26 March 2025

कॉमेडी पर कोहराम ! कामरा के जोक्स पर सियासी संग्राम ! हैबिटेट स्टूडियो पर चला BMC का हथौड़ा, कुणाल कामरा विवाद में कूदीं कंगना

 

महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे के खिलाफ पैरोडी सॉन्ग के जरिए विवादों में घिरे कॉमेडियन कुणाल कामरा को मुंबई पुलिस ने समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। हालांकि, मुंबई में नहीं होने की वजह से कुणाल पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे। मुंबई पुलिस ने नोटिस की एक फिजिकल कॉपी कामरा के घर पर भी भेजी है। कामरा को इस नोटिस के बारे में वॉट्सऐप से भी सूचित किया गया है। पुलिस मुंबई स्थित उनके घर भी पहुंची, जहां उनके माता-पिता रहते हैं। वहीं विवाद के बीच डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने कहा-

 

                            कामरा की कॉमेडी पर शिंदे का बयान

 

किसी पर हास्य व्यंग्य करना, कटाक्ष करना गलत नहीं है, लेकिन इसकी भी एक मर्यादा होती है। कुणाल कामरा ने जो किया, ऐसा लगता है कि उन्होंने सुपारी लेकर ऐसा किया है। कटाक्ष करते समय एक शिष्टाचार बनाए रखा जाना चाहिए, वर्ना एक्शन का रिएक्शन भी होता है।

 

स्टैंड-अप कॉमेडियन कामरा ने अपने शो में शिंदे के राजनीतिक करियर पर कटाक्ष किया था। कामरा ने फिल्म 'दिल तो पागल है' के एक गाने की पैरोडी की थी, जिसमें शिंदे को गद्दार कहा गया। गाने के जरिए शिवसेना और NCP में विभाजन को लेकर भी मजाकिया लहजे में कमेंट किया था। कामरा का वीडियो सामने आने के बाद 22 मार्च की रात शिवसेना शिंदे गुट के समर्थकों ने मुंबई के खार इलाके में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में जमकर तोड़फोड़ की। शिंदे ने कहा, 'इसी व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की थी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह किसी के लिए सुपारी लेकर काम करना है। इस बीच तोड़फोड़ की घटना को लेकर कुणाल कामरा ने कहा-

 

विवादित कॉमेडी पर कामरा का बयान

 

"मैं माफ़ी नहीं मागूंगा। मैंने ठीक वही कहा जो अजित पवार (प्रथम उप मुख्यमंत्री) ने एकनाथ शिंदे (दूसरे उप मुख्यमंत्री) के बारे में कहा था। मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं बिस्तर के नीचे छिपकर मामला शांत होने का इंतज़ार नहीं करूंगा। एंटरटेनमेंट वेन्यू महज एक प्लेटफ़ॉर्म है। यह हर किस्म के शो का मंच है। हैबिटेट मेरी कॉमेडी के लिए ज़िम्मेदार नहीं है, और जो भी मैं कहता या करता हूं, उस पर उसका कोई अधिकार या नियंत्रण नहीं है। ना ही किसी और पार्टी का कोई अधिकार है। एक कॉमेडियन के कहे शब्दों के लिए किसी जगह को नुकसान पहुंचाना, वैसी ही नासमझी है जैसे अगर आपको चिकन नहीं परोसा जाता तो आप टमाटर के ट्रक को पलट दें। जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और राजनीति तंत्र के तमाशे का मज़ाक उड़ाना क़ानून के ख़िलाफ़ नहीं है। मेरे ख़िलाफ़ किसी भी क़ानूनी कार्यवाही के लिए मैं पुलिस और कोर्ट का सहयोग करने को तैयार हूं। जो लोग मेरा नंबर लीक करने या लगातार मुझे कॉल करने में व्यस्त हैं, उनके लिएः मुझे यक़ीन है कि आपको अबतक पता चल गया होगा कि अनजान कॉल्स मेरे वाइसमेल में जा रहे हैं, जहां आपको वो गाना सुनाई देगा, जिससे आपको नफ़रत है।"

 

कुणाल कामरा को लेकर फिल्म जगत के कुछ सितारे सपोर्ट में तो कुछ विरोध में नजर आ रहे हैं। एक्ट्रेस और मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनौत ने कि भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कंगना ने कहा-

 

कामरा की कॉमेडी पर कंगना का बयान

 

कॉमेडी के नाम पर किसी की इज्जत उछालना गलत है। ये वही लोग हैं, जो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाए। आप कोई भी हो और किसी के काम से यदि असहमत हैं तो इस तरह से नहीं बोल सकते। जब बीएमसी ने मेरे ऑफिस को तोड़ा था तब भी कामरा ने मजाक उड़ाया था। मेरे साथ जो हुआ वह गैरकानूनी था और इनके साथ जो हुआ वह लीगल है। आप कॉमेडी के नाम पर उनकी इज्जत उछाल रहे हैं। उनकी बुराई कर रहे हैं और उनके काम को नजरअंदाज कर रहे हैं। एकनाथ शिंदे जी किसी जमाने में रिक्शा चलाते थे। आज वो अपने दम पर हैं? और कॉमेडी के नाम पर ऐसा करने वालों के पास क्या है? उन्होंने खुद की जिंदगी में क्या किया है, ये लोग जो जिंदगी में कुछ कर नहीं पाए। मैं कहती हूं कि अगर वो कुछ लिख सकें तो साहित्य में क्यों नहीं लिखते? कॉमेडी के नाम पर गाली या अभद्रता करते हैं। कॉमेडी के नाम पर गाली-गलौज करना, हमारे ग्रंथों का मजाक उड़ाना, लोगों का मजाक उड़ाना, माताओं-बहनों का मजाक उड़ाना गलत है। आजकल सोशल मीडिया पर किस तरह के लोग आ गए हैं, जो खुद को इनफ्लूएंसर्स कह रहे हैं। हमारा समाज कहां जा रहा है। दो मिनट की फेम के लिए ये क्या कर रहे हैं हमें इस बारे में सोचना चाहिए

 

कुणाल कामरा पर कार्रवाई को लेकर चौतरफा मांग उठ रही है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कामरा की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, कुणाल कामरा ने कानून के खिलाफ बात की है। उन्होंने एक नेता का अपमान करने की कोशिश की है। उन्हें किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

 

इस मामले में अब महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने शिवसेना (शिंदे गुट) की युवा शाखा द्वारा की गई तोड़फोड़ की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की सरकार ज्यादा दिन नहीं टिक सकती। अगर कुछ गलत है, तो उन्हें अदालत जाना चाहिए। तोड़फोड़ करना और किसी की आवाज दबाना गलत है। सरकार को आलोचना सहने की क्षमता होनी चाहिए। अगर किसी ने केवल हंसी-मजाक के लिए कॉमेडी की है, तो सरकार को इसे हंसी में उड़ा देना चाहिए।

 

सत्ता पक्ष कामरा पर कार्रवाई की मांग कर रहा है तो वहीं विपक्ष खुलकर समर्थन कर रहा है। शिवसेना- UBT की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को लेकर जारी विवाद पर सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात का सबूत है कि सरकारें किसी भी तरह की आलोचना को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं। यह विवाद इस बात का प्रमाण है कि सरकारें किसी भी प्रकार की आलोचना के प्रति कितनी असहिष्णु हैं। हमने केंद्र में ऐसा होते देखा था, और अब वही मॉडल राज्यों में लागू किया जा रहा है। प्रियंका चतुर्वेदी के इस बयान से साफ है कि विपक्ष सरकार की नीतियों और आलोचना सहने की क्षमता पर सवाल उठा रहा है। यह विवाद न सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बल्कि सरकारी तंत्र के दुरुपयोग को लेकर भी बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।

 

शिवसेना- यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे का कहना है कि किसी को देशद्रोही कहना किसी पर हमला नहीं है। इसके बाद उन्होंने कहा कि 'गद्दार सेना' द्वारा किए गए हमले से शिवसेना का कोई लेना-देना नहीं है। जिनके खून में 'गद्दारी' है, वे कभी शिवसैनिक नहीं हो सकते। "मुझे नहीं लगता कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है। 'गद्दार' को 'गद्दार' कहना किसी पर हमला नहीं है।

 

एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी और शिवसेना (शिंदे गुट) कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बर्बरता पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा कि कुणाल कामरा देश के शीर्ष नेताओं और पत्रकारों के लिए बार-बार अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं, ताकि वे अपनी लोकप्रियता बढ़ा सकें।

 

एकनाथ शिंदे की टिप्पणी के बाद से ही कुणाल कामरा बयानों को लेकर सवालों के खेरे में हैं। कामरा का इतिहास उठाकर देखा जाए तो सामने आता है कि यह पहली बार नहीं है, जब उनका विवादों से पाला पड़ा हो। खासकर विवादित टिप्पणी के मामले में। कामरा सुप्रीम कोर्ट, पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़,  अर्णब गोस्वामी,  ओला के सीईओ सहीत देवी-देवताओं के अपमान को लेकर कानूनी नोटिस का सामना कर चुके हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि इस बार कामरा पर क्या कुछ कार्रवाई होती है।

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