झारखंड
में पहले फेज की 43
सीटों के साथ
ही 10
राज्यों की 31 विधानसभा और केरल की वायनाड लोकसभा
सीट पर बुधवार को उपचुनाव होंगे। वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव राहुल गांधी के
इस सीट को छोड़कर रायबरेली सीट चुनने की वजह से हो रहा है। राहुल गांधी ने रायबरेली
और वायनाड दो सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीते थे।
वायनाड
लोकसभा सीट पर उपचुनाव
प्रियंका
गांधी वाड्रा नव्या हरिदास सत्यन मोकेरी
कांग्रेस भाजपा लेफ्ट
अब
वायनाड सीट से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस प्रत्याशी हैं। कांग्रेस
का राज्य में UDF
के साथ गठबंधन
है। भाजपा की ओर से नव्या हरिदास और लेफ्ट गठबंधन LDF से के तरफ से सत्यन मोकेरी चुनावी
मैदान में हैं।
10
राज्यों की 31 विधानसभा सीटों में से 28 विधायकों के लोकसभा चुनाव में सांसद
बनने,
2 के निधन और 1 के दलबदल के कारण सदस्यता खत्म होने
के बाद उपचुनाव हो रहे हैं। उप चुनाव वाले 4 सीटें SC और 6 सीटें ST वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उपचुनाव वाले 31 में से 18 सीटें विपक्ष ने जीती थीं। इनमें
अकेले कांग्रेस के पास 9
सीटें थीं।
वहीं,
NDA ने 11 सीटें जीती थीं। इनमें से 7 विधायक भाजपा के थे। 2 विधायक अन्य दलों के थे।
10 राज्यों की 31 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर
वोटिंग
मध्य प्रदेश- 2 सीटें
राजस्थान- 7 सीटें
सिक्किम- 2 सीटें
बिहार- 4 सीटें
असम- 5 सीटें
मेघालय- 1 सीट
गुजरात- 1 सीट
छत्तीसगढ़- 1 सीट
प. बंगाल- 6 सीटें
कर्नाटक- 3 सीटें
केरल- चेलाक्कारा विधानसभा सीट
और वायनाड लोकसभा सीट
शामिल है
राजस्थान
में 2023
में हुए
विधानसभा चुनाव के 11
महीने के
भीतर ही सात सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से केवल सलूंबर सीट से अमृतलाल
मीणा भाजपा विधायक थे,
बाकी 4 पर कांग्रेस, एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी और एक
हनुमान बेनीवाल की RLP
के पास थी। उपचुनाव के
नतीजे सीधे तौर पर प्रदेश की भजनलाल सरकार की पहली परीक्षा के तौर पर भी देखे
जाएंगे। हालांकि,
विधानसभा
चुनाव के करीब छह महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 में से 18 सीटें जीती थीं। लेकिन ये नतीजे
संतोषजनक नहीं थे,
क्योंकि 2019 में भाजपा ने 24 और 2014 में सभी 25 सीटें जीती थीं।
राजस्थान 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
राज्य सीट पहले किसके पास थी
राजस्थान
झुंझुनूं कांग्रेस
राजस्थान
रामगढ़ कांग्रेस
राजस्थान
दौसा कांग्रेस
राजस्थान देवली उनियारा कांग्रेस
राजस्थान
सलूंबर भाजपा
राजस्थान चौरासी BAP
राजस्थान
खींवसर RLP
बिहार
के 4 सीटों पर भी उरचुनाव हो रहा है।
इस उपचुनाव
को 2025
के विधानसभा
चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में चार में से
तीन सीटों पर महागठबंधन का कब्जा था। बिहार में NDA की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार को
भरोसा है कि लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भी लोग उनके काम के आधार पर जरूर वोट
देंगे। लोकसभा चुनाव में NDA
को 30 सीटों पर मिली जीत मिली थी। दूसरी
तरफ तेजस्वी यादव और उनके समर्थक 17 महीने सरकार में रहने के दौरान दी गई नौकरियों
का प्रचार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में इसका कोई असर नहीं होता दिखा था। अगर
इसमें कमी आई तो यह तेजस्वी की साख तो कमजोर करेगा ही, साथ ही उनके नेतृत्व पर भी सवालिया
निशान लग जाएगा। साथ ही इलेक्शन
मैनेजमेंट के रास्ते राजनीति में सक्रिय हुए प्रशांत किशोर (पीके) की पार्टी
जनसुराज के लिए भी काफी अहम है। पीके ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। पीके
मुकाबले में तो दिखते हैं,
लेकिन प्रदेश
की जातीय गणित में वोटर उनका कितना साथ देते हैं, यह 23 नवंबर को रिजल्ट के दिन ही साफ
होगा।
बिहार 4
विधानसभा
सीटों पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उपचुनाव की वजह
रामगढ़ राजद सुधाकर सिंह सांसद बने
बेलागंज राजद सुरेंद्र प्रसाद यादव सांसद बने
इमामगंज HAM जीतनराम मांझी सांसद बने
तरारी सीपीआई (एमएल) सुदामा प्रसाद सांसद बने
मध्य
प्रदेश की 2 सीटों पर भी उप चुनाव हो रहे हैं। दोनों विधानसभा सीटें भाजपा के लिए
प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी हैं। बुधनी शिवराज सिंह चौहान की सीट है। शिवराज सिंह
चौहान पहली बार 1990
में यहां से
विधायक बने थे। इसके बाद मुख्यमंत्री रहने के दौरान 2006 से 2023 तक लगातार यहां से विधायक चुने गए। लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से जीत
के बाद शिवराज ने बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। उनके लिए विदिशा
लोकसभा सीट छोड़ने वाले रमाकांत भार्गव को भाजपा ने बुधनी से टिकट दिया है। एक और खास बात ये है कि बुधनी सीट
पर अब तक तीन बार उपचुनाव हुए हैं और तीनों बार इसकी वजह शिवराज सिंह चौहान ही रहे
हैं। इसके साथ ही तीनों उपचुनाव में कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को उम्मीदवार
बनाया। विजयपुर सीट
से राज्य के वन मंत्री रामनिवास रावत मैदान में हैं। वे इस सीट पर 6 बार कांग्रेस से विधायक रह चुके
हैं। 2023
विधानसभा
चुनाव में भी वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे, लेकिन अप्रैल 2023 में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद जुलाई, 2023 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट
मंत्री बने। कांग्रेस ने उनके सामने आदिवासी नेता मुकेश मल्होत्रा को टिकट दिया
है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र की जनता छह बार के विधायक और दलबदल के बाद
वन मंत्री बने रामनिवास रावत को चुनती है या कांग्रेस पर भरोसा जताती है।
मध्य प्रदेश 2 विधानसभा
सीटों पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उप चुनाव की वजह
बुधनी भाजपा
शिवराज सिंह चौहान सांसद
बने
विजयपुर कांग्रेस
रामनिवास रावत कांग्रेस से भाजपा में आए
छत्तीसगढ़ में
भी 1 सीट पर उप
चुनाव है। राज्य की रायपुर दक्षिण सीट पर भाजपा पूरी ताकत के साथ उपचुनाव लड़ रही
है। यह सीट बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर लोकसभा से सांसद चुने जाने से खाली हुई थी।
वे इस सीट से आठ बार विधायक रह चुके हैं। वहीं, सुनील सोनी रायपुर के सांसद और मेयर रह चुके
हैं। दूसरी तरफ
कांग्रेस ने युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा को मैदान में उतारा है।
अब तक हुए चार चुनावों में कांग्रेस हर बार बड़े अंतर से हारी है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के कन्हैया
अग्रवाल सबसे कम करीब 17
हजार वोटों
से हारे थे। तब एंटी इनकंबेंसी की वजह से राज्य में भाजपा को सरकार भी गंवानी पड़ी
थी। इस सीट पर कुल 2.71 लाख मतदाता हैं। इनमें 53% OBC, 10% SC,
4% ST और 17% अल्पसंख्यक हैं। इस सीट पर जातिगत
समीकरण का कार्ड नहीं चलता है। यहां पर अक्सर सामान्य वर्ग से आने वाले बृजमोहन
अग्रवाल लगातार जीतते रहे हैं। इसके अलावा रायपुर दक्षिण विधानसभा
सीट छत्तीसगढ़
की इकलौती सीट है, जहां सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव
लड़ते हैं। उपचुनाव के 31
प्रत्याशियों
में से 9
मुस्लिम हैं।
हालांकि,
साल 2013 के बाद एक प्रत्याशी के अलावा किसी
को भी 500
से ज्यादा
वोट नहीं मिले। 2023
विधानसभा में
13 मुस्लिम प्रत्याशियों ने नामांकन
भरा था,
लेकिन 12 ने नाम वापस ले लिया था। वहीं, 2018 और 2013 में 23 मुस्लिम प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा
था।
छत्तीसगढ़ 1 विधानसभा
सीट पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उपचुनाव की वजह
रायपुर दक्षिण भाजपा बृजमोहन अग्रवाल सांसद बने
पश्चिम
बंगाल की भी सभी छह विधानसभा सीटों के विधायकों के सांसद बने जाने
की वजह से ये सीटें खाली हुई थीं। इनमें से एकमात्र मदारीहाट सीट पर मनोज टिग्गा
भाजपा से विधायक थे। बाकी सभी TMC के कब्जे में थीं।
हरोआ
के विधायक हाजी नुरुल इस्लाम बशीरहाट से सांसद चुने गए थे, लेकिन सितंबर में उनका निधन हो गया।
इस वजह से बशीरहाट लोकसभा सीट भी खाली है। उस पर अभी उपचुनाव नहीं हो रहा है। यह उपचुनाव TMC के लिए ही काफी अहम हैं। आरजी कर
मेडिकल कॉलेज में महिला जूनियर महिला से बलात्कार और हत्या की घटना के बाद ममता
सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिला है। इसके अलावा बशीरहाट सहित कई
अन्य मामलों में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। लोकसभा चुनाव में बशीरहाट मामले को
भाजपा ने मुद्दा बनाया था,
लेकिन उसका
असर देखने को नहीं मिला। TMC
राज्य की 42 में से 29 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
आरजी कर मामले में देशभर में प्रदर्शन हुआ था। राज्य के डॉक्टर अभी भी विरोध कर
रहे हैं। ऐसे में उपचुनाव के नतीजे राज्य की राजनीति को नई दिशा दे सकते हैं।
पश्चिम
बंगाल 6 विधानसभा
सीटों पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उपचुनाव की वजह
सिताई टीएमसी जगदीश चंद्र बर्मा सांसद बने
मेदिनीपुर टीएमसी जून मालिया सांसद बने
नैहाटी टीएमसी पार्थ भौमिक सांसद बने
हारोआ टीएमसी नुरुल इस्लाम सांसद बने
तलडांगरा टीएमसी अरूप चक्रवर्ती सांसद बने
मदारीहाट भाजपा मनोज टिग्गा सांसद बने
असम
की पांच सीटों पर उप चुनाव है। 5 सीटों में से दो पर सांसदों के रिश्तेदार
उपचुनाव लड़ रहे हैं। बारपेटा के सांसद फणि भूषण चौधरी की पत्नी दीप्तिमयी
बोंगाईगांव सीट से असम गण परिषद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, कांग्रेस ने धुबरी सांसद रकीबुल
हुसैन के बेटे तंजील को सामागुड़ी से मैदान में उतारा है। पांच में से चार सीटों पर NDA और एक पर कांग्रेस का कब्जा था।
उपचुनाव में भी गठबंधन पुराने फॉर्मूला पर चुनाव लड़ रहा है। भाजपा तीन सीटों पर
लड़ रही है। जबकि एक-एक सीट सहयोगी पार्टी AGP और UPPL को दी गई है। कांग्रेस ने सभी सीटों
पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इस पांच सीटों पर 9 लाख मतदाता वोट डालेंगे। इसके लिए 1078 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
असम 5 विधानसभा
सीटों पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उपचुनाव की वजह
बेहाली भाजपा रंजीत दत्ता सांसद बने
ढोला भाजपा परिमल शुक्ला बेड़िया सांसद बने
सामागुड़ी कांग्रेस कीबुल हुसैन सांसद बने
बोंगाईगांव एजीपी फणि भूषण चौधरी सांसद बने
सिदली यूपीपीएल जोयंता बासुमतारी सांसद बने
कर्नाटक
के 3 विधानसभा सीटों पर परिवारवादी राजनीति का चेहरा खुलकर सामने आ रहा है। यहां
तीन सीटों में से दो सीटों पर दो पूर्व CM के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों पूर्व CM के पिता भी मुख्यमंत्री रहे हैं। इस
तरह देवगौड़ा और बोम्मई परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनाव मैदान में है। वहीं, तीसरी सीट पर कांग्रेस सांसद की
पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय
इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी चन्नपटना सीट से JD(S) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह
सीट कुमारस्वामी के सांसद चुने जाने से खाली हुई है। वहीं, निखिल का यह तीसरा चुनाव है। निखिल इससे पहले 2019 में मांड्या लोकसभा सीट और 2023 में रामनगर विधानसभा सीट से चुनाव
लड़ चुके हैं। हालांकि,
दोनों चुनाव
में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं, कांग्रेस ने सीपी योगेश्वर को प्रत्याशी बनाया
है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के
बेटे भरत बोम्मई शिग्गांव सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह बसवराज
बोम्मई के हावेरी सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है। वे इस सीट से चार बार
विधायक रहे हैं। उनसे पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। कांग्रेस ने इस पर
यासिर अहमद खान को टिकट दिया है। तीसरी सीट संदूर से कांग्रेस सांसद
ई तुकाराम की पत्नी अन्नपूर्णा चुनाव लड़ रही हैं। यह सीट तुकाराम के बेल्लारी से
सांसद चुने जाने से खाली हुई है। वे यहां से चार बार विधायक रहे हैं। वहीं, भाजपा ने अभिनेता से नेता बने राज्य
भाजपा एसटी मोर्चा के अध्यक्ष बंगारू हनुमंथु को उम्मीदवार बनाया है।
कर्नाटक 3 विधानसभा
सीटों पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उपचुनाव की वजह
चन्नपटना जेडी(एस) एचडी कुमारस्वामी सांसद बने
शिग्गांव भाजपा बसवराज बोम्मई सांसद बने
संदूर कांग्रेस ई. तुकाराम सांसद बने
गुजरात में भी एक सीट पर उप
चुनाव है। विधानसभा की दो सीटें वाव और विसावदर खाली हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने सिर्फ वाव सीट
पर उपचुनाव की घोषणा की है। वाव सीट कांग्रेस विधायक गिनीबेन ठाकोर के बनासकांठा
से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है। वहीं, विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक भूपत भायाणी के इस्तीफा देकर
भाजपा में शामिल होने से खाली हुई है। 2022 विधानसभा चुनाव में उनके निर्वाचन
से जुड़ी कुछ याचिकाएं गुजरात हाईकोर्ट में लंबित हैं, इसलिए इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो
रहा है। विधानसभा की 182
सीटों में से
161 पर भाजपा, 12 पर कांग्रेस, 4 पर AAP, 1 पर सपा और 2 पर निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा ने वाव सीट से स्वरूपजी ठाकोर
को टिकट दिया है। वहीं,
कांग्रेस ने
गुलाब सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है।
गुजरात 1 विधानसभा
सीट पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उपचुनाव की वजह
वाव कांग्रेस गिनी बेन ठाकोर सांसद बनीं
मेघालय के एक सीट पर उप चुनाव
है। कांग्रेस
विधायक सलेंग ए संगमा के तुरा लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद राज्य की
गाम्बेग्रे सीट खाली हुई थी। पार्टी ने इस सीट पर जिंगजांग मराक को टिकट दिया है।
वहीं,
भाजपा ने
बर्नार्ड मारक को टिकट दिया है।
मेघालय 1 विधानसभा
सीट पर उपचुनाव
सीट पार्टी विधायक कौन थे उपचुनाव की वजह
गाम्बेग्रे कांग्रेस सलेंग ए संगमा सांसद बने
सिक्किम राज्य की
दोनों विधानसभा सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित
हो चुके हैं। नॉमिनेशन फॉर्म की जांच के समय कुछ उम्मीदवारों के फॉर्म रद्द कर दिए
गए थे। इसके बाद 25
साल सत्ता
में रही सिक्किम लोकतांत्रिक मोर्चा (SDF) के दोनों उम्मीदवारों ने भी अपने
नाम वापस ले लिए। इनमें से एक
ने कहा था कि पार्टी से समर्थन न मिलने की वजह से उन्होंने नामांकन वापस ले लिया।
जबकि दूसरे ने नाम वापसी का कारण नहीं बताया है। इसके बाद नाम वापसी के आखिरी दिन 30 अक्टूबर को आदित्य गोले, सोरेंग-चाकुंग सीट से और सतीश चंद्र
राय, नामची-सिंघीथांग सीट से निर्विरोध
विजेता घोषित कर दिए गए।
लोकसभा
चुनाव के साथ ही जून,
2024 में यहां
विधानसभा चुनाव हुए थे। तब SKM ने राज्य की सभी 32 सीटों पर जीत हासिल की थी। SKM प्रमुख प्रेम सिंह तमांग ने रेनॉक और
सोरेंग-चाकुंग दो सीटों से चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने सोरेंग-चाकुंग सीट
छोड़ दी थी। वहीं, नामची-सिंघीथांग सीट पर उनकी पत्नी
कृष्णा कुमारी राय ने जीत हासिल की थी। उन्होंने विधायक की शपथ लेने के एक दिन बाद
13 जून को विधायक के पद से इस्तीफा दे
दिया था। अब देखना ये होगा कि झारखंड में पहले फेज की 43 सीटों के साथ ही 10 राज्यों की 31 विधानसभा और केरल की वायनाड लोकसभा
सीट पर कौन जीत हासिल करेगा और किसे हार का सामना करना पड़ेगा।
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