पटना पुलिस ने PFI के अजेंडे को लेकर
एक बड़ा खुलासा किया है. बिहार पुलिस ने फुलवारी शरीफ से आतंकी गतिविधियों में
शामिल में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों
जिहादी आतंकियों की पहचान मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के तौर पर हुई है. ये दोनों
मार्शल आर्ट्स सिखाने के नाम पर युवकों का ब्रेन वॉश कर रहे थे. कट्टर जिहादी
मुसलमानों को हथियार चलाना और हमले करने की ट्रेनिंग देते थे. इनका मकसद 2047 तक भारत को मुस्लिम देश बनाना था.
फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार
सिन्हा ने इस संबंध में बताया, कि “भारत विरोधी गतिविधि में संलिप्त होने
के कारण इन दोनों लोगों को गिरफ्तार किया है. आतंकियों के पास पिछले 2 माह से अलग-अलग जगह से लोग मिलने आते
थे और अपनी टिकट और होटल की बुकिंग किसी और नाम से करते थे.”
जिन दो लोगों को पकड़ा गया है उनमें
मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का पूर्व सब इंस्पेक्टर रह चुका है जबकि अतहर
परवेज आतंकी संगठन सिमी का सदस्य रहा है. परवेज फिलहाल पीएफआई-एसडीपीआई से जुड़ा हुआ
है. ये दोनों अनपढ़ और भटके हुए युवकों को संपर्क में लेकर उन्हें आतंकी
गतिविधियों की ट्रेनिंग देते थे.
ट्रेनिंग में ये मार्शल आर्ट और
शारीरिक शिक्षा के नाम पर तलवार और चाकू चलाना सिखाते थे. इसके अलावा धार्मिक
उन्माद फैलाने के लिए उनका ब्रेनवॉश करते थे. पुलिस ने बताया है कि उनके पास इसके
न केवल गवाह हैं बल्कि सीसीटीवी फुटेज भी हैं. वहीं अतहर परवेज का तो भाई 2001-02 में बम ब्लास्ट मामले में जेल भी जा
चुका है.
पुलिस के अनुसार इनके पास से 8 पन्नों का दस्तावेज मिला है. इस
दस्तावेज सड़े पता चला है कि इनका मकसद 2047 तक
भारत को इस्लामी देश बनाने का था. पीएफआई अपने ब्लू प्रिंट के अनुसार 10 फीसद मुस्लिम आबादी को अपने साथ शामिल
कर देश में जिहादी उन्माद फैलाना चाहता है. इसके लिए PFI इस्लाम कबूल करवाने के
लिए भी भोले-भाले हिन्दुओं को निशाना बना रहा है.
पुलिस PFI के पाकिस्तानी कनेक्शन को भी
तलाश रही है. साथ हीं आगे की जाँच के लिए ईडी की मदद भी ली जाएगी. पुलिस को संदेह
है कि ट्रेनिंग देने के लिए इन्हें पाकिस्तान ही पैसे देता था. पुलिस जाँच में इनके
पास से 30 से 40 लाख
रुपए के ट्रांजैक्शन प्रमाण भी मिला है. पुलिस को पता चला है कि इन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और केरल से भी फंडिंग होती
थी.
कुछ महत्वपूर्ण सवाल
01. पटना पुलिस ने PFI के 2 एजेंटों को गिरफ्तार किया है, पर
उनको आतंकवादी क्यों नहीं कहा गया ?
02. ब्रेन वॉश करने और कट्टर जिहादी
मुसलमानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने का खुलासा हुआ है, क्यों न इसे आतंकी संगठन घोषित किया
जाय ?
03. PFI
का मकसद 2047 तक भारत को मुस्लिम देश बनाना है, क्या ये भारत सरकार के खिलाफ युद्ध
छेड़ने जैसा नहीं है ?
04. जिन दो लोगों को पकड़ा गया है उनमें
मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का पूर्व सब इंस्पेक्टर रह चुका है, क्या ये देश के विरुद्ध बगावत नहीं है ?
05. गिरफ्तार अतहर परवेज आतंकी संगठन सिमी
का सदस्य रहा है, अनपढ़ युवकों को आतंकी ट्रेनिंग देता
था, इसकी भनक ख़ुफ़िया एजेंसियों को क्यों
नहीं लगी ?
06. मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के नाम पर
तलवार और चाकू सहित प्रतिबंधित अस्त्र-शस्त्र चलाना क्या हिन्दुओं के विरुद्ध अघोषित
युद्ध नहीं है ?
07. पीएफआई 10 फीसद मुस्लिम आबादी को अपने साथ शामिल
कर देश में जिहादी उन्माद फैलाना चाहता है, फिर
भी सरकारी एजेंसियां मौन क्यों हैं ?
08. PFI
इस्लाम कबूल करवाने के लिए भी
भोले-भाले हिन्दुओं को निशाना बना रहा है, मगर
देश में अबतक धर्मांतरण विरोधी केन्द्रीय कानून क्यों नहीं बना ?
09. पुलिस को PFI के मुस्लिम देशों का कनेक्शन भी मिला
है, तो
सरकार इस्लामिक देशों से खुली बहस क्यों नहीं करती ?
10. PFI को पाकिस्तान, बांग्लादेश और केरल से भी फंडिंग होती थी, इसका भी खुलासा हुआ है, केरल सरकार इसपर मौन क्यों है ?
No comments:
Post a Comment