राजपथ पर भव्य श्रीराम मंदिर की झांकी
निकाली गई। सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार भी श्रीराम मंदिर झांकी को मिला। लेकिन
लाल कोट पर गए दंगाईायों ने श्रीराम मंदिर झांकी को तोड़ा। जी हां, श्रीराम मंदिर झांकी को आखिर किसने तोड़ा ये सबसे बड़ा सवाल है। हिंदू और सिक्ख
भगवान राम का अपमान नहीं कर सकते। गुरूवाणी में 5500 बार भगवान राम का जिक्र किया गया है। हर सिख भगवान राम की पूजा करता है। सभी
गुरूओं ने भगवान राम की महत्ता के बारे में बताया है। ऐसे में कोई सच्चा सिख भगवान
राम की प्रतियों को खंडित नहीं कर सकता। भगवान राम से जुड़ी झांकी पर तोड़फोड नहीं
कर सकता।
ऐसे
में सवाल ये है कि आखिर दंगाईयों की भीड़ में से किसने श्रीराम मंदिर झांकी पर हमला
किया। क्या हमलाबरों के भेश में ऐसे कटटरपंथी घुसे थे जो श्रीराम का अपमान करना
चाहते थे। क्या दंगाईयों की भीड़ में ऐसे आतंकी घुसे थे जो गुरूवाणी को नहीं मानते।
क्या दंगाईयों की भीड़ में ऐसे लोग घुसे थे जो गुरूओं के उपदेशों का अपमान करना
चाहते थे। क्या लालकोट पर हुए दंगे में ऐसे लोग घुसे थे, जो
सच्चे सिख और हिंदुओं को बदनाम करना चाहते थे। क्या दंगाईयों की भीड़ में भेश बदलकर
आतंकी घुस गए थे।
क्या
अब संतवाणी का अपमान करने वाले भी दंगाईयों में घुस गए हैं। क्या निशान साहब को
बदनाम करने की साजिश थी श्रीराम मंदिर झांकी पर हमला। ऐसे में सवाल ये हैं कि आखिर
कौन थे श्रीराममंदिर झांकी पर हमला करने वाले। क्या श्रीराम झांकी पर हमला करने
वाले पाकिस्तान के भेजे आतंकी थे। क्या लाल कोट के दंगाई खालिस्तानियों के टटटू
थे। क्या श्रीराम मंदिर झांकी पर हमला करने वाले राजनीति मौहरे थे।
आखिर
श्रीराम के नाम से कौन डरता है। किस राजनीतिक पार्टी को श्रीराम के नारे से परहेज
है। क्या श्रीराम मंदिर झांकी पर हमला करने वालों को किसी राजनीतिक पार्टी ने भेजा
था। क्या हिंदुओं और सिखों को लड़ाने की बडी साजिश की गई थी। क्या सिखों को हिंदुओं
से अलग करने की साजिश थी श्रीराम झांकी पर हमला। ऐसे ही कई सवाल हम सबके सामने
हैं। ऐसे में आप भी अपनी राय दे सकते हैं बिंदास बोल में बेखौफ।
No comments:
Post a Comment