01. अमेरिका- एक साल की जेल और 2,000 डॉलर का
02. चीन- तीन साल जेल की सजा और जुर्माना
03. जर्मनी- "निंदा या अपमान" करने पर पांच साल तक की जेल
04. फ़्रांस- 7,500 रुपए का जुर्माना और जुर्म के अनुसार सजा
05. स्पेन- जुर्माना या सात से बारह महीने तक की जेल
06. रूस- एक साल तक की जेल और जुर्माना
07. फिलीपीन- एक वर्ष की सजा और जुर्माना
08. इज़राइल- तीन साल तक की जेल और जुर्माना
09. श्रीलंका- तीन साल तक जेल और जुर्माना या दोनों हो सकता है
भारतीय तिरंगे का प्रोटोकॉल
जब भी राष्ट्र ध्वज फहराया जाए तो उसे
सम्मान के साथ स्थान दिया जाए
सरकारी भवन पर तिरंगा रविवार और अन्य
छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता है
कुछ खास मौके पर हीं तिरंगे को रात में
फहराया जा सकता है
तिरंगे को फहराते और उतारते समय बिगुल
बजाया जाता है
इस बात का ध्यान रखा जाता है कि तिरंगे
को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए
तिरंगे को किसी अधिकारी की गाड़ी पर
लगाया जाए तो उसे सामने की ओर या कार के दाईं ओर हीं लगाया जाय
फटा या मैला ध्वज नहीं फहराया जाय
तिरंगे को केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर
पर ही आधा झुकाया जाय
तिरंगे का इतिहास
22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे को अपनाया था
पिंगलि वेंकय्या जी ने किया था तिरंगे का डिजाइन
पहले लाल और हरे रंग से बनाया था डिजाइन
बाद में तीन रंगों से तिरंगे को बनाया गया
वर्ष 1921 में महात्मा गांधी ने इसे स्वीकृत किए थे
सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का एक चक्र भी बनाया गया
नीले चक्र में 24 तीलियां हैं
4 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को प्रदर्शित करती है
24 धर्म मार्ग की तुलना अशोक चक्र की 24 तीलियों से की गई हैं
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