सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने एक
बार फिर से अपने गद्दरी का परिचय दिया है. ‘हर घर तिरंगा’
अभियान पर बर्क
ने अपने बयान से एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो शुरू हो गया है. लोग सपा सांसद की संसद सदस्यता
रद्द करने की मांग कर रहे हैं. शफीकुर्रहमान कह रहा है कि तिरंगा मुल्क का झंडा है,
इसे मुल्क वाले लगाते हैं लोग अपने घरों पर क्यों लगाएं? शफीकुर्रहमान यही तक नहीं
रुके. इसने आगे ये भी कहा कि हम तिरंगे को मुल्क का झंडा मानते हैं. जिसकी मर्जी
हो वह झंडा लगाए, क्या झंडा लगाने से ही देशभक्ति साबित होगी? तो ऐसे में शफीकुर्रहमान
के बयान से प्रश्न खड़ा होता है कि आखिर फिर ये फिर देश का झंडा किसे मानता है.
क्या शफीकुर्रहमान देश में इस्लामिक झन्डा लगाना चाहता है या पाकिस्तानी ? ये बड़ा
सवाल है जिसे देश पूछ रहा है.
पीएम मोदी के हर घर पर तिरंगा
लहराए जाने की अपील पर संविधान का जिक्र करते हुए सांसद ने कहा कि संविधान में ऐसा
कंपल्सरी तो नहीं है. “संविधान में कहीं भी तिरंगा घरों
पर फहराए जाने को अनिवार्य नहीं किया गया है. फिर इस प्रकार के अभियान की क्या
जरूरत?” सपा सांसद ने इस अभियान को लोकसभा
चुनाव 2024
से जोड़ा. उन्होंने
कहा कि इनकी हर योजना और पॉलिसी में प्रचार होता है, 2024 इन्हें दिखाई दे रहा है.
पीएम मोदी
ने देशवासियों से अपील की थी कि वो 2 से 15 अगस्त के
बीच सोशल मीडिया पर तिरंगे को अपनी प्रोफाइल पिक्चर के रूप में इस्तेमाल करें.
उसके बाद पीएम मोदी के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी
अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई बीजेपी नेताओं ने भी अपनी डीपी बदलते हुए तिरंगा लगाया
था. इसके जरिए लोगों को अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान का भाव का विकसित
करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही, 75 साल पुरानी
स्वतंत्रता के मायनों को तिरंगे के माध्यम से समझाने का प्रयास किया जा रहा है.
देशभर में इन दिनों आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है. 11 अगस्त से हर घर तिरंगा अभियान शुरू हो रहा है. लोगों से अपने घरों में तिरंगा लगाने की अपीलें की जा रही है. इससे पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी शफीकुर्रहमान बर्क ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बच्चा पैदा करने का ताल्लुक अल्लाह से है, इंसान से नहीं है. अल्लाह बच्चा पैदा करता है तो पालने का भी इंतजाम करता है. साथ हीं शफीकुर्रहमान ने संसद में राष्ट्र गान का भी अपमान कर चुके हैं.
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
01.हिंदुस्तान गद्दारों को कब तक सहन
करेगा और संभालता रहेगा ?
02.अपने सांसद पर कार्रवाई न करने का मतलब
क्या समाजवादी पार्टी उससे सहमत है ?
03.लोकसभा अध्यक्ष ने अबतक सांसद को नोटिस
तक क्यों नहीं दिया, कार्रवाई कब होगी ?
04.कई मामलों में स्वयं संज्ञान लेने वाले
न्यायालय ने अभी तक इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया ?
05.सांसदों ने संसद के अंदर प्रस्ताव लाकर
ग़द्दारी की सज़ा क्यों नहीं दी ?
06.स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के निमित्त
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री कार्यालय ने कार्रवाई के आदर्श क्यों नहीं स्थापित किया ?
07.शफीकुर्रहमान और उसके साथियों के
विरुद्ध मीडिया आवाज़ क्यों नहीं उठा रहा ?
08.क्या देशद्रोह के क़ानून को अधिक सशक्त
करने का समय नहीं आया है ?
09.क्या नागरिकता छीनने के लिए इससे अधिक सशक्त
कारण कोई चाहिए ?
10.क्या 76वें वर्षों की यात्रा हम ऐसे ग़द्दारों के साथ आगे बताएंगे ?
कौन है शफीकुर्रहमान ?
शफीकुर्रहमान समाजवादी पार्टी के
लोकसभा सांसद हैं
2019 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर संभल
से चुनाव जीते
मुरादाबाद से भी कई बार लोकसभा के लिए
चुने जा चुके हैं
समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप
में तीन बार संसद सदस्य रहे हैं
2008 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो
गए थे
फरवरी 2014 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए
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