15 February 2022

हिजाब के आड़ में गजवा ए हिन्द का एजेंडा

देशभर में हिजाब पर महासंग्राम जारी है. कर्नाटक के उडुपी कॉलेज से शुरू हुआ ये विवाद अब देशभर में फ़ैल चुका है. इस विवाद का मूल वजह है कर्नाटक सरकार का एक आदेश जिसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 की धारा 133 को लागू कर दिया है. जिसके तहत सभी छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफार्म का पालन करना अनिवार्य होगा. निजी संस्थानों में भी यह नियम लागू होगा, इसके लिए सरकार ने निजी संस्थानों को निर्देश जारी किया है. निजी शैक्षणिक संस्थान अपने सुविधा अनुसार संस्थान की ड्रेस का निर्धारण कर सकते हैं.

कर्नाटक के उडुपी कॉलेज से जुड़े हुए हिजाब विवाद की आंच उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हिजाब विवाद राजनीतिक व सामाजिक मुद्दा बन रहा है. शैक्षणिक संस्थानों द्वारा हिजाब को प्रतिबंधित करने वाले आदेश को कर्नाटक के छात्राओं ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में पीआईएल दाखिल की थी. जिसके बाद इस विषय पर पूरे देश में चर्चा हो रही है कि मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा संस्थानों में हिजाब पहन कर आना चाहिए या नहीं? जहां एक पक्ष शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को प्रतिबंधित करने की मांग कर रहा है वहीं दूसरा पक्ष इसे अपना संवैधानिक अधिकार बता रहा है.

हिजाब विवाद पर सुनवाई कर रही कर्नाटक हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने अब इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. अब तक मामले की सुनवाई जस्टिस  कृष्णा दीक्षित की सिंगल बेंच कर रही थी. अब यह मामला हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को सौंप दिया गया है.

इस विवाद की शुरुआत तब शुरू हुई, जब गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर विमेन में छह छात्राओं को हिजाब पहन कर आने से रोक दिया गया. छात्राओं ने कॉलेज के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था और हाईकोर्ट में इसके खिलाफ दायर कर दी. छात्राओं ने इस फैसले के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार कर रखा है.

कर्नाटक के स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है. मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने कहा कि उचित समय पर हम इस अर्जी पर सुनवाई करेंगे.

अदालत ने अर्जी दाखिल करने वालों को नसीहत दी है कि वे इस मामले को ज्यादा बड़े लेवल पर न फैलाएं. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इसे राष्ट्रीय मुद्दा न बनाएं.

इस पूरे विवाद में पाकिस्तान और अमेरिका भी कूद पड़े हैं. पाकिस्तान और  अमेरिका इसे धार्मिक आजादी बता कर हिजाब विवाद को धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रहे है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में दूसरे देशों को दखलअंदाजी न करने को कहा है. फिलहाल इस पूरे मसले पर अब सबकी निगाहें कर्नाटक हाई कोर्ट पर टिकी हुई है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि कोर्ट क्या कुछ फैसला सुनाता है.

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