14 July 2022

शिंजो आबे की हत्या अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र ? इस हत्या से भारत ने क्या सीख ली ?

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन हो गया है. हमलावर ने उन पर दो गोलियां चलाई थीं. कई घंटों तक इलाज के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. शिंजो आबे नारा शहर में एक रैली कर रहे थे, तभी हमलावर ने उन पर दो गोलियां चलाईं थीं. एक गोली उनके सीने के आरपार चली गई, जबकि दूसरी गोली गर्दन पर लगी. गोली लगते ही आबे सड़क पर गिर पड़े थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. शिंजो आबे पर ये हमला शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे हुआ. रविवार को जापान में ऊपरी सदन के चुनाव हैं. आबे इसी चुनाव के लिए कैंपेनिंग कर रहे थे. आबे ने जैसे ही बोलना शुरू किया, वैसे ही उनपर पीछे खड़े हमलावर ने गोलियां चला दीं. आबे की हत्या करने वाले की पहचान यामागामी तेत्सुया के रूप में हुई है. उसकी उम्र 41 साल है. गोली चलाने के बाद यामागामी ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पूछताछ में यामागामी ने बताया है कि वो आबे की किसी बात से 'नाराज' था, इसलिए उनकी जान लेना चाहता था. 


पीएम मोदी ने अपने खास दोस्त पर हमले को लेकर दुख व्यक्त किया है. शिंजो आबे 1957 में स्वतंत्र भारत की यात्रा करने वाले पहले जापानी प्रधान मंत्री नोबुसुके किशी के नाती थे. आबे का भारत से नाता बचपन से जुड़ा था. आबे ने अपनी भारत यात्रा के दौरान उन कहानियों को याद किया था जो उन्होंने बचपन में अपने नाना की गोद में बैठकर भारत के बारे में सुनी थीं. शिंजो आबे का भारत को लेकर खास लगाव था. यह लगाव काशी से लेकर क्योटो तक दिखाई देता था. आबे का भारत की संस्कृति से लेकर द्विपक्षीय संबंधों को लेकर जो निकटता थी वह कई मौकों पर दिखाई थी. बुलेट ट्रेन परियोजना से लेकर असैन्य परमाणु समझौते में आबे की भूमिका भारत से उनके प्रति प्यार को दर्शाती है.

शिंजो आबे पर ये हमला शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे हुआ. रविवार को जापान में ऊपरी सदन के चुनाव हैं. आबे इसी चुनाव के लिए कैंपेनिंग कर रहे थे. आबे ने जैसे ही बोलना शुरू किया, वैसे ही उनपर पीछे खड़े हमलावर ने गोलियां चला दीं. आबे की हत्या करने वाले की पहचान यामागामी तेत्सुया के रूप में हुई है. उसकी उम्र 41 साल है. गोली चलाने के बाद यामागामी ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पूछताछ में यामागामी ने बताया है कि वो आबे की किसी बात से 'नाराज' था, इसलिए उनकी जान लेना चाहता था. 

पीएम मोदी ने अपने खास दोस्त पर हमले को लेकर दुख व्यक्त किया है. शिंजो आबे 1957 में स्वतंत्र भारत की यात्रा करने वाले पहले जापानी प्रधान मंत्री नोबुसुके किशी के नाती थे. आबे का भारत से नाता बचपन से जुड़ा था. आबे ने अपनी भारत यात्रा के दौरान उन कहानियों को याद किया था जो उन्होंने बचपन में अपने नाना की गोद में बैठकर भारत के बारे में सुनी थीं.

शिंजो आबे का भारत को लेकर खास लगाव था. यह लगाव काशी से लेकर क्योटो तक दिखाई देता था. आबे का भारत की संस्कृति से लेकर द्विपक्षीय संबंधों को लेकर जो निकटता थी वह कई मौकों पर दिखाई थी. बुलेट ट्रेन परियोजना से लेकर असैन्य परमाणु समझौते में आबे की भूमिका भारत से उनके प्रति प्यार को दर्शाती है.


कुछ महत्वपूर्ण सवाल 

 

01. जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या क्या अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है ?

 

02. शिंजे आबे ने भारत में बुलेट ट्रेन और असैन्य परमाणु समझौते में अहम योगदान दिया था, हत्या के पीछे साजिश के ये कारण तो नहीं ?

 

03. भारत के साथ जापान की दोस्ती से अमेरिका और चीन हमेशा परेशान रहते हैं, क्या इनकी भी कोई भूमिका है ?

 

04. रविवार को जापान में ऊपरी सदन के चुनाव है, आबे इसी चुनाव के लिए कैंपेनिंग कर रहे थे, क्या हत्या के पीछे ये भी एक मुख्य वजह हो सकता है ?

 

05.हमलावर का संबंध जापानी सेना से बताया जा रहा है, इससे पहले भी जापान में नेवी के अधिकारियों ने ही जापान के प्रधानमंत्री की हत्या कर दी थी, क्या इसके पीछे सैन्य ताकतें तो नहीं ?

 

06. शिंजे आबे की हत्या पर शक्ति संपन्न राष्ट्र चुप हैं, इनकी चुप्पी क्या किसी संदेह की ओर इशारा नहीं करते ?

 

07. शिंजे आबे एक बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध रखते थे, क्या इसके पीछे जापान की आंतरिक राजनीति तो वजह नहीं है ?

 

08. जापान में भी नव बौद्ध राष्ट्रवादी नेताओं का विरोध करते हैं, क्या शिंजे की हिन्दू धर्म के प्रति आस्था हत्या की वजह तो नहीं ?

 

09.पूछताछ में आरोपी यामागामी ने बताया है कि वो आबे की किसी बात से 'नाराज' था, मगर किस बात से नाराज़ था, इसका खुलासा अबतक क्यों नहीं हुआ ?


10.   शिंजे आबे की हत्या को अन्य मीडिया हाउस अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के एंगल से क्यों नहीं दिखा रहे हैं ?

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