13 January 2022

देश में जावेद हबीब का अबतक का सबसे बड़ा थूक जिहाद

देश अबतक का सबसे बड़ा थूक जिहाद सामने आया है. मशहूर हेयर स्टाइलिश जावेद हबीब ने एक ट्रेनिंग वर्कशॉप के दौरान हिन्दू महिला के बाल काटते समय पानी नहीं होने पर उनके बालों में अपना थूक लगा दिया. जब वीडियो वायरल हुआ तो देशभर में बवाल मच गया. इस वीडियो को सुदर्शन न्यूज़ ने सबसे पहले देश के सामने रखा और प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने ऐसे लोगों के आर्थिक वहिष्कार की घोषणा कर दी जिसके बाद पूरे देश जिहादी जावेद हबीब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और FIR दर्ज कराने के खिलाफ एक मुहीम चल पड़ी. दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जावेद के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद लोग लोग इसके सेंटर को भी अब बंद करवा रहे हैं. दिल्ली के प्रशांत विहार स्थित PVR मॉल में जावेद हबीब सेंटर को हिंदू कार्यकर्ताओं ने बंद करवा दिया है. 

जावेद हबीब के देशभर में 110 शहरों में उसके 875 सैलून हैं. 40 से ज्यादा हेयर स्टाइलिश शिक्षण संस्थान हैं, जहां लोग लाखों रुपये की फीस देकर हेयर स्टाइलिश  बनने के लिए आते हैं. सिंगापुर, दुबई, केन्या, बांग्लादेश और नेपाल समेत कई देशों में उसके नाम पर फ्रेंचाइजी आउटलेट खुल हुए हैं. इन का संचालन भी केवल वही व्यक्ति कर सकता है, जिसने जावेद हबीब की से कोई कोर्स किया हो. जिसके कुल नेटवर्थ 225 करोड़ रुपये है.

बहुत कम लोगों को पता होगी कि भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन अपने बाल जावेद हबीब के दादा नजीर अहमद से ही कटवाते थे. और जब वर्ष 1947 में भारत आजाद हुआ और लॉर्ड माउंटबेटन ब्रिटेन लौट गए, तब उसके बाद वो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पर्सनल हेयर ड्रेसर बन गए.

जावेद हबीब के पिता हबीब अहमद भी अपने समय के मशहूर थे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और देश के कई पूर्व राष्ट्रपति अपने बाल केवल हबीब अहमद से ही कटवाना पसंद करते थे. और इसके लिए उनके पिता को राष्ट्रपति भवन में एक घर भी मिला हुआ था, जहां 26 जून 1963 को जावेद हबीब का जन्म हुआ.

लेकिन अब एक बार सोचिए, जिस व्यक्ति को बाल काटने की कला विरासत में मिली, जो आज दुनिया का इतना बड़ा हेयर स्टाइलिश है, जिसके पास बेशुमार पैसा है. वो एक ट्रेनिंग वर्कशॉप के के दौरान एक महिला के बालों में ये कहते हुए थूक देता है कि उसके पास पानी नहीं है. और ये देख कर जब वहां मौजूद लोग तालियां बजाने लगते हैं तो वो कहते हैं कि उनके थूक में भी जान है. 

मगर यहां सवाल ये है कि जावेद हबीब ने ऐसा करके इस महिला का अपमान सिर्फ अपमान हीं नहीं किया है बल्कि थूक जिहाद को आगे बढ़ाने का काम किया है. मामला सिर्फ अपमान का नहीं है बल्की उस मानसिकता का है, जो इस घटना में साफ नजर आ रही है.

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