14 July 2022

जिहादियों के कारखानों मदरसों को बंद करो ! गजवा-ए-हिन्द की पाठशाला पर प्रहार

जिहाद और मदरसे के सम्बन्धों पर लंबे समय से बहस चल रही है, लेकिन इनके प्रति राजनीतिक नेतृत्व की नरम स्थिति के कारण, कानून प्रवर्तन एजेंसियां हमेशा कोई कड़ी जांच करने और किसी भी गंभीर कार्रवाई करने में संकोच करती रही हैं. मदरसे अब केवल शिक्षा व्यवस्था के लिए नहीं बल्की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती बन गए हैं.

राजस्थान के उदयपुर में हाल ही में हुई जिहादी आतंक की बर्बर क्रूरता ने देश और सुरक्षा एजेंसियों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है. यही कारण हैं कि आतंकवादी घटनाओं और जिहादी गतिविधियों के लिए अब मदरसे को मूल वजह माना जा रहा है. 

विशेषज्ञ के अनुसार इस्लामी कट्टरवाद और जिहाद के पीछे मदरसों की भी एक अहम भूमिका है. भारत में इन मदरसों को लेकर पिछले दो-तीन दशकों में कुछ अध्ययन हुए हैं. मगर जिहाद और आतंकवाद में इनकी भूमिका को लेकर कुछ क्षेत्रीय दल और सेक्युलर पार्टियां इनका बचाव करती हैं. कागजों पर तो मदरसे अरबी भाषा और संस्कृति सीखने के केंद्र कहे जाते हैं. मगर हकीकत ये है कि इन विषयों की आड़ में उन्हें जिहाद का पाठ पढ़ाया जा रहा है.

भारतीय उपमहाद्वीप में मदरसे इस्लामिक आक्रमण और उसके बाद सत्ता नियंत्रण करने के लिए शुरू हुआ था. मगर ये देश में धीरे-धीरे जिहाद का केंद्र के रूप में स्थापित हो गया.

वर्ष 1950 में भारत में केवल 88 मदरसे थे, जो अब बढ़कर 5 लाख से अधिक हो गए हैं. 21 अप्रैल, 2017 को दिल्ली और उत्तर प्रदेश को निशाना बनाने के उद्देश्य से एक आतंकी साजिश की योजना बनाने के लिए, बिजनौर के एक मदरसे से पांच मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी हुई थी. इसी तरह की गिरफ्तारियां महाराष्ट्र में मुंबई, पंजाब के जालंधर और बिहार के पूर्वी चंपारण जिलों से भी हुई थी.

इससे साबित होता है कि मदरसा हीं जिहाद और आतंकवाद का केंद्र बिन्दु है. इन मदरसों के रास्ते जिहाद और आतंक का पौध भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में आतंकवाद की नर्सरी बन गए हैं. इसलिए आज ये प्रश्न खड़ा हुआ है कि क्यों न जिहादियों के कारखाने मदरसों को बंद किया जाय?


                                                कुछ महत्वपूर्ण सवाल


01. मदरसों में लगातार हो रहे जिहादी गतिविधियों के बावजूद राज्य सरकारें इसे बंद क्यों नहीं कर रही हैं ?

 

02. मदरसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बन रहे हैं, सुरक्षा एजेंसियां इसकी जाँच क्यों करती हैं ?

 

03. आतंकवादी घटनाओं और जिहादी गतिविधियों में शामिल मदरसों की विदेशी फंडिंग की जाँच क्यों नहीं होती ?

 

04. इस्लामिक कट्टरवाद और जिहाद के पीछे मदरसों की अहम भूमिका है, ये बात जाँच में साबित हो चुकी है, फिर भी अबतक मदरसे कैसे चल रहे हैं ?

 

05. देश में इस वक्त लगभग 5 लाख से ज्यादा मदरसे हैं, इसे नियंत्रित करने के लिए कोई नियामक क्यों नहीं है ?

 

06. देश में आतंकवाद की नर्सरी बन चुके मदरसे, क्या गजवा- ए- हिन्द का एजेंडा चला रहे हैं, इसे क्यों नहीं रोका जा रहा है ?

 

07. आतंकी समर्थक उलेमा और मौलाना भारतीय मदरसों में जिहादी भाषण देकर आतंक को बढ़ावा देते हैं, इसपर कार्रवाई क्यों नहीं होती ?

 

08. पाकिस्तान के अधिकतर मदरसे आतंकी ट्रेनिंग सेंटर बन चुके हैं, क्या भारत में भी मदरसों को इसीलिए बढ़ाया जा रहा है ?

 

09. दुनिया के कई देशों ने मदरसों को इस्लामिक आतंकवाद का केंद्र माना है, फिर अमेरिका सहित ताकतवर देश इसपर रोक क्यों नहीं लगाते ?

 

10. भारत में मदरसों को इस्लामिक सत्ता नियंत्रण करने के लिए शुरू किया गया था, देश में अब लोकतंत्र है, फिर मदरसों को क्यों चलाया जा रहा है ?

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