झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के
अंतर्गत बने मकानों को चर्च में तब्दील किया जा रहा है. खूंटी जिले के तोरपा
प्रखंड के रायसमेला की पाहन टोली और पड़ारिया गांव में ऐसे दो मकानों को चर्च में
बदल दिया गया. गरीबों के लिए बने इन घरों पर चर्च के लोग कब्जा कर रहे हैं. और
वास्तविक मालिक फिर से झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.
स्थानीय निवासियों का कहना है की गोदाम
के नाम पर पांच डिसमिल जमीन 20
साल के लिए लीज पर लिया गया था. लेकिन बहला-फुसलाकर कर इसमें से पंद्रह डिसमिल
जमीन लिखा लिया गया और गोदाम को चर्च में तब्दील कर ऊपर में क्रस का चिह्न लगा
दिया गया. इसके खिलाफ आवाज उठाने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान में रह रहे बुधराम मुंडा ने कहा हमारे
आवास में चर्च चल रहा है. हर रविवार को प्रार्थना सभा में पंद्रह से बीस लोग भाग लेते
हैं.
चर्च के लोग लोभ-लालच देकर भोले-भाले
जनजातियों को ईसाई बनाकर सदियों पुरानी संस्कृति को खत्म कर रहे हैं. गरीबी इतनी
है कि लोग थोड़े से पैसे के लिए धर्म बदल लेते हैं. अपने पूर्वजों की आस्था और
मान्यताओं को छोड़कर ईसाई बन जाते हैं. यह बहुत ही गंभीर मामला है. इस पर रोक
लगाने के लिए पूरे समाज को एकजुट होकर काम करना होगा. अन्यथा जनजाति समाज पूरी तरह
भारतीयता से कट जाएगा.''
बता दें कि खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के रायसमेला गांव की पाहन टोली और पड़ारिया गांव में दो चर्च संचालित हो रहे हैं. ये दोनों चर्च प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने मकानों में चल रहे हैं. पाहन टोली वाले चर्च का संबंध विश्ववानी चर्च से है और पंडरिया वाले चर्च का संबंध हेब्रोन चर्च से है. पाहन टोली में जिस घर में चर्च संचालित हो रहा है, वह बुधराम मुंडा का है.
पता चला है कि
कुछ समय पहले ही बुधराम ने ईसाई धर्म अपनाया लिया. वह मजदूरी कर अपने परिवार का
पालन-पोषण करता था. लेकिन अब वह काफी संपन्न है. ये सब कुछ इसके ईसाई धर्मांतरण के
खेल से मिलने वाले पैसे के कारण हुआ है.
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