06 January 2022

क्या पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए ?

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस के सामने मामले को रखते हुए कोर्ट से घटना पर रिपोर्ट लेने की मांग की है. साथ हीं भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित किए जाने की जरूरत को भी याचिका में उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत याचिका को स्वीकार करते हुए उसकी कॉपी पंजाब सरकार को सौंपने को कहा है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई होगी.

तो वहीँ दूसरी ओर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर इस संबंध में जानकारी दी है. राष्ट्रपति भवन की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई है. राष्ट्रपति ने गंभीर चूक पर चिंता व्यक्त की है. इस मुलाकात के बाद से कई कतरह की संभावना जताई जा रही है.. पंजाब के मुद्दे पर सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है.

आनन-फनन में उधर पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे के दौरान हुई सुरक्षा की जांच के लिए, एक हाई लेवल कमिटी का गठन कर दिया है..ये कमेटी 3 दिन में अपना जाँच रिपोर्ट सौपेगी. मगर जानकार इस कमेटी पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. क्योंकी इतनी बड़ी सुरक्षा चूक की जाँच 3 दिन में सामने नहीं आ सकती है. ये महज एक खानापूर्ति है.

पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है और वहां पर देश के प्रधानमंत्री की गाड़ी 20 मिनट्स ताक खड़ी रहे ये एक बेहद हीं गंभीर और चिंताजनक विषय है. जिसपर आज पूरा देश चिंतित है. हरकोई गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहा है.

पंजाब हमेशा एक संवेदनशील राज्य रहा है 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों की वहां पर सरेआम गोली मारकर हत्या की जा चुकी है. इसके साथ हीं देश ने 3 प्रधानमंत्रियों को भी खोया है. जिनमे से 2 की हत्या गोलियों से छलनी कर की गई है. आज यही कारण है पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ हुई इस सुरक्षा चूक पर चिंतित है. 


कुछ महत्वपूर्ण सवाल 


01. प्रधानमंत्री के गोपनीय यात्रा प्लान को यात्रा से पहले ट्वीट करना क्या ये   कांग्रेस पार्टी का षड्यंत्र नहीं है ?

 

02. जब प्रधानमंत्री की सुरक्षा ब्लू बुक में पहले से तय है तो फिर उसका पालन क्यों नहीं हुआ ?

 

03.  राज्य के DGP और मुख्य सचिव को काफिले के साथ रहना जरुरी है, मगर कोई भी साथ में क्यों नहीं था ?

 

04.  मुख्यमंत्री चन्नी ने एसपीजी का फ़ोन क्यों नहीं उठाया, क्या ये किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा नहीं करता ?

 

05.  चन्नी द्वारा प्रोटोकॉल का उलंघन करना राज्य में कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाना नहीं है ?

 

06.  चन्नी ने निलंबित पुलिस अधिकारी का निलंबन वापस क्यों लिया ?

 

07.  इतनी बड़ी सुरक्षा चूक की जाँच क्या 3 दिन में संभव है ?

  

08. जिस रास्ते से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरने वाला था उस रूट पर पहले से सुरक्षा कर्मी तैनात क्यों नहीं थे ?

 

09.  डबल लेन वाले मार्ग पर एक लेन काफिला गुजरने के दौरान बंद रहना चाहिए, मगर ये बंद क्यों नहीं था ?

 

10.  प्रदर्शनकारियों को बसों में भर-भर कर किसने लाया था ? उनके हाथों में लाठी डंडे क्यों थे ?


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