आज ये देश का दुर्भाग्य ही है की हमारे देश के तथा कथित नेता एक बार फिर से चीन के समर्थन में आगये है. एक ओर गलवान घाटी में जहां पर हमारे देश के वीर जवान अपनी शहादत दे रहे है तो वहीँ दूसरी ओर चीनी फंडिंग पर पहले वाला राष्ट्र विरोधी धड़ा चीन का गुणगान कर रहा है. आज भारत के समर्थन में एक दर्जन से भी ज्यादा अमेरिकी सांसदों ने चीन के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है. मगर आज खुद पी चिदंबरम और कप्पिल सिब्बल जैसे कांग्रेसी नेता एक बार फिर से खुल कर चीन के समर्थन में आगये है. कपिल सिब्बल ने तो यहां तक कह डाला की भारत सरकार को चीनी एप्प को बैन नहीं करना चाहिए ये देश के लोगों के हीत में ठीक नही है.
आधार और अन्य देशी प्राइवेसी के मुद्दे पर सुप्रीम तक का दरवाजा खटखटाने वाले सिब्बल आज खुद देश की करोड़ो जनता का प्राइवेसी चुराने वाले चीन का समर्थक कैसे हो गये ? ये अपने आप एक बड़ा सवाल है.
वर्ष 1975 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा था कि LAC पर भारत ने किसी जवान को खोया हो. ऐसे मौके पर पूरा देश भारतीय सेना के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसे वक्त में भी देश और सेना को बदनाम करने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. कांग्रेस का चीन प्रेम किसी से छुपा नही है. चीन के प्रति कांग्रेस की सहानुभूति आजादी के समय से ही चली आरही है. पिछले कई दिनों से कांग्रेस पार्टी चीन को साथ देने और सुरक्षा मामलों पर भारत विरोधी बयान जारी कर रही है.
कांग्रेस और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का चोली दामन का रिश्ता रहा है. तीन वर्ष पहले जब भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच डोकलाम में झड़प हुआ था तब, राहुल गांधी ने चीनी राजदूत लुओ झाओहुई से गुप्त रूप से मीटिंग की थी. भारत ने जब 1998 में परमाणु परीक्षण किया था तब भी कांग्रेस पार्टी ने वाजपेयी सरकार के खिलाफ प्रोपोगेंडा फैलाया था. सलमान खुर्शीद से लेकर मणिशंकर अय्यर तक ने सवाल खड़े करते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी. मणिशंकर अय्यर ने सोनिया गांधी से परीक्षण को सिरे से नकारने की सलाह दी थी. अब यही मणिशंकर अय्यर लगातार सोशल मीडिया पर जहर उगल रहे है.
लोकसभा चुनाव के वक़्त राहुल गांधी मानसरोवर की तीर्थयात्रा पर गए थे. वहां वो चीन के कई अधिकारियों से मिले थे. इस मीटिंग में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना के वरिष्ठ नेता भी थे. इस संकट की घड़ी में देश को जब सबसे ज्यादा एकजुट रहने की जरुरत है. मगर ऐसे मौके पर चीन परस्त नेता और समर्थक अनावश्यक तौर पर सरकार के ऊपर सवाल खड़ा कर रहे हैं. आज देश का विपक्ष सरकार पर तोहमत गढने में लगा हुआ है. ये सभी सेना और सरकार का आत्मविश्वास व मनोबल को कमजोर करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था की संकट काल में सरकार और सेना पर सवाल उठाना देशद्रोह होता है. तो फिर ऐसे में सवाल खड़ा होता है की क्या चीन समर्थकों को गिरफ्तार किया जाय..?
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