28 July 2013

हुड़दंगियों पर कार्रवाई धार्मिक आधार पर कितना सही ?

दिल्ली के वीवीआईपी इलाके अशोक रोड पर देर रात सड़क पर 35 से 40 बाइकर्स स्टंट कर थे। स्टंट कर रहे बाइकर्स पर पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से करण नामक युवक की मौत हो गई है। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर कई अहम सवाल खड़े हो रहे है। सवाल यहा इसलिए खड़े हो रहे है क्योंकि इससे पहले इंडिया गेट से लेकर विजय चैक, जनपथ, गुरूद्वारा रोड जैसे महत्पूर्ण स्थानों पर बाइकर्स उत्पाद मचाते रहे है मगर कभी भी पुलिस न तो इनके उपर फायरिंग कि और न ही गोली मारी। मगर इस बार पुलिस इस कार्रवाई को लेकर सवालों के घेरे में है। 

बिते एक हप्ता पहले आधी रात को मुस्लिम बाइकर्स गैंग के हुड़दंगियों ने इंडिया गेट और उसके आसपास हंगामे, हूटिंग, स्टंट बाजी और पुलिस बल पर पथराव करते रहे। पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल बना रहा। मगर पुलिस ने इसको लेकर क्या कार्रवाई किया जरा आप भी जान लिजिए। अल्पसंख्यक हुड़ंदंगियों की संख्या- 5000 कारनामा- बाइक स्टंटबाजी, महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ और सड़क जाम। घायल पुलिस वालों की संख्या- 10 पुलिस कार्रवाई- अतिरिक्त पुलिस बल को बुला कर हुड़दंगियों को काबू में किया। 

अब जरा आप इसी दिल्ली पुलिस का दुसरा चेहरा भी आप देख लिजिए-हिन्दू हुड़दंगियों की संख्या- 35 से 40। कारनाम- सिर्फ बाइक स्टंटबाजी। घायल पुलिस वालों की संख्या- 2, पुलिस कार्रवाई- फायरिंग में एक की मौत दुसरा बुरी तरह से जख्मी

अब आप ये खुद समझ गये होंगे की आखिर हम ये सवाल क्यों खड़ा कर रहे है कि क्या हुड़दंगियों पर धार्मिक आधार पर कार्रवाई ये कार्रवाई की जा रही है।  

इसके अलावे राजधानी की सड़कों पर शबे-ए-बारात के दिन अल्पसंख्यक हुड़दंगियों ने जम कर बवाल काटा। सैकड़ों बाइकर्स ने ट्रैफिक नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाईं। पुलिस के साथ बदतमीजी करते हुए तमाम स्टंट किए। मगर यहा भी पुलिस मूकदर्शक बनी रही। 

ऐसे में सवाल अल्पसंख्यक रहनुमाओं को लेकर भी उठ रहा है कि इन मुस्लिम बाइकर्स के आचरण के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी ने क्यों नहीं जुटाई। सबने मौन क्यों साधे रखा। मानो कुछ ही नहीं हुआ हो। क्या उन्हें अपने समाज से जुड़े नौजवानों के कानून की धज्जियां उड़ाने पर चुप रहना चाहिए था ? जाहिर है, उन्हें इस सवाल का जवाब देर-सवेर देना होगा। जो बटला हाउस और जेल में बंद आतंकवादियों तक को निर्दोश बताने से नहीं चुकते है। 

लफंगई और टुच्ची हरकत को मशारे के रहनुमाओं ने नजरअंदाज कर ये साबित कर दिया है कि ये समाज और देष के प्रति कितने गंभिर है। 

अब हम आपको इन मुस्लिम हुड़दंगियों का एक और चेहरा दिखाते है ये भी आप देख लिजिए। मुस्लिम बाइकर्स की संख्या- 300। स्थान- दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन। समय- रात को 11 बजे। पुलिस कर्रवाई- मुकदर्षक बनी रही।

इन सब के अलावे कुछ दिन पहले कनाट प्लेस में मुस्लिम बाइकर्स स्टंटबाज जाम में फंसी एक महिला कि कार पर अचानक ये स्टंटबाज बोनट पर चढ़कर कूदने लगे। उन्हें जब पुलिस ने रोका तो उनके उपर पत्थर बरसाये गये, जिससे एक सिपाही का सिर फट गया। एक अन्य पुलिस कर्मी ने रोकने की कोशिश की तो उसके ऊपर मोटर साइकिल चढ़ा दी गयी। मगर फिर भी दिल्ल पुलिस मूकदर्शक बनी रही। ऐसे में आज ये सवाल हर कोई पूछ रहा है की क्या हुड़दंगियों पर कार्रवाई धार्मिक आधार पर कितना सही ?

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