08 July 2020

चीन दुनिया के 6 बड़े देशों की जमीन पर कब्ज़ा कर चुका है

चीन दुनिया के 6 बड़े देश सहित पड़ोसी देशों की जमीन का एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर चुका है...और अब चीन अपने आसपास के सभी छोटे बड़े देश को हड़पने का प्लान बना रहा है. भारत सहीत 23 अन्य देशों के उपर चीन की टेड़ी नजर है. रूस का 52 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपने कब्जे में करने के लिए सभी साम, दाम, दंड, भेद को अपना रहा है. 



वहीँ जापान के 81 हजार वर्ग किमी के आठ द्वीपों पर चीन की नजर है. चीन इन द्वीपों को हड़पने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है.   2013 में चीन के वायु सीमा जोन बनाने के बाद से यहां पर विवाद बढ़ा हुआ है. चीन ने भारत में भी अक्साई चिन और तवांग को हड़पा लिया है. अब पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर अपना कब्जा जमाने की नापाक कोशिश कर रहा है. केवल भारत ही नहीं वह करीब दो दर्जन देशों की जमीनों को हड़पना चाहता है.

 


चीन की सीमा भले ही 14 देशों से लगती हो, लेकिन वह कम से 23 देशों की जमीन या समुद्री सीमाओं को हड़पने पर आमादा है. ड्रैगन ने अपनी विस्तारवादी नीति से पिछले 6-7 दशकों में अपने साइज को लगभग दोगुना कर लिया है. चीन की लालच अभी भी खत्म नहीं हुआ है.


चीन 1949 से लगातार जमीन हथियाने की नीति अपना रहा है. जिन देशों को चीन सीधे तौर पर नहीं हड़प पा रहा है उनको कर्ज के जाल में फंसा कर अपने कब्जे में ले रहा है. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से हाथ मिला लिया है. आज नेपाल की सरकार इस कदर चीन के चंगुल फंस गई है की वह अपने ही देश की भूमि पर चीनी कब्ज़ा को नहीं रोक पा रही है. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से हाथ मिला कर नेपाल को चीन के हाथों में सौपना चाहती है. नेपाल चीन के जाल में पूरी तरीके से फंस चुका है.


वहीँ श्रीलंका भी अब ड्रैगन की चाल में फंस कर लड़खड़ा रहा है. चीन श्रीलंका को अपने कब्जे में लेने के लिए वर्षों से प्रयास कर रहा है. श्रीलंका का हम्बनटोटा बंदरगाह पहले से ही चीन हड़प चुका है. अब उसकी नियत पूरे श्रीलंका को कब्जाने की है. श्रीलंका की 15 हजार एकड़ जमीन को ड्रैगन पहले ही निगल चुका है.


श्रीलंका की तरह अब बांग्लादेश को भी चीन अपने आगोश में लेने की फ़िराक में है. बांग्लादेश के पायरा बंदगाह पर चीन अपना अतिक्रमण शुरू कर दिया है. ऐसे में अब बांग्लादेश की सरकार को ये डर सताने लगा है की कहीं चीन पूरे देश को न निगल जाये!


पाकिस्तान पहले से ही चीन के सामने सरनागत हो चुका है. पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह और सीमावर्ती इलाके पर चीन पहले से ही कब्ज़ा किये बैठा है. पकिस्तान चीन के हाथों का कठपुतली बना हुआ है. ऐसे में चीन जब चाहे पाकिस्तान को निगल लेगा.


मंगोलिया में बड़े पैमाने पर चीन अपना सैन्य ठिकाना बना लिया है. चीन मंगोलिया के सभी गतिबिधियों पर पैनी नजर बनाये हुए है. ऐसे में अब मंगोलिया का चीन के आगोश में आना निश्चित है. वियतनाम और भूटान पर चीन आर्थिक कर्ज का दबाव डाल कर उसके महत्वपूर्ण ठिकाने और प्राकृतिक संसाधनों पर अपना वर्चस्व स्थापित कर रहा है.


ऐसे में मतलब साफ है की चीन अपने सभी छोटे-मोटे पड़ोशी देशों को निगलने का खाका खीच चुका है. आज नही तो कल ड्रैगन इन्हें निगल लेगा. इसीलिए आज सुदर्शन पूरी दुनिया से अपील कर रहा है की चीन को चारों ओर से घेरो.

 

 


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