गुजरात दंगों में रची गई साजिश की जाँच
कर रही SIT की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है. इस खुलासे ने
राष्ट्रविरोधी गैंग की पोल खोल दी है. PM मोदी को फँसाने के लिए रची साजिश के सूत्रधार रहे
कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल पर कई गंभीर प्रश्न खड़ा हुआ है. तीस्ता सीतलवाड़, IPS संजीव भट और पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार को इस साजिश को अंजाम
देने का जिम्मा सौंपा गया था. इस प्लानिंग के तहत गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार
को भी अस्थिर इनका मकसद था.
ये खुलासा SIT के उस जाँच रिपोर्ट से हुई है जिसे अहमदाबाद सेशन
कोर्ट में दाखिल की गई है. कॉन्ग्रेसी नेता और एक समय सोनिया गाँधी के राजनैतिक
सलाहकार रहे अहमद पटेल की मृत्यु हो चुकी है. ऐसे में अब सोनियां गाँधी पर ये
प्रश्न उठ रहा है कि आखिर सोनियां गाँधी अबतक इस खुलासे पर चुप्पी क्यों साधी हुई
है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साजिश में मुख्य रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री
और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाने पर थे. उनके अलावा कई अन्य ऐसे लोगों
को भी निशाने पर लिया गया था, जो
बेगुनाह थे. ऐसे में इस बेगुनाही के राष्ट्र विरोधी गैंग पर कार्रवाई कब होगी ?
तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए SIT ने कोर्ट को बताया है कि गुजरात की छवि को धूमिल करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को तत्कालीन राज्यसभा सांसद और तब की कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल से निर्देश मिले थे. तीस्ता की जमानत के विरोध में SIT ने कोर्ट में 2 गवाह भी पेश किए हैं. न्यायालय में दिए गए शपथपत्र में SIT ने कहा है कि “तीस्ता सीतलवाड़ ने मीटिंग के सप्ताह भर में ही दंगों के दौरान बने एक राहत कैम्प में राजनैतिक लोगों के साथ मीटिंग की थी. दंगों के 4 महीने बाद तीस्ता सीतलवाड़ और IPS संजीव भट ने अहमद पटेल से उनके दिल्ली आवास पर गुप्त मुलाक़ात की थी.” SIT का दावा है कि बाद में ये दोनों तत्कालीन केंद्र सरकार के कुछ अन्य नेताओं से भी मिले थे.
इस मुलाकात का मकसद गुजरात भाजपा के सीनियर नेताओं को फँसाना था. इस खुलासे के बाद से राजनितिक गलियारों में हडकंप मची हुई है. SIT का दावा है कि 2007 में केंद्र सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ को पद्मश्री सम्मान उनके गुजरात सरकार पर दुर्भावनापूर्ण आरोपों के चलते दिया था. SIT ने तीस्ता सीतलवाड़ पर चंदे से मिले पैसे का निजी कार्यों में उपयोग करने का भी आरोप लगाया है. तीस्ता सीतलवाड़ पर ये भी आरोप अहि कि इन्होंने ज़किया जाफरी को सिखाने-पढ़ाने का काम किया जो दुर्भावनापूर्ण था.
कुछ महत्वपूर्ण सवाल
01.गुजरात
दंगों में रची गई साजिश से अभी भी पुरा पर्दा नहीं उठा है। इस राष्ट्र विरोधी गैंग
की संपूर्ण और विशेष जाँच कब होगी ?
02.PM मोदी को फंसाने के लिए रची गई साजिश
में सोनिया गाँधी शामिल थी, तो सोनिया गाँधी पर कार्रवाई कब होंगी ?
03.SIT जाँच में खुलासा खुलासा हुआ है कि
प्रधानमंत्री मोदी को फंसाने के सूत्रधार के रूप में अहमद पटेल शामिल थे, क्या इसके लिए कांग्रेस पार्टी माफी मांग
कर उनके टीम पर कार्रवाई करेगी ?
04.तीस्ता
सीतलवाड़, IPS संजीव
भट्ट और पूर्व DGP आरबी
श्रीकुमार साजिश में थे, इनसब पर कठोर कार्रवाई कब होगी ?
05.प्लानिंग
के तहत गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार को अस्थिर करना कांग्रेस का मकसद था, फिर कांग्रेस कैसे लोकतंत्र की बातें
करती है ?
06.तीस्ता
और कांग्रेस के साजिश में कई अन्य ऐसे लोगों और नेताओं को भी निशाने पर लिया गया
था जो बेगुनाह थे, उन बेगुनाह लोगों को कौन न्याय दिलाएगा ?
07.तीस्ता
सीतलवाड़ की NGO सिटीजन्स
फॉर जस्टिस को अबतक बैन क्यों नहीं किया गया ? इसी NGO से तीस्ता ने करोडों रुपए का घोटाला
किया है।
08.तीस्ता
सीतलवाड़ को 2007 में दिया गया पद्मश्री सम्मान कब वापस लेंगे ?
09.2002
में राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार तीस्ता सीतलवाड़ को देना, क्या कांग्रेस पार्टी की भूमिका को और
स्पष्ट नहीं करता ?
10.अहमद
पटेल और सोनिया गाँधी के द्वारा तीस्ता को 30 लाख रुपए देना क्या मोदी की राजनीतिक
हत्या की सुपारी देना नहीं है ?
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