30 March 2021

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पालघर 2

देश में साधुओं पर एक के बाद एक लगातार हमले होरहे हैं. कभी पालघर तो कभी बिलासपुर. साधुओं के साथ होरही बर्बरता में कभी रक्षक मूकदर्शक बन जाता है तो कभी भक्षक. आदि आनादी काल से सम्पूर्ण राष्ट्र में मानवहित के प्रवर्तक व रक्षक साधु आज अपने ही देश में कायरों के हाथों बलि चढ़ रहे हैं.  ताज़ा मामला कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर का है जहां पर पुलिस के द्वारा एक नागा साधु की बेरहमी से पिटाई कर दी गई. 



साधु को इसकदर पीटा गया की उसके शरीर पर जख्म के निशां साफ तौर पर देखा जासकता है. घायल अवस्था में साधु किसी तरह न्याय के लिए आईजी ऑफिस पहुंचकर इसकी शिकायत की. हिन्दू संगठनों के दबाव में पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर लियालेकिन अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट का मामला बनाया गया. जबकि इस पूरे घटनाक्रम के आरोप सीधे पुलिस वाले हैं. साधु के साथ हुई पुलिसिया बर्बरता के बाद कई अहम सवाल खड़े होरहे है. बिलासपुर पुलिस अपने ही कृत्य के कारण ख़ुद कई सवालों से घिर चुकी है.



छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में नागा साधु से उसके तकरीबन सवा लाख रुपए और जरूरी दस्तावेज सहित मोबाइल फोन छीन लिए गया. साधु और हिंदू धर्म गुरुओं ने तोरवा पुलिस के चार सिपाहियों पर स्पष्ट आरोप लगाए हैं. इस पूरे मामले में दोषी पुलिस वालों के बचाव में पुलिस ने अपनी एक अलग थ्योरी तैयार कर ली है. हालांकि पुलिस की थ्योरी को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठने लगे हैं. नागा साधु ने बिलासपुर IG से शिकायत में पुलिस पर मारपीट का गम्भीर आरोप लगाया है,  फिर इस एंगल पर जाँच अब तक क्यों नहीं..? 



पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ लूट का अपराधिक मामल दर्ज किया है, फिर पुलिस के पास नागा साधु का मोबाईल फ़ोन कैसे आ गया..? सुदर्शन न्यूज़ से बातचीत में थाने के इंचार्ज नागा साधु को मानसिक रुप से बीमार बता रहे हैं, उन्होंने कैसे ये तय कर लिया कि नागा साधु मानसिक रूप से बीमार है..? क्या किसी प्रार्थी के साथ पुलिस को ऐसा बलप्रयोग करने का अधिकार..? 



अब तक इतने संवेदनशील मामले में कांग्रेस सरकार के किसी ज़िम्मेदार नेता या मंत्री की कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं नई है..? क्यों नागा साधु की बात सुनने में छत्तीसगढ़ की पुलिस को इतनी देरी लग गई..? नागा साधु के शरीर में दिख रहे चोट के निशान पर पुलिस मौन क्यों है..? ये कई ऐसे अहम सवाल हैं जिसका जवाब आज देश जानना चाहता है.

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