हरियाणा में तीन दिवसीय विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर चंडीगढ़ में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। B.A.C मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों को इसपर विस्तार से जानकारी दी है। विधानसभा का यह सत्र 13, 14 और 18 नवंबर को होने वाला है। B.A.C की बैठक में CM सैनी के अलावा स्पीकर हरविंदर कल्याण, संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा और डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिड्ढा भी मौजूद थे।
शीतकालीन
सत्र में विपक्षी दलों की प्लानिंग
शीतकालीन
सत्र को लेकर विपक्षी दलों ने मेगा प्लानिंग बनाया है
विपक्षी
दल पराली जलाने पर डबल जुर्माने वाले केंद्र के फैसले पर सैनी सरकार को घेरेंगे
5 बड़े मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी को घेरने की तैयारी
विपक्ष कर रहा है
इस बार कांग्रेस के साथ इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक भी पूरी तरह से
एक्टिव है
इनेलो की ओर से 8 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव विधानसभा स्पीकर को भेजे गए हैं
साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी संकेत दिए हैं
कि सेशन काफी हंगामेदार होने वाला है। पिछले दिनों रोहतक में उन्होंने कहा था कि
विपक्ष मजबूत है। विधानसभा में जनहित के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया जाएगा।
विपक्ष के रूख से तय है कि इसबार का सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है।
इनेलो ने भेजे 8 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
1.
DAP
और यूरिया खाद न मिलने से किसानों को
हो रही परेशानी का मुद्दा
2.
पराली जलाने पर किसानों पर दर्ज मुकदमे और जुर्माना का प्रावधान
3.
गांव-शहर में कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग
4.
धान की फसल की MSP पर
खरीद करने वाली मांग
5.
परिवार पहचान पत्र से आम जनता को हो रही परेशानी
6.
शहरों और गांव में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कार्य
7.
प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर विचार करने को लेकर प्रस्ताव
8.
बेरोजगारी को लेकर सरकारी भर्तियां निकालने को लेकर मांग शामिल है
8
अक्टूबर को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से
MSP पर धान खरीदने का वादा किया था। हालांकि, अभी प्रदेश में धान की फसल 2300 रुपए प्रति क्विंटल के MSP की दर से खरीदी जा रही है। लेकिन कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश के 60% से अधिक किसानों ने 2000 से 2100 रुपए प्रति क्विंटल पर अपनी
धान की फसल बेची है। हरियाणा में किसान हमेशा से बड़ा मुद्दा रहे हैं, इसलिए कांग्रेस और INLD इस मुद्दे को सत्र के दौरान जोर-शोर
से उठाएगी।
DAP
खाद की कमी बड़ा मुद्दा बनेगी
विधानसभा
सेशन में धान की MSP पर खरीद के बाद DAP खाद की कमी दूसरा बड़ा मुद्दा रहने वाला है
कांग्रेस
के नेता भी सार्वजनिक रूप से आंकड़ा बता कर सरकार को सदन से पहले ही घेर रहे हैं
विपक्ष
का कहना है कि हर जिले में खाद की कमी है
सिरसा
में 13,000 टन DAP की आवश्यकता है लेकिन सरकार ने केवल 900 टन ही दी है
पानीपत
में 6500 टन DAP की आवश्यकता है, मगर सरकार ने केवल 360 टन DAP उपलब्ध करवाई है
केंद्र
की भाजपा सरकार ने हरियाणा समेत अन्य राज्यों में पराली जलाने पर अब किसानों से
दोगुना जुर्माना वसूलने का फैसला किया है। पर्यावरण मंत्रालय ने जुर्माने की राशि
को दोगुना कर दिया है, जो अब 5 हजार रुपए से शुरू होकर 30
हजार रुपए तक देना होगा। हालांकि, यह फैसला पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को
रोकने के लिए लिया गया है।
हरियाणा में अबतक 4 हजार से अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए
हैं। कई किसानों के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए हैं। किसानों के इस मुद्दे को लेकर
विपक्षी दल भी लगातार हमला कर रहे हैं। सदन में यह बड़ा मुद्दा बनने वाला है।
नशाखोरी
को लेकर सदन में होगा हंगामा
हरियाणा
में युवाओं में बढ़ रहे नशे के चलन को लेकर विधानसभा सत्र में हंगामा होने के पूरे
आसार हैं
हाल
ही में सूबे के हलका उकलाना के गांव पाबड़ा में नशे का कहर देखने को मिला है
यहां
तीन युवक नशे की लत के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं
29
अक्टूबर को नशे से होने वाली पहली मौत का मामला
सामने आया था
8 नवंबर को भी 23
साल के एक युवक की नशे के कारण मौत हो गई थी
इसके अलावा 5 नवंबर को भी 30 साल के एक युवक की मौत की वजह नशा बताई गई थी
कांग्रेस के साथ INLD ने भी अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में इसे शामिल किया है
हरियाणा
में बेरोजगारी हमेशा से ही बड़ा मुद्दा रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन
मंत्रालय की सितंबर में जारी हुई पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में बेरोजगारी दर 3.4 फीसदी है। हालांकि,
पिछले साल के मुकाबले यह काफी कम है, लेकिन इसके बाद भी विपक्षी दल इस मुद्दे को सदन
में मुद्दा बनाएंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हाल ही में ग्रुप C-D की रुकी भर्तियों के लिए कांग्रेस के इसे बड़ा मुद्दा
बनाया था। कांग्रेस अब बेरोजगारी को लेकर सदन में CM सैनी को घेरने की तैयारी कर रही है। INLD के MLA अर्जुन चौटाला की ओर से इसे लेकर ध्यानाकर्षण
प्रस्ताव भी दिया गया है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र का शेड्यूल
13 नवंबर
राज्यपाल का अभिभाषण, शोक प्रस्ताव, सदन के पटल पर रखे जाने वाले पेपर,
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा और धन्यवाद प्रस्ताव
पर वोटिंग
14 नवंबर
अनुपूरक अनुमान की प्रस्तुति,
अनुपूरक अनुमानों की मांगों पर चर्चा, अनुपूरक अनुमानों की मांगों पर वोटिंग, विधायी कार्य और अन्य विषय
18 नवंबर
हरियाणा विनियोग विधेयक अनुपूरक अनुमानों के संबंध में प्रस्तुत किया
जाएगा। इस पर वोटिंग होगी, सदन के पटल पर पेपर रखे जाएंगे। विधायी कार्य और अन्य कई कार्य होंगे।
पूर्व
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि 13 नवंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में
विपक्ष जोर-शोर से जनहित के मुद्दों को उठाएगा। हम चुनाव हारे हैं, हिम्मत नहीं। सरकार को प्रश्नकाल और शून्यकाल
को सदन की कार्यवाही में शामिल करना चाहिए।
वहीं
इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने कहा है सरकार ने तीन दिन सत्र चलाने का फैसला लिया
है। हम दोनों विपक्षी विधायकों ने इसे बढ़ाने का सुझाव दिया था ताकि नवनिर्वाचित
विधायक भी अपनी बात कह सकें और इस सदन में अपने डर को दूर कर सकें। बोलने से डर
दूर होता है और अनुभव मिलता है। हमने अनुरोध किया था कि सभी को समय और अवसर दिया
जाए। सत्र की अवधि नहीं बढ़ाई गई लेकिन स्पीकर ने हमें आश्वासन दिया था कि सभी को
मौका दिया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस पर निशाना साधते
हुए कहा कि विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र शुरू होने जा रहा है लेकिन कांग्रेस अपना
नेता प्रतिपक्ष नहीं चुन पाई है। कांग्रेस पार्टी कई धड़ों का समूह है। ये आपस मे
मिलकर कर नहीं कर सकते। इसलिए नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा।
विधानसभा सत्र को लेकर
कांग्रेस विधायक आफ़ताब अहमद कहा कि झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव आ गए थे। जिसकी
वजह से पार्टी का नेतृत्व दोनों राज्यों के चुनाव में व्यस्त है। इसकी वजह से
थोड़ा विलंब हुआ है। अब तक फैसला हो जाना चाहिए था, लेकिन
इन चुनाव नतीजों के बाद जल्दी ही विपक्ष का नेता चुन लिया जाएगा। कांग्रेस
विधायकों ने अपने केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत कर दिया है कि जो फैसला हाईकमान लेगा
वह मान्य होगा।
हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्ण मिड्ढा रोहतक में विभिन्न
कार्यक्रमों में भाग लिया। 13 नवंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर मिड्ढा ने कहा कि...
“इस बार करीब 40 नए विधायक चुनकर आए हैं। उनको समय दिया जाएगा, क्योंकि उनकी समय की मांग है कि समय बढ़ाया जाए।
ताकि वे अपनी विधानसभा की बात रख सके और इस पर ध्यान दिया जाएगा। मेरा प्रयास रहेगा कि मर्यादित रूप से विधानसभा चले। सभी विधायक भी
विधानसभा में मर्यादित भाषा का प्रयोग करें,
ताकि सदन बेहतर तरीके से चल पाए। सभी विधायक
अपनी विधानसभा क्षेत्र की मांग रखें। पिछली भाजपा सरकार में भी पक्ष-विपक्ष दोनों
विधायकों को उचित समय दिया गया। सभी का समाधान देखा गया और जो काम रखे गए उन पर भी
विशेष ध्यान दिया गया। चाहे विधायक पक्ष का हो या विपक्ष का”।
इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्ण मिड्ढा ने कांग्रेस पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस का काम सिर्फ मंथन करना ही रह गया है। अगले 5 साल भी वह मंथन करती रह जाएगी। क्योंकि प्रदेश की जनता ने काम पर मोहर लगाकर सरकार बनाई है। विपक्ष का मजबूत होना अच्छी बात है, हमें और भी अच्छा अवसर मिलेगा। सबको पता है कि किस प्रकार से कांग्रेस में बिखराव है। सत्र शुरू होने से पहले पक्ष और विपक्ष दोनों लगातार एक दूसरे पर हमलावर है, ऐसे में अब देखना ये होगा इस बार का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा या फिर सरकार विधायी कामकाज निपटाने में सफल हो पाएगी।
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