20 July 2021

जमीयत-उलमा-ए-हिंद का जिहादी चरित्र

जमीयत-उलमा-ए-हिंद का स्याह सच एकबार फिर से सबके सामने आगया है. जो आतंकी 15 अगस्त से पहले यूपी में बम धमाके कर लाशें बिछाना चाहते थे, देश के दुश्मन आतंकियों की खुलकर पैरोकारी करने वाला जमियत उलमा ए हिन्द कौन है और क्या है इसकी पूरी जिहादी कहानी..?, तो आईये हम आपको बताते है इसके बारे में विस्तार से.

जमीयत उलमा-ए-हिंद देशभर के मुसलमानों की पैरोकारी करने के मकसद से वर्ष 1919 में इसका गठन हुआ. इसमें देश के प्रमुख उलमा को शामिल किया गया. गठन के साथ ही जमीयत ने पूरे देश में अपना दायरा बढ़ाना शुरू कर दिया. आज करीब एक करोड़ सदस्यों के साथ ये संगठन कई सारे अपने जिहादी मंसूबो को अंजाम देरहा है.

मगर धीरे-धीरे जमीयत पर हक जताने को लेकर विवाद भी शुरू होता गया.. यह विवाद वर्ष 2007 में तब जगजाहिर हुआ जब चाचा मौलाना अरशद मदनी और भतीजे मौलाना महमूद मदनी के बीच जमीयत को लेकर आपसी मनमुटाव हो गया. धीरे धीरे समय गुजरा तो विवाद की जड़ें भी गहरी होती चली गई. साल 2008 में जमीयत उलमा-ए-हिंद के दो फाड़ हो गई. एक जमीयत पर अरशद मदनी काबिज हुए और उसका सदर बन गए. जबकि दूसरी जमीयत पर मौलाना महमूद मदनी ने अपना कब्जा जमा लिया और मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया.

बाबरी ढांचा गिराने की जब घटना हुई तो मौलाना महमूद मदनी पीड़ितों की सहायता के नाम पर पूरे देश में ज़हर घोलने का काम किया. देश कई सारे स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक कार्यालयों के आसपास बड़ी संख्या में समर्थकों ने घेराबंदी और तोड़फोड़ किये.

आपसी मनमुटाव के चलते साल 2008 में जमीयत उलमा-ए-हिंद के दो फाड़ हो गई। एक जमीयत पर अरशद मदनी काबिज हुए और उसका सदर बन गए। जबकि दूसरी जमीयत पर मौलाना महमूद मदनी ने अपना कब्जा जमा लिया और मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। यह बात भी गौर करने वाली है कि मौलाना महमूद मदनी शुरू से ही जमीयत में महासचिव पद पर रहे और आज तक वो इसी पद पर चले आ रहे थे।

जमियत का हिन्दू विरोधी रुख हमेशा से सुर्ख़ियों में रहा है. पश्चिम बंगाल के मंत्री और जमीयत-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष सिद्दिकउल्ला चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी को बंगाल चुनाव के समय चुनौती देते कहा था की यहां के दौरे पर अगर अमित शाह आएंगे तब उन्हें हवाईअड्डे से बाहर कदम नहीं रखने दिया जाएगा. जमियत का ऐसा अनेकों उदहारण है जो देश और हिन्दू विरोधी रहा है...

मौलाना महमूद असद मदनी इसके वर्तमान अध्यक्ष हैं..तथा देश के सभी राज्यों में इसके प्रदेश अध्यक्ष और और सचिव हैं..अब ये संगठन 15 अगस्त से पहले उत्तर प्रदेश के शहरों में बम धमाके करके निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा वाले आतंकियों का मदद करेगी और उनका केस लड़ेगी. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों के दिल्ली में रह रहे परिवारों से संपर्क साधा है. ये वही आतंकी हैं जो पूरे देश को बम धमाके से दहलाना चाहते है थे.

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