिलों को इसका लाभ मिलेगा। पत्थरबाजी और आरक्षण को लेकर भी शाह ने राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा,

 

राहुल पत्थरबाजों को छोड़ना चाहते हैं

 

ये वहां जाकर कहते हैं कि जेलों में बंद पत्थरबाज और आतंकवादियों को छोड़ देंगे

राहुल बाबा यदि हिम्मत हो तो वही भाषण हरियाणा में आकर दो

कश्मीर में एक भाषण, हरियाणा में दूसरा भाषण क्यों ?

वहां जाकर कहते हैं कि कश्मीर में तिरंगा नहीं दूसरा झंडा फहरेगा

ये कांग्रेस पार्टी वोट बैंक के लालच में तुष्टिकरण करने में लगी है

उनको राम मंदिर बने तो दिक्कत है संसद में मजाक उड़ाते हैं

रेवाड़ी वालों मुझे बताओ राम मंदिर बना अच्छा हुआ?

राहुल यहां आते हैं तो उनसे पूछना कि राम मंदिर बना तो अच्छा हुआ या नहीं ?

 

अमित शाह कांग्रेस को चैलेंज देते हुए कहा कि धान खरीद का हिसाब दें कांग्रेस। मैं आज कांग्रेस को चैलेंज लगाकर जा रहा हूं आपके शासन में यूपीए की सरकार थी दस साल में कितना धान, कितना गेहूं खरीदा? उसका हिसाब लेकर भेजिए, हमारी ये जिलाध्यक्ष भेज दूंगा। दो दो हाथ हो जाएं, आपने हमसे आधा भी नहीं खरीदा। कर्नाटक तेलंगाना में आपकी सरकार है, कितना एमएसपी पर खरीद हो रही है। हुड्‌डा के समय में किसानों को फसल मुआवजे में दो दो रुपए के चेक दिए जाते थे। मैं आज यहां इस मंच से सवाल पूछना चाहता हूं पूरे देश में जिन राज्यों में सरकारें चल रही हैं, वहां किसानों की कोई फसल एमएसपी नहीं दे रही है। हरियाणा में 24 क्रॉप बीजेपी सरकार खरीद कर रही है। ये भाजपा है, किसान को अपने खेत में जो बोना है, बोए। उसको खरीदने का काम भाजपा की सरकार करेगी। कांग्रेस की सरकार में 1310 रुपया फसल का दाम था, लेकिन अब 23 सौ में धान की खरीद हो रही है। हुड्‌डा साहब आपकी सरकार थी तब बाजरा नहीं खरीदते थे। राजस्थान में भी जब कांग्रेस की सरकार थी, तब हरियाणा में बाजरा बिकता था।

 

शाह ने वन रैंक-वन पेंशन पर कहा कि आज तीसरा वर्जन भी लागू कर दिया गया है। कांग्रेस ने कभी सेना का सम्मान नहीं किया। ये हमेशा भ्रांति फैलाते हैं, अब ये कह रहे हैं कि अग्निवीर से आने वाले जवानों का क्या होगा। मैं आपसे ये वादा करता हूं कि एक भी अग्निवीर पेंशन वाली नौकरी से अछूता नहीं रहेगा।

 

फतेहाबाद में शैलजा का चुवावी अभियान, शैलजा के समर्थन में दलित महापंचायत संघ- दलित समाज अपमान का बदला लेगा- भुक्कल

आपसी खींचतान और हुड्डा से मनमुटाव के बीच कुमारी सैलजा भी पार्टी के लिए प्रचार में जुट गई है। फतेहाबाद में रैली के दौरान शैलजा ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। शैलजा ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा।

 

शैलजा का बीजेपी पर हमला

 

सरकार ईडी और अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है

कोर्ट भी इस चीज को लेकर टिप्पणी कर चुकी है

ये लोग दुरुपयोग करने से बाज नहीं आ रहे

राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को एजेंसियों का डर दिखाया जा रहा है

डर दिखा कर प्रताड़ित किया जा रहा है

 

शैलजा फतेहाबाद की भूना अनाज मंडी में कांग्रेस प्रत्याशी बलवान दौलतपुरिया के लिए जनसभा को संबोधित कर रही थीं। बलवान दौलतपुरिया सैलजा समर्थक हैं और टिकट मिलने से लेकर अभी तक कुमारी सैलजा उनके चुनाव प्रचार में नहीं पहुंची थीं। उधर हुड्डा गुट ने उनके चुनाव प्रचार से अलग-थलग किया हुआ है। जनसभा में कुमारी सैलजा ने कहा,

 

शैलजा का चुनावी हुंकार

 

सरकारों ने देश-प्रदेश को पीछे धकेलने का काम किया

आज हर वर्ग महंगाई, भ्रष्टाचार, गुंडाराज से त्रस्त है

किसानों सहित हर वर्ग ने अपनी मांगों के लिए दमन सहा

आज 2 लाख नौकरियों के पद खाली हैं

खाली पदों को कांग्रेस सरकार में भरा जाएगा

 आरक्षण का बैकलॉग भी पूरा किया जाएगा

 

शैलजा ने कहा कि भीड़ देखकर सुनिश्चित है कांग्रेस जीत रही है। अब भाजपा के दिन लद गए हैं हमारा समय आने वाला है। आने वाले दिनों में क्षेत्र को फिर से चमकाया जाएगा। 10 सालों के राज में भाजपा की असलियत सामने आ चुकी है वही दूसरी तरफ दलित महापंचायत संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप भुक्कल खुलकर कुमारी शैलजा के समर्थन में आ गए हैं। भुक्कल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के समर्थकों ने जानबूझकर दलित समाज की अगुवाई करने वाली सांसद कुमारी सैलजा का अपमान किया। हुड्डा और नारनौंद से कांग्रेसी उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के समर्थकों ने सैलजा के बारे में सोची-समझी प्लानिंग के तहत जातिसूचक टिप्पणियां कीं। भुक्कल का कहना है कि पूरा दलित समाज इस अपमान का बदला लेगा। इसके लिए नारनौंद के साथ-साथ पूरे प्रदेश में हड्डा समर्थक कांग्रेस उम्मीदवारों को हरवाने के लिए समाज एकजुट होकर काम करेगा।


भुक्कल ने दावा किया कि सैलजा नारनौंद क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ का प्रचार करने भी नहीं आएंगी। हुड्‌डा ने उकलाना से नरेश सेलवाल को टिकट दिलवाया है जिन्हें 2019 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 वर्ष के लिए निकाला गया था। इसके बावजूद अब उन्हें ही टिकट दे दी गई। कुलदीप भुक्कल ने हुड्डा सरकार के दौरान मिर्चपुर कांड, गोहाना कांड, भगाणा कांड, डाबड़ा कांड और दौलतपुर कांड का भी जिक्र कर जमकर हुड्डा पर हमला बोला।

 

26 September 2024

अभय चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा- राहुल गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं- मायावती। केजरीवाल ने कहा, जल्दी छोड़ दिया होता तो बनती AAP की ही सरकार

हरियाणा में जींद के उचाना में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की 111वीं जयंती पर इनेलो ने बड़ी रैली की। रैली में उत्तर प्रदेश की पूर्व CM मायावती और इनेलो सुप्रीमो एवं पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने अपने चुनावी तरकश से जमकर बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा आरक्षण को खत्म करने में लगी हुईं हैं। आरक्षण को बचाना है तो इन दोनों पार्टियों को वोट मत देना। राहुल गांधी ने विदेश में जाकर आरक्षण को आने वाले वक्त में खत्म करने का ऐलान कर दिया है। जब वह भारत में रहते हैं और किसी राज्य में चुनाव होता है तो वे गिरगिट की तरह रंग बदल लेते हैं और कहते हैं कि वे आरक्षण के पक्ष में हैं।


मायावती ने मंच से सीएम और डिप्टी सीएम का भी ऐलान कर दिया... मायावती ने कहा कि सरकार बनने पर गठबंधन की ओर से अभय चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। एक डिप्टी सीएम बीएसपी की ओर से, एक डिप्टी सीएम अन्य पिछड़े वर्ग समाज से बनाया जाएगा। ये डिप्टी सीएम कौन होंगे, इसका फैसला नतीजा आने के बाद लिया जाएगा।


रैली के माध्यम से अभय चैटाला ने कई लोक लुभावन वायदे किए...चौटाला ने कहा कि पक्की नौकरी का इंतजाम करेंगे। आंगनबाड़ी, आशा वर्कर व सफाई कर्मचारी को पक्का करने का काम करेंगे। मनरेगा के मजदूर की दिहाड़ी 600 रुपए करेंगे और 365 दिन उन्हें काम देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुफ्त में घर-धर पानी पहुंचाएंगे। मीटर उतरवा कर पूरा बिजली का बिल माफ करेंगे। सोलर सिस्टम हर गांव में लगवाएंगे। मुफ्त में बिजली देंगे। ओल्ड पेंशन स्कीम को दोबारा शुरू किया जाएगा।


दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिसार में जनसभा को संबोधित किया। केजरीवाल ने बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया। अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि इस बार प्रदेश में आम आदमी पार्टी के बिना सरकार नहीं बनेगी। हरियाणा में में आम आदमी पार्टी का जबरदस्त माहौल है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी आर कई स्थानों पर रेली को संबोधित किया और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। हरियाणा में आज सभी दलों ने जमकर धुआंधार रैरियां की। अब जनता को तय करना है कि वो किसे अपना सीएम चुनती है।


चुनावी बयार रैली धुआंधार ! राज्य को दलालों-दामादों के हवाले किया- हरियाणा भारत की मेडल फैक्ट्री- मोदी

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आज राज्य में कई दिग्गज नेताओं की रैलियों का आयोजन हुआ। जिससे चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है। इस कड़ी में गोहाना में पीएम मोदी ने विशाल रैली को संबोधित किया। अपने संबोधन में मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मोदी ने अपनी गारंटी को दोहराते हुए कहा कि हरियाणा भाजपा का संकल्प पक्की गारंटी होता है। भाजपा जो कहती है वह करके दिखाती है। हरियाणा में भी हर वायदे तेजी से जमीन पर उतरकर रहेंगे। आपके घर तक पहुंचेंगे, इसलिए पांच अक्टूबर को हमारे इन सभी उम्मीदवारों को भारी मतों से विजयी बनाना है। लगातार तीसरी बार हरियाणा में कमल खिलाना के लिए मोदी ने अपील की है।


पीएम सिर्फ यहीं रूके...महिला वोटरों को साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने 60 साल देश पर राज किया लेकिन उसे कभी देश की बेटियों की चिंता नहीं हुई। जब मैं आया तब मैंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया, जिससे हरियाणा को फायदा हुआ। पहले 1000 बेटों पर 866 बेटियां थी, लेकिन अब 1000 पर 914 बेटियां हैं। हरियाणा भाजपा नारी शक्ति को और सशक्त करने के लिए और अच्छा काम कर रही है।


मोदी ने कहा कि कांग्रेस शासित हर राज्य में उनके मुख्यमंत्री झगड़ों में उलझे हुए हैं, उनको जनता की तकलीफ से कोई लेना देना नहीं है। कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम आपस की लड़ाई में बिजी हैं। तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में भी यहीं हाल हैं। इसलिए हरियाणा को भी बहुत सावधान रहना चाहिए। गलती से भी कांग्रेस आ गई तो अपने झगड़ों में हरियाणा को बर्बाद करके छोड़ेंगे। यहां पर कांग्रेस में जिस तरह झगड़े बढ़ रहे हैं, पूरा हरियाणा देख रहा है। कांग्रेस को वोट देना यानी हरियाणा के विकास को दांव पर लगाना है।


कांग्रेस के अंदर चल रही आपसी मतभेद और आरक्षण पर मोदी ने सीधा वार किया, पीएम मोदी ने कहा कि आरक्षण का विरोध कांग्रेस के डीएनए में हैं। इसलिए हम देखते हैं कि कांग्रेस के शाही परिवार की चौथी पीढ़ी भी आरक्षण का विरोध कर रही है। इसलिए आपको सावधान रहना है। भाजपा ने वंचित और पिछड़े समाज को हरियाणा में यहां आगे बढ़ाया है। हमारे ओबीसी वर्ग से आने वाले नायब सैनी को भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया। नायब सैनी एक किसान-मजदूर का बेटा है। इनके दरवाजे लोगों के लिए चौबीस घंटों के लिए खुले रहते हैं। कांग्रेस सरकार अस्थिरता के लिए भी जानी जाती है। कांग्रेस दलितों, पिछड़ों, शोषितों के साथ भी धोखा किया है। आजकल कांग्रेस के भीतर सिर-फुटौव्वल हो रही है, ये पुराने पापों का ही परिणाम है। जब हुड्डा जी यहां सीएम हुआ करते थे, तब ऐसा कोई साल नहीं था जब दलितों के साथ अन्याय नहीं हुआ। अनेक दलितों के साथ अन्याय हुआ। हर कोई जानता था कि दलितों के खिलाफ कांग्रेस खाद-पानी देती है। मोदी ने धारा 370 को अलगाववाद से जोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस और इनके साथियों को जम्मू कश्मीर में शांति पसंद नहीं हैं। कांग्रेस फिर से धारा 370 वापस लाना चाहती है। आतंक और अलगाववाद को फिर से हवा देना चाहती है। ऐसी कांग्रेस को आप हरियाणा के लोग सबक सिखाएंगे, ये मुझे पूरा भरोसा है।


मोदी ने हरियाणा को भारत की मेडल फैक्ट्री कह कर संबोधित किया। पेरिस ओलिंपिक में कई मेडल हरियाणा आए हैं। वह हरियाणा के ही हैं। 2038 में हम कोशिश कर रहे हैं कि पेरिस ओलिंपिक भारत में हों। हरियाणा भाजपा ने घोषणा की है कि हर जिले में ओलिंपिक खेलों की नर्सरी बनाएंगे। हरियाणा के बेटे और बेटियां दुनिया भर में जाकर मेडल लाए। उनकी मदद भाजपा सरकार कर रही है। कहा कि मोहन लाल बड़ौली के रहते यहां के विकास की गति तेज होना तय है। सोनीपत की ये धरती उन वीर जवानों की भी धरती है, जिन्होंने हिमालय की चोटियों पर रहकर देश की रक्षा की है। हरियाणा की माताओं की अनेक संतानें हैं उन्होंने जम्मू कश्मीर में हालात को सामान्य बनाने में मदद की। हरियाणा के वीर बेटों ने अनेकों जख्म अपने शरीर पर खाए हैं।


पीएम मोदी ने खुशी जताते हुए कहा कि हरियाणा के लोग इतने समझदार हैं, जितने ये समझते हैं, इसलिए हरियाणा में वही सरकार बनती है, जिसकी दिल्ली में सरकार होती है। इसकी हरियाणा के लोगों को बराबर समझ है। हरियाणा की इस रैली से मोदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर भी जमकर निशाना साधते हुए कहा कि, जरा देखिए कर्नाटक में क्या हाल है। वहां के मुख्यमंत्री पर जमीन घोटाले के आरोप लगे हैं, जब इसकी जांच शुरू हुई तो वहां के मुख्यमंत्री हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने उन्हें डंडा मारा जांच के आदेश सही है, जांच होनी चाहिए। अब देखिए, दो साल मुश्किल से हुए हैं, आदत जाती नहीं है। यहां हरियाणा में इनको घुसने की गलती मत करना। ये कभी नहीं सुधरेंगे। कर्नाटक में सिर्फ जमीन घोटाले का ही मामला नहीं है, वहां के दलितों के लिए जो फंड था उसमें भी कांग्रेस ने घोटाला कर दिया।


पीएम मोदी ने कहा कि आज जो नए वोटर हैं, उन्हें नहीं पता होगा कि दस साल पहले हरियाणा को कैसे लूटा गया था। कांग्रेस ने हरियाणा को दलालों और दामादों के हवाले कर दिया था। दलालों और दामादों से बचना है तो कमल ही बचाएगा। किस-किस कांग्रेस नेता पर आरोप लगे हैं, ये आप अच्छे से जानते हैं। हरियाणा में एक भी नौकरी ऐसी नहीं थी, जो बिना पर्ची-खर्ची के मिली हो। सरकारी ठेकों में जमकर भ्रष्टाचार होता था। हरियाणा के लूट को खाने वाली ऐसी करप्ट कांग्रेस को हरियाणा सरकार से दूर रखना है। तब जाकर हरियाणा बचेगा। आपका मुझ पर हक है। मुझे भी तो हरियाणा का कर्ज चुकाना है।

 

जन आशीर्वाद रैली को सीएम नायब सैनी ने संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा मोदी जी को अपना मानता है। आप हरियाणा के दो करोड़ 80 लाख लोगों के परिवार के सदस्य हैं। मार्गदर्शक भी हैं। और मुखिया भी हैं। पिछले दस सालों से बीजेपी की हरियाणा सरकार आपके अंत्योदय के मूल मंत्र पर चल रही है। पिछले दस सालों में हरियाणा के हर वर्ग के व्यक्ति का विकास हुआ है, वह डबल इंजन की सरकार के कारण हुआ है। सीएम ने कहा कि मोदी ने हरियाणा को सड़कें दी, नेशनल हाईवे दिए। हमने उन्हीं सड़कों पर गरीबों को मुफ्त यात्रा का पास दिया है। हमने हरियाणा के हर वर्ग का घर बैठे राशन बनवाया है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प लिया, हमने पूरे हरियाणा में 36 नए थाने खोले।


सैनी ने कहा कि बेटियों को पढ़ाने के लिए हर बीस किलोमीटर पर इंटर कॉलेज खोले। इस बार भी हमने बीस संकल्प लिए हैं, जिनको आपके सहयोग से बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनने पर पूरा करेंगे। जन आशीर्वाद रैली के जरिए पीएम मोदी और सीएम सैनी ने धूमाधार प्रचार किया। सभी दल अपने-अपने तरिके से प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं... अब देखना होगा कि हरियाणा की जनता किसे अपना समर्थन देती है।

04 September 2024

बांगर की धरती से सियासी समीकरण, चौधर की राजनीति- किसे फायदा किसको नुकसान? बांगर की धरती देगी सत्ता की चाबी !

बांगर बेल्ट में आने वाली कैथल जिले की विधानसभा सीटें काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। बांगर क्षेत्र में इस बार कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस बार यहां पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा का माना जा रहा है.. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी का किया गया प्रदर्शन विधानसभा में कोई नया समीकरण बना सकता है। हालांकि ये तो आगे तय होगा लेकिन फिलहाल मुख्य रूप से सियासी भिड़ंत कांग्रेस और भाजपा में है। अगर पीछले तीन विधानसभा चुनाओं की बात करें तो 2004, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था जबकि पिछले चुनाव 2019 में लीला राम ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। कैथल जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं...गुहला, कलायत, कैथल और पुण्डरी।


आईटीआई और क्योड़क बूथ सबसे बड़ा माना जाता है। यहां करीब 30 हजार मतदाता हैं। दोनों ही बूथ के मतदाता, प्रत्याशियों की हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। इस वजह से इन बूथों पर पार्टी प्रत्याशी और नेताओं की खास नजर रहती है। महिलाओं की आधी आबादी होने के बावजूद इस सीट पर कांग्रेस पार्टी को छोड़कर आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने महिला प्रत्यासी को मैदान में नहीं उतारा है। इस क्षेत्र के मतदाताओं ने दो बार निर्दलीय विधायकों को चुना है, 11 बार पार्टी प्रत्याशियों को कमान सौंपी है। प्रदेश की पुरानी सीटों में शुमार कैथल का चाहे संयुक्त पंजाब हो या हरियाणा गठन के बाद की सरकार, 13 में से सात बार मंत्री मंडल में अहम पद मिला है।


वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर रणदीप सिंह सुरजेवाला विधायक बने थे। सुरजेवाला को 65 हजार 524 वोट मिले थे। इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ रहे कैलाश भगत को 41 हजार 849 वोट मिले, वे दूसरे नंबर पर रहे थे। तीसरे नंबर पर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे राव सुरेंद्र सिंह मैदान में थे। वर्ष 2019 में विधायक लीला राम ने सुरजेवाला को करीब 750 मतों से मात दी थी।

 

बागर बेल्ट की एक और महत्वपूर्ण सीट गुहला भी काफी चर्चीत रहा है। 1977 को अस्तित्व में आया इस विधान सभा क्षेत्र सीट पर अब तक हुए 9 चुनावों में आईएनएलडी के सबसे अधिक यहां चार बार विधायक बने हैं, जबकि दो कांग्रेस, एक बार जनता पार्टी, एक बार बीजेपी तो पिछले चुनाव में जेजेपी यहां जीत हासिल करने में कामयाब रही। इस क्षेत्र से आज तक कोई भी महिला नेत्री विधायक नहीं बनी है। हर चुनाव में महिला प्रत्याशी मैदान में तो उतरी हैं, लेकिन विधानसभा में पहुंचने का मौका किसी को नहीं मिला है।

2019 के चुनावों के परिणाम

 

पार्टी

कैंडिडेट

वोट

जेजेपी

ईश्वर सिंह

36,518

कांग्रेस

दिल्लू राम

31,944

निर्दलीय

देवेंद्र हंस

29,473

 

बांगर बेल्ट की एक और सीट पुंडरी विधानसभा है। ये सीट पहले कुरुक्षेत्र का हिस्सा हुआ करती थी। इस सीट पर 1967 में पहली बार कांग्रेस के आरपी सिंह विधायक चुने गए थे। पुंडरी सीट का इतिहास रहा है कि 25 वर्षों में यहां से किसी पार्टी का उम्मीदवार नहीं जीता है। 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने रणधीर सिंह गोलन का टिकट काटकर वेदपाल एडवोकेट पर भरोसा जताया था। ऐसे में रणधीर सिंह गोलन निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे। गोलन ने इस सीट से जीत भी हासिल की थी।

2019 के चुनावों के परिणाम

 

 

पार्टी

कैंडिडेट

वोट

निर्दलीय

रणधीर सिंह गोलन

41,008

कांग्रेस

सतबीर सिंह जांगड़ा

28,184

बीजेपी

वेदपाल एडवोकेट

20,990

 

2014 में हुए चुनाव में भी इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश कौशिक ने 4832 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्हें 38,312 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बीजेपी के रणधीर सिंह गोलन रहे थे, जिन्हें कुल 33,480 वोट मिले थे।

बांगर बेल्ट में बढ़ा सियासी तापमान, मुख्य सियासी केंद्र है बांगर, क्या है बीजेपी- कांग्रेस की रणनीति ?

बांगर बेल्ट हरियाणा की राजनीति में मुख्य सियासी केंद्र रहा है। हिसार का क्षेत्र इसमे काफी अहम माना जाता है। हिसार की धरती ने देश व प्रदेश को राजनीति के बड़े चेहरे दिए हैं, जिन्होंने एक अलग पहचान कायम की। हिसार के प्रथम सांसद लाला अचिंत राम थे। बाद में उनके पुत्र कृष्णकांत देश के उपराष्ट्रपति बने। हिसार लोकसभा सीट के दूसरे सांसद ठाकुर दास भार्गव थे, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किए। उनके छोटे भाई गोपीचंद भार्गव वर्ष 1947 1951 तक संयुक्त पंजाब के प्रथम मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1962 1980 में सांसद बने मनीराम बागड़ी के चर्चे पूरे देश में रहे हैं। अगर हिसार विधानसभा  की अगर बात करें तो यहां पर हमेशा से जातीय समीकरण हावी रहा है। 

 वर्ग              मतदाता

सामान्य जाति          83600

अनुसूचित जाति        33300

पिछड़ा वर्ग से           62500


चौधरी भजनलाल के समय करीब 13 साल तक हिसार को सीएम सिटी का गौरव मिला। पिछले दो दशक से शहर विधायक को मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिली है। स्टील नगरी के तौर पर पहचान रखने वाला हिसार व्यापारियों का शहर माना जाता है। अग्रवाल समाज का हिसार के बड़े हिस्से पर प्रभाव है। अधिकतर बड़े उद्योग अग्रवाल समाज के लोगों का है। यहां तैयार होने वाला स्टील 22 देशों में पहुंचता है। हिसार के बटन और कॉटन का भी 17 देशों में निर्यात होता है। कारोबार में अग्रवाल समाज के साथ-साथ पंजाबी और बनिया समाज का भी हिस्सेदारी है। अनाज मंडी-सब्जी मंडी में सैनी समाज भी बराबर का हिस्सेदार हैं। कारोबार में बड़ी भागीदारी रखने वाली तीनों जातियों में राजनीतिक जंग भी रहती है। अब तक तीन जाति के विधायक ही जीतते रहे हैं। दूसरे नंबर पर भी इन तीनों के बीच ही टक्कर रहती है। यही कारण है कि सभी प्रमुख दल इन तीन जातियों के उम्मीदवारों को ही टिकट देना पहली प्राथमिकता रखते हैं।


हिसार विधानसभा सीट का जातीय समीकरण

 

जाति           संख्या


बनिया             22760

पंजाबी             22500

सैनी              18500

जाट              18000

ब्राह्मण            10300

बिश्नोई            5430

राजपूत            3150                                                                

कुल  मतदाता      180088


हिसार सीट पर अग्रवाल और पंजाबी मतदाता करीब 12-12 प्रतिशत हैं। तीसरे नंबर पर करीब 10 प्रतिशत सैनी समाज के मतदाता हैं। वर्ष 1952 से लेकर अब तक की बात करें तो... इस सीट पर सबसे अधिक 14 बार अग्रवाल समाज के विधायक बने हैं। एक प्रतिशत से भी कम मतदाताओं वाले जैन समाज से भी एक बार विधायक बना है। एक बार लोकदल की टिकट पर सैनी समाज से भी विधायक चुना गया। बांगर बेल्ट में उचाना सीट प्रदेश की सबसे हॉट सीट मानी जाती है। यहां हमेशा बीरेंद्र सिंह व चौटाला परिवार या उनके उम्मीदवार के बीच सीधा मुकाबला रहा है। साढ़े चार दशक तक उचाना कलां की राजनीति बीरेंद्र सिंह परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती रही, लेकिन पिछली बार दुष्यंत चौटाला यहां से जीते और उप मुख्यमंत्री बने। अब दोनों बड़े राजनीतिक परिवारों के बीच भाजपा अपना मजबूत उम्मीदवार उतारने की जुगत में है। प्रेमलता भाजपा के टिकट पर विधायक बनी थीं, अब बीरेंद्र सिंह सपरिवार कांग्रेस में चले गए हैं। जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है। ऐसे में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं। जननायक जनता पार्टी की ओर से दुष्यंत चौटाला चुनाव लड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।

 

2014 के विधानसभा चुनाव में उचाना से पहली बार भाजपा का कमल खिल चुका है। तब भी उम्मीदवार बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ही थीं। उन्होंने इनेलो के दुष्यंत चौटाला को 7480 मतों से हराया था। हालांकि 2019 के चुनाव में दुष्यंत चौटाला जजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्होंने भाजपा की प्रेमलता को 47452 मतों से हरा दिया।

बांगर बेल्ट का हरियाणा की राजनीति में है बड़ा प्रभाव, बांगर बेल्ट पर चौधरी बीरेंद्र सिंह का रहा है दबदबा- किस तरफ है इस बार चौधर की राजनीतिक हवा ?

हरियाणा की बांगर बेल्ट शुरू से ही प्रदेश की राजनीति की दिशा और दशा तय करती आई है। ऐसे तो बांगर बेल्ट के कई नेता हरियाणा की राजनीति में अपना प्रभाव रखते हैं...मगर यहां के कद्दावर नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह सियासत के केंद्र बिंदु रहे हैं। 10 साल पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाकर उन्होंने कांग्रेस को इस बेल्ट में खासा नुकसान पहुंचाया था। चौधरी बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में दोबारा सियासी पारी खेलने के लिए काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। 

 

कौन हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह ?

 

रोहतक में जन्म, जींद को बनाया कर्मभूमि

1972 में पहला चुनाव लड़ा और उचाना ब्लॉक समिति के अध्यक्ष बने

1977 में कांग्रेस की टिकट पर उचाना से MLA बने

5 बार MLA और 2 बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा के सांसद रहे

पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में मंत्री बने

2014 में BJP में शामिल होने के बाद केंद्र सरकार में पहली बार मंत्री बने

 

बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे, बांगर की धरती से एक बार फिर विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाते दिख रहे हैं। चौधरी छोटूराम की विरासत संभाल रहे बीरेंद्र सिंह का अपनी बेल्ट के साथ-साथ पूरे प्रदेश में प्रभाव है। बीरेंद्र सिंह अपने क्षेत्र में किसी भी सियासी हवा का रूख मोड़ने की महारत रखते हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि हरियाणा में पार्टी को मजबूती देने में इसबार चौधर की राजनीति से उसे  लाभ मिल सकता है। बांगर बेल्ट में जींद, कैथल और हिसार लोकसभा क्षेत्र के 28 विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

 

बांगर बेल्ट की विधानसभा क्षेत्र

 

जुलाना     सफीदों जींद     उचाना कलां     नरवाना

गुहला      कलयात       कैथल          पुंडरी

आदमपुर      उकलाना     नारनौद      हांसी       बरवाला     हिसार     नलवा

 

1986 में कांग्रेस की बंसीलाल सरकार के खिलाफ चौधरी देवीलाल ने न्याय युद्ध बांगर बेल्ट जींद से ही शुरू किया था। इसका असर ये रहा कि 1987 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता दल- भाजपा गठबंधन को 90 में से 85 सीटें मिली थी।  चौधरी बंसीलाल ने 1995 में हरियाणा विकास पार्टी की बड़ी रैली की थी, जिसके बाद प्रदेश में उनकी लहर बनी और 1996 में वह सत्ता तक पहुंचे थे। वहीं, कंडेला कांड के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 2002 में जींद से किसान पदयात्रा शुरू की थी, जिसके बाद 2005 में वह सीएम की कुर्सी हासिल कर सके। प्रदेश के मध्य में पड़ने वाले जींद से उठने वाली राजनीतिक आवाज का पूरे प्रदेश में असर पड़ता है। यही कारण है कि बांगर बेल्ट हमेशा से ही हरियाणा की राजनीति में काफी अहम रहा है।


इनेलो का शुरू से ही जींद गढ़ रहा है, खुद ओमप्रकाश चौटाला नरवाना से विधायक बनकर सीएम बने थे। इसके बाद, इनेलो टूटने के बाद जजपा ने भी 9 दिसंबर, 2018 को इसी बांगर की धरती से नई शुरुआत की थी और सत्ता की चाबी उनके हाथ लगी। उचाना से विधायक दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने थे। भाजपा के कई बड़े नेता और गृह मंत्री अमित शाह भी जींद की जमीं से हरियाणा की राजनीति को साधते रहे हैं। 2019 की रैली में अमित शाह ने कहा था कि....

 

महाभारत का युद्ध जीतने के बाद पांडवों ने भी इसी धरती पर जयंती देवी मंदिर की स्थापना करवाई थी। वे चौथी बार जींद आए हैं और जयंती देवी की धरती से उन्हें हमेशा ऊर्जा मिली है। पांडवों की जमीं से प्रदेश की जनता उन्हें जरूर आशीर्वाद देगी

             - अमित शाह, गृह मंत्री


इस धरती की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हरियाणा में राजनीतिक जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी यहां पर कई बड़ी रैली कर चुकी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान यहां के लोगों से सीधे रूबरू हो चुके हैं। वहीं, महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपनी नई पार्टी हरियाणा जनसेवक पार्टी का आगाज भी जींद से ही किया था।  जिंद जिले की एक और विधानसभा सीट उंचाना कलां हमेशा से हरियाणा की राजनीति में अहम स्थान रखता है। ट्रेजडी किंग के खिताब के पीछे की कहानी भी यहीं से जुड़ा हुआ है। हरियाणा की राजनीतिक सें चौधरी बीरेंद्र सिंह को ट्रेजडी किंग के नाम से भी जाना जाता है। उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए वर्ष 1991 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया। बीरेंद्र सिंह का CM बनना तय था, लेकिन उसी समय राजीव गांधी की हत्या हो गई। इसके साथ ही बीरेंद्र सिंह के सितारे गर्दिश में चले गए और कांग्रेस हाईकमान ने 23 जुलाई 1991 को उनकी जगह भजनलाल को CM बना दिया।

बीरेंद्र सिंह खुद कई बार कह चुके हैं कि उनका 2009 में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार में मंत्री बनना तय हो चुका था। उन्हें पार्टी का ऑफिशियली इन्विटेशन भी मिल गया कि कल सुबह मंत्रिपद की शपथ लेनी है। उन्होंने नया सूट सिलवा लिया, लेकिन सुबह पता चला कि केंद्रीय मंत्रियों वाली लिस्ट से उनका नाम कट चुका है। ऐन मौके पर होने वाले ऐसे घटनाक्रमों के चलते ही बीरेंद्र सिंह को हरियाणा की राजनीति का ट्रेजडी किंग कहा जाने लगा।