हमने कुछ दिन पहले हिन्दू मंदिरों में मुसलमानों द्वारा प्रसाद बेचे जाने का विरोध किया था. अब कर्नाटक में राज्य के कई मंदिरों ने अपने वार्षिक महोत्सव कार्यक्रमों में स्टॉल लगाने की अनुमति केवल हिंदुओं तक सीमित कर दी है. हाल में पुत्तुर जिले में स्थित महालिंगेश्वर मंदिर ने शहर में होने वाले वार्षिक जात्रा उत्सव के मौके पर केवल हिंदुओं को ही स्टॉल लगाने की अनुमति दी है. ये समारोह 10 से 20 अप्रैल के बीच शहर में होगा. ऐसे में अस्थायी स्टालों की नीलामी केवल हिंदुओं के लिए सीमित है. मंदिर के प्रशासन ने इस संबंध में 19 मार्च 2022 को द हिंदू में एक नोटिस भी निकाला.
इससे पहले शिवमोगा में कोटे मरिकंबा
जात्रा की आयोजन समिति ने 22 मार्च से शुरू हुए 5 दिवसीय उत्सव के दौरान केवल हिंदू
दुकानदारों को अपनी दुकानें स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया था. इसी
तरह कर्नाटक के उडुपी में होसा मारिगुडी मंदिर ने भी अपने वार्षिक मेले में केवल
हिंदू विक्रेताओं को दुकानें आवंटित करने का निर्णय लिया. मंदिर ने यह फैसला
क्षेत्र में हुए हिजाब विवाद के बाद लिया और समिति ने ऐलान किया कि वार्षिक ‘सुग्गी मारी पूजा’ में केवल हिंदू दुकानें लगाएँगे.
शिवमोगा और उडुपी की तरह महालिंगेश्वर मंदिर ने भी इस रास्ते को अपनाया है. नोटिस में लिखा है कि केवल हिंदू विक्रेताओं को ही जोथ्रावटी उत्सव में भाग लेने की अनुमति है, जो कि अप्रैल में होगा. जात्रा के दौरान मंदिर के सामने पूजा 29 मई को होगी और अस्थायी दुकानदारों को मंदिर कार्यालय द्वारा दी गई जमीन पर दुकान लगाने की अनुमति होगी.
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