यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥
हे पार्थ मैं अवतार लेता हूं। मैं प्रकट होता हूं। जब जब धर्म की हानि होती
है, तब तब मैं आता हूं। जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं साकार रूप से लोगों के
सम्मुख प्रकट होता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मैं आता हूं, दुष्टों के विनाश करने के लिए
मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए मैं आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं।
भगवान श्री कृष्ण के इसी उदेश्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय
गीता महोत्सव का आयोजन हरियाणा के कुरूक्षेत्र में आयोजित किया जाता है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता कर अंतरराष्ट्रीय गीता
जयंती महोत्सव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। ओडिशा के कैबिनेट मंत्री सूर्यवंशी
सूरज और तंजानिया की हाई कमिश्नर अनीशा और स्वामी ज्ञानानंद जी की मौजूदगी में कार्यक्रम
की घोषणा की गई।
अंतरराष्ट्रीय
गीता महोत्सव
2024
अंतरराष्ट्रीय
गीता महोत्सव 28 नवंबर
से 15 दिसंबर तक आयोजन होगा
यह पूरा आयोजन
18 दिन तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चलेगा
2016 से यह महोत्सव लगातार आयोजित हो रहा है
महोत्सव
में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं
इस
मेले को देश विदेश में लोकप्रियता मिली है
2023 में इस महोत्सव में 45 लाख
लोगों ने भाग लिया
धर्मक्षेत्र
कुरुक्षेत्र 48 कोस में फैला हुआ है
यहां 182 महाभारत कालीन तीर्थ हैं
5162 वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की धरती पर
गीता उपदेश दिया था
मुख्यमंत्री
सैनी ने बताया कि 2019 में
मॉरिशस, लंदन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका
और इंग्लैंड में भी अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मनाया गया था। गीता के 5151 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी ने चिंता जाहिर की थी। पीएम
मोदी ने कहा था, कि गीता का संदेश पूरी दुनिया में जाना चाहिए। गीता मनीषी
ज्ञानानंद महाराज पूरी दुनिया में गीता का संदेश फैला रहे हैं।
उड़ीसा
और तंजानिया होंगे पार्टनर
अंतरराष्ट्रीय
गीता महोत्सव में तंजानिया भागीदारी के रूप में शामिल होगा
तंजानिया में भी गीता
और श्रीमद्भागवत का आयोजन होता रहता है
इस बार गीता महोत्सव
में ओडिशा सहयोगी राज्य के रूप में शामिल होगा
इस महोत्सव पर ब्रह्म
सरोवर के पास भव्य गंगा महाआरती होगी
28
नवंबर को कुरुक्षेत्र
के सभी तीर्थ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे
5
दिसंबर को ब्रह्म सरोवर
पर पूजन से इस महोत्सव को विधिवत शुरुआत होगी
कुरुक्षेत्र
विश्वविद्यालय में तीन दिन की संगोष्ठी होगी
ब्रह्म सरोवर पर धर्म
सम्मेलन होगा
ज्योतिसर तीर्थ पर 18 हजार विद्यार्थी
वैश्विक पाठ करेंगे
इस
आयोजन में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक
और शैक्षिक गतिविधियां शामिल होंगी, जो दुनियाभर
से आए श्रद्धालुओं और गीता प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र होगा। मुख्यमंत्री
नायब सैनी ने गीता के संदेश को घर-घर पहुंचाने की अपील की। सैनी ने कहा कि, गीता
केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि
जीवन जीने का मार्गदर्शक है। यह आयोजन युवाओं को गीता के विचारों से प्रेरित करने
का भी एक
सार्थक
प्रयास है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का मुख्य केन्द्र
कुरुक्षेत्र है।
कुरुक्षेत्र वह भूमि है
जहां भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेशा अर्जुन को दिया था। यह स्थान इसलिए भी
महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रसिद्ध ऋषि मनु ने यहां मनुस्मृति लिखी थी। ऋग्वेद और
सामवेद की रचना भी यहीं पर हुई थी। भगवान कृष्ण के अलावा, गौतम बुद्ध और प्रख्यात सिख गुरुओं जैसे दिव्य
व्यक्तित्वों ने इस भूमि का दौरा किया था। श्रीमद्भगवद्गीता अपनी स्थापना के समय से ही हिंदुओं के लिए दार्शनिक
मार्गदर्शक और आध्यात्मिक शिक्षक का केन्द्र बिन्दू रही है। गीता में, भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कई सबक सिखाए हैं, जिन्हें किसी के भी जीवन जीने का आदर्श साधन
माना जाता है।
गीता
महोत्सव से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
हरियाणा
सरकार ने वर्ष 2016 से गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की
शुरुआत की है
2023 में
यह महोत्सव 7 से 24 दिसंबर तक आयोजित किया गया था
2022 में
यह महोत्सव 19 नवंबर से 6
दिसंबर तक आयोजित किया गया
2019 में
यह उत्सव पहली बार मॉरीशस और लंदन में मनाया गया था
2022 में
नेपाल इस महोत्सव का पार्टनर देश था
2024 में
श्रीलंका में इस महोत्सव का आयोजन किया जाएगा
गीता
जयंती मार्गशीर्ष
महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भारत ही नहीं, विदेशों से
भी पर्यटक यहां पर आते हैं, और महोत्सव
का लुत्फ उठाते हैं। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पर अंतर्राष्ट्रीय
गीता महोत्सव में पहुंचते हैं। उनके साथ-साथ प्रदेश और देश के बड़े वीआईपी भी
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शिरकत करने के लिए पहुंचते हैं। गीता
महोत्सव कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि के
महत्व पर जोर देता है। गीता महोत्सव से हरियाणा की वैश्विक
उपस्थिति को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। साथ ही गीता के प्रचार- प्रचार से भारत
अपनी सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया में आगे बढ़ाता है।
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