उत्तर प्रदेश, असम के बाद अब बिहार में
बहुत जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून बनेगा. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बिहार सरकार
अब सख्त कदम उठाने की कोशिशों में जुट गई है. पंचायती राज विभाग त्रिस्तरीय पंचायत
और ग्राम कचहरियों के चुनाव के लिए ऐसा मसौदा तैयार करने में लगा है, जिसके तहत 2 या उससे अधिक बच्चे वालों को अयोग्य
घोषित कर चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. अगले चुनाव से सरकार इस
प्रावधान को अमल में लाने पर सहमत है.
पंचायती राज कानून 2006 में संशोधन तय माना जा रहा है.
पंचायती राज नियमावली में भले ही इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कानून में संशोधन कर सरकार इस
तरह का प्रावधान लागू करने के लिए 1 वर्ष
का समय ले सकती है. सरकार यह मानती रही है कि 2016 के
पंचायत और ग्राम कचहरी के चुनाव में 2.6
लाख पदों के लिए 10 लाख से अधिक प्रत्याशियों ने चुनाव
लड़ा था. लिहाजा सरकार मानती है कि कानून में संशोधन बिहार के 12 करोड़ लोगों के 6.50 करोड़ मतदाताओं में बड़ा संदेश
पहुंचाया जाए.
बिहार में 2021 में होने जा रहे पंचायत चुनाव में 2 या उससे अधिक बच्चे वाले भी पंचायत
चुनाव लड़ सकेंगे. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की मानें तो जनसंख्या नियंत्रण
के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों और ग्राम कचहरी में 2 या उससे अधिक बच्चे वालों को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए सरकार
विचार कर रही है.
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