02 February 2022

जाट वीरांगना रामप्यारी वीर गूजरी जी का अमर गाथा

काली खप्पर वाली जैसा हरदम उसका मान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

अपनों की खुशियों से ही खुद उसकी खुशियां सारी थी

जिसके तेवर के आगे संपदा स्वयं को हारी थी

 

धर्म परायण कर्म परायण कैसी अद्भुत नारी थी

वीर रामप्यारी भारत की वंदन की अधिकारी थी

मातृ शक्ति देवी पूजन का इनसे सदा विधान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

 

एक विदेशी आतंकी जब भारत में घुस आया था

तैमूर लंग ने बर्बरता का कैसा कहर मचाया था

धर्म और स्त्री मर्यादा पर संकट जब छाया था

तब दादी राणी ने अपने हाथों शस्त्र उठाया था

 

सनातनी ध्वज का उस योद्धानी से ही सम्मान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

 हरियाणा की सर्वखाप पंचायत में वो फुट पड़ी

(सर्वखाप पंचायत में वो ज्वाला जैसी फूट पड़ी)

 

ले 40 हजार सैनिक दुश्मन के दल पर टूट पड़ी

धर्म शत्रुओं पर बन कर चिंगारी जैसी छूट पड़ी

एक अकेली भारी वो सब पर पी खून का घूंट पड़ी

जो वंशज तैमूर के होंगे उनको भी ये ध्यान रहेगा

 

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

बन विहंग रक्तिम तरंग नाहर सी वो हुंकार चली

बढ़ी जिधर रण भूमि पर उसकी अकाट्य तलवार चली

वार पीठ पर पाया दुश्मन से तो रक्त की धार चली

 

मरने से पहले चामुंडा सा वो कर संहार चली

ऐसे ही बलिदानों से जीवित ये हिन्दुस्तान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

अग्निवंश और सूर्यवंश के मूल से उपजे वीर बढ़े

 

देशप्रेम के लिये नयन में भर गंगा का नीर बढ़े

देशद्रोहियों से लेने लोहा देखो रणधीर बढ़े

लक्ष्य साध गुर्जर क्षत्रिय धरती का सीना चीर बढ़े

गुर्जर वंश धर्म युद्ध लड़ने में सदा प्रधान रहेगा

रामप्यारी वीर गूजरी पर हमको अभिमान रहेगा

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