06 August 2022

तिरंगे में मौजूद अशोक चक्र के 24 तीलियों का महत्व

पहली तीली- संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है)
दूसरी तीली- आरोग्य (निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है)
तीसरी तीली- शांति (देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह)
चौथी तीली- त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास)
पांचवीं तीली- शील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा)
छठवीं तीली- सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा)
सातवीं तीली- क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना)
आठवीं तीली- प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना)
नौवीं तीली- मैत्री (समाज में मैत्री की भावना)
दसवीं तीली- बन्धुत्व (देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना)
ग्यारहवीं तीली- संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना)
बारहवीं तीली- कल्याण (देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना)
तेरहवीं तीली- समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना)
चौदहवीं तीली- उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना)
पंद्रहवीं तीली- सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना)
सौलहवीं तीली- नियम (निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना)
सत्रहवीं तीली- समता (समता मूलक समाज की स्थापना करना)
अठारहवी तीली- अर्थ (धन का सदुपयोग करना)
उन्नीसवीं तीली- नीति (देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना)
बीसवीं तीली- न्याय (सभी के लिए न्याय की बात करना)
इक्कीसवीं तीली- सहकार्य (आपस में मिलजुल कार्य करना)
बाईसवीं तीली- कर्तव्य (अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना)
तेईसवी तीली- अधिकार (अधिकारों का दुरूपयोग न करना)
चौबीसवीं तीली- बुद्धिमत्ता (देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना)

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