दोस्तो हम आपके सामने एक ऐसा मुददा लेकर आये हैं जो हमारे मीडिया और हमारी सोच को दर्षाता है। आप सभी जानते होगें कल मनोरंजन सदी के इतिहास के महानायक अमिताभ बच्चन का जन्म दिन था। लगभग हर मीडिया चैनल पर ये खबर प्रमुखता से छायी रही। छानी भी चाहिए, क्योंकि अमिताभ बच्चन वाकई सदी के महानायक हैं। इसके लिए कुछ भी साबित करने की जरूरत नही है। मगर क्या आपको पता है इसी दिन आजाद भारत की महाक्रांति के नायक जयप्रकाष का भी जन्म दिन था। क्या किसी मीडिया संस्थान ने ये खबर चलाई। क्या किसी ने इस महानायक को याद करने की जहमत उठाई। जी नहीं कहीं से भी इस महानायक के अदर्षो की खबर कहीं तक नही आई। क्या उन नेताओं ने भी जेपी को याद करने की जहमत उठाई जो उस आंदोलन की पौध हैं। आज ये नेता कई जगह अपनी सरकार चला रहे है। मगर कहीं से भी जेपी के जन्मदिन की खबर सामने नही आयी। ये सब आपको बताने का हमारा मकसद अमिताभ बच्चन के जन्म दिन की अहमियत को कम नही करना है। हम तो सिर्फ ये बताना चाहते हैं कि क्या है हमारी सोच और हमारे मीडिया की सोच। जो राजनीति आज हमारे देष को फिर से गुलामी की और ले जाने वाली दिख रही हैं। क्या उसके बारे में आप बिल्कुल भी नही सोचते। क्या आज फिर से हमारी चरमराती राजनीति को जेपी जैसे लोगों की जरूरत नही है। जब आज हर ओर मंहगाई भ्रश्टाचार और लूट मची है। क्या ऐसे में जेपी जैसे महानायक की जरूरत नही है हमें। लेकिन आज जनता को जगाने वाला मीडिया मनोरंजन की दुनिया में खोया हुआ है। क्या आज देष के राजनैतिक हालातों से ज्यादा मनोरंजन हमारे लिए महत्वपूर्ण हो गया है। लगता तो ऐसा ही है। आज हमारा समाज उस महानायक को भूल गया है। जिसने कभी देष में बढ़ती तानाषाही को खत्म करने का बिगुल उठाया था। जिससे घबराई सरकार ने देष को इमर्जेसी की आंधी में झोक दिया था। उस वक्त के कुछ लोगों का मानना है कि अगर जेपी आंदोलन नही होता तो देष में आज लोकतंत्र की जगह राजषाही तानाषही होती। वैसे हालात तो आज भी राजषाही जैसे है। आप देख ही रहे हैं कैसे परिवार के नाम पर लोग कानून से खेल रहे है। और कैसे सत्तसीन उनका बचाव कर रहे हैं। दोस्तो ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि क्यूं है हमारे लिए जेपी जैसे लोगों की जरूरत। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। कैसे जेपी के आंदोलन से उपजी नेताओं की पौध वोट बैंक की रजनीति में लग गई है। लालू, मुलायम और षरद पवार का उदाहरण आप सबके सामने है। क्या कल इन नेताओं की ओर से जेपी आंदोलन पर कोई बयान आया। जी नही क्योंकि इन्हें अपनी जातिवादी राजनीति जो करनी है। इनका मकसद भी जनता को पागल बनाकर उस पर राज करना ही है। तो फिर कैसे महानायकों की है आपको जरूरत।
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