वर्तन निदेशालय ने कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ की है. सोनिया गांधी दोपहर 12 बजे ईडी दफ्तर पहुंचीं. इधर, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता ईडी की
कार्रवाई के विरोध पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए. दिल्ली में विरोध कर रहे कई वरिष्ठ
कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया गया. तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि
क्या कांग्रेस संविधान और देश से ऊपर है ? क्या गाँधी-नेहरु परिवार संवैधानिक
संस्थाओं को अपना जागीर समझता है.
दो घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने
सोनिया गांधी के अनुरोध पर सत्र खत्म कर दिया. ईडी ने अब 25 जुलाई को फिर से सोनिया गाँधी को बुलाया
है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ED द्वारा समन किये जाने पर बेंगलुरु में
युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ED कार्यालय
के सामने प्रदर्शन किया एक कार को आग के हवाले कर दिया. वहीँ राजधानी दिल्ली में
भी कांग्रेस ने उग्र प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल
किया गया, कई सांसद हिरासत में लिए गए.
राहुल सोनिया पर आरोप है कि कांग्रेस
ने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL से 90 करोड़ रुपए लोन की रिकवरी का अधिकार यंग इंडियन लिमिटेड को ट्रांसफर
किया और यंग इंडियन लिमिटेड ने AJL की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को कांग्रेस पार्टी को महज 50 लाख रुपए का भुगतान करते हुए अधिग्रहित कर ली.
नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली AJL कंपनी पर कांग्रेस के बकाया 90 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए राहुल-सोनिया की
यंग इंडियन लिमिटेड ने 50 लाख रुपए का भुगतान किया,
इसके बाद कांग्रेस ने AJL के बाकी बचे 89.50
करोड़ रुपए का लोन माफ कर दिया.
YIL को अपना लोन वसूलने के लिए नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को अधिग्रहित
करने का अधिकार मिल गया, जिसमें दिल्ली की प्राइम लोकेशन पर स्थित उसकी बिल्डिंग भी शामिल है, जिसकी कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपए है.
आरोप है कि 2010
में 5
लाख रुपये में बनी यंग इंडियन लिमिटेड की
संपत्ति कुछ ही सालों में बढ़कर 800 करोड़ रुपए हो गई है.
उधर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि यंग इंडियन लिमिटेड में राहुल गांधी को शेयरों से उन्हें 154 करोड़ रुपए की कमाई हुई. इनकम टैक्स डिमार्टमेंट पहले ही 2011-12 के लिए यंग इंडियन लिमिटेड को 249.15 करोड़ रुपए टैक्स भुगतान का नोटिस जारी कर चुका है. और अब ED सोनिया गाँधी से इस हेराफेरी के बारे में पूछताछ कर रही है.
कुछ महत्वपूर्ण सवाल
01. सोनिया- राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाने पर इतना हंगामा क्यों ?
02.क्या आप गांधी परिवार के अपराध पर कोई क़ानूनी नोटिस नहीं दिया जा सकता ?
03.पहले राहुल और अब सोनिया गांधी को बुलाने पर आंदोलन क्यों ?
04.कांग्रेसियों ने जनता की समस्याओं पर कभी आंदोलन क्यों नहीं किया ?
05.कांग्रेस के कई बड़े नेता जेल गए तब सड़क पर क्यों नहीं उतरे ? केवल गांधी परिवार के लिए ही रेल-रास्ता रोको क्यों ?
06.संसद की कार्यवाही छोड़कर सारे सांसद गांधी परिवार के लिए सड़क पर क्यों बैठे ?
07.जिन्होंने चुनकर संसद भेजा उनके मुद्दों पर संसद में उपस्थित क्यों नहीं रहे ?
08.क्या गांधी परिवार संविधान क़ानून और देश से ऊपर है ?
09.स्वतंत्रता आन्दोलन में भी क्रांतिकारियों के साथ गांधी-नेहरू खड़े क्यों नहीं हुए थे ?
10.क्या गांधी परिवार अभी भी देश में
लोकतंत्र होने की अभिव्यक्ति नहीं होने देना चाहता ?
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