25 January 2022

दिल्ली दंगे की दर्दनाक दास्तां

देश की राजधानी दिल्ली में फ़रवरी 2020 में हुई दर्दनाक दंगा

सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट ने दंगों को 'हिंदू विरोधी' बताया गया था

इसके पीछे राजनेताओं की भूमिका भी सामने आई थी

दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थीसैकड़ों लोग घायल हुए थे

घरों, दुकानों, धार्मिक स्थलों का सामान लूटकर वहां आग लगा दी गई थी

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने 20 इलाकों में अपना जायजा लिया था

विस्तृत फॉर्म में 50 पीड़ितों के बयान छापे गए थे

यमुना विहार, चांद बाग, ब्रिजपुरी और शिव विहार में हुए थे दंगे

बाहरी लोगों की भीड़ पेट्रोल बम, एसिड और डंडे लेकर आई थी

कइयों ने हिंदुओं के व्यवसायों और नर्सिंग होम को आग लगाए

ब्रिजपुरी की मस्जिद से मुसलमानों को सड़क पर आकर लड़ने के लिए घोषणाएं की गईं

मुस्तफ़ाबाद से आम आदमी पार्टी के विधायक हाजी यूनुस पर भी लगा था आरोप    

स्थानीय लोगों की जानकारी दंगाइयों के साथ बांटने का था आरोप

पार्षद ताहिर हुसैन ने भी अपने खाली पड़े माकान को दंगे के लिए इस्तेमाल किया 

शिव विहार के डीआरपी कॉनवेन्ट पब्लिक स्कूल में आग लगा दी गई

डीआरपी स्कूल के मालिक हिंदू थे

बृजपुरी में अरुण मॉडर्न स्कूल पर जिहादी भीड़ ने हमला किया था

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