10 February 2013

युद्ध स्मारक बनाने पर शीला का विरोध क्या जायज है ?

सियासत जब जन सरोकार के लिए होती है, तो उसका असर आम आदमी के उपर होता है, मगर जब ये दो बिभागों के बिच आपसी रस्सा कस्सी का हिस्सा बन जाता है तो इससे राश्ट्र की एकता और अखंडता दोनों के उपर समान रूप से पड़ता है। कुछ एसा ही वाक्या दिल्ली के मुख्यमंत्री षीला दीक्षित और रक्षा मंत्री एके एंटनी के बिच इनदिनों देखने को मिल रहा है। दिल्ली सरकार ने इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाए जाने संबंधी केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया है। प्रस्ताव के तहत इंडिया गेट कैनोपी के करीब स्वतंत्रता के बाद शहीद हुए सैनिकों की याद में एक राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण किया जाना है। इसकी दीवारों पर तमाम शहीदों के नाम लिखे जाएंगे। कारगिल युद्ध के बाद से ही इस स्मारक के निर्माण की चर्चा होती रही ळें रक्षा मंत्री एके एंटनी का कहना है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण के लिए इंडिया गेट सही स्थान है। ये स्मारक षहीदों के लिए सच्ची श्रध्दांजली होगी। जिसे आने वाली पीढ़ी हमेषा याद रखेगी। मगर सूबे की सरकार की राय में इंडिया गेट दिल्ली ही नहीं देश व विदेश के सैलानियों के घूमने-फिरने की भी पसंदीदा जगह है। यहा स्मारक बनाए जाने की सूरत में यहां पर सुरक्षा इंतजामों की वजह से आम लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाएगा। लिहाजा, इस स्मारक के लिए दिल्ली में कोई अन्य बेहतर जगह तलाश की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे व शहरी विकास मंत्री कमलनाथ को अलग-अलग पत्र लिखकर स्मारक के निर्माण को तुरंत रोक लगाने की मांग की है। अपने पत्र में दीक्षित ने केंद्रीय मंत्रियों को लिखा है कि इंडिया गेट और इसके आसपास स्थित इमारतें ऐतिहासिक महत्व की हैं। यह पूरा इलाका खुला-खुला रहना चाहिए। षीला के पास अंगे्रजी षाशकों के षैनिकों के लिए षहिदों के स्मारक और गांधी नेहरू परिवार के लोगों के मूर्ति लगाने के लिए जगह है। इसी इंडीया गेट के पास सांसद मंत्रियों के बंगला बनाने के लिए जगह है पर जो देष के अपने आप को षहिद कर दिया उसका विरोध षीला कर रही है, क्या ये षीला द्वारा षहिदों का अपमान नहीं है। क्या दिल्ली कि मुख्यमंत्री षीला दीक्षित को षहीदों के ऐसे अपमान करने वाले बयान पर माफी नहीं मांगनी चाहिए। क्या षीला को इस तरह युध्द स्मारक का विरोध करना जायज है।

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