अनुच्छेद 315- संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
इस अनुच्छेद के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग और प्रत्येक राज्य के लिए एक
लोक सेवा आयोग होगा
अनुच्छेद
316- सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि
लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों
की नियुक्ति, संघ आयोग या संयुक्त आयोग है तो, राष्ट्रपति द्वारा और, यदि वह राज्य आयोग
है तो, राज्य के राज्यपाल
द्वारा की जाएगी
अनुच्छेद
317- लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना
खंड 3 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल
कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के आदेश से उसे पद से हटाया जाएगा. अथवा राष्ट्रपति
सर्वोच्च न्यालय को हटाने के लिए निर्देश दे सकते हैं.
अनुच्छेद
318- आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों की सेवा की शर्तों के बारे में नियम बनाने की
शक्ति
संघ
लोक सेवा आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति और राज्य आयोग की दशा में उस
राज्य का राज्यपाल नियमों द्वारा आयोग के सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा की
शर्तों का निर्धारण कर सकेगा
अनुच्छेद
319- आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में
प्रतिषेध
संघ
लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी भी और
नियोजन का पात्र नहीं होगा
अनुच्छेद
320- लोक सेवा आयोगों के कृत्य
संघ
और राज्य लोक सेवा आयोगों का यह कर्तव्य होगा कि वे संघ की सेवाओं और राज्य की
सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षाओं का संचालन करें
अनुच्छेद
321- लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति
संसद
द्वारा या किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाया गया कोई अधिनियम लोक संस्था की
सेवाओं के संबंध में भी अतिरिक्त कृत्यों के प्रयोग के लिए उपबंध कर सकेगा
अनुच्छेद
322- लोक सेवा आयोगों के व्यय
संघ
या राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय, जिनके
अंतर्गत आयोग के सदस्यों या कर्मचारी को या उनके संबंध में कोई वेतन, भत्ते और पेंशन हैं, भारत की संचित निधि या राज्य की संचित
निधि से होंगे
अनुच्छेद
323- लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
संघ
आयोग का यह कर्तव्य होगा कि वह राष्ट्रपति को आयोग द्वारा किए गए कार्य के बारे
में प्रतिवर्ष प्रतिवेदन दे
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