26 October 2021

राजस्थान में मदरसों को 25 लाख, संस्कृत विद्यालयों को ठेंगा

 राजस्थान में एक बार फिर से गहलोत सरकार के तुष्टिकरण की नीति सामने आई है. अब राजस्थान में गहलोत सरकार मदरसों के विकास के लिए 15 से 25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मुहैया करवाएगी. यह सहायता राशि मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत दी जाएगी. इस संबंध में राजस्थान सरकार के अल्पसंख्यक विभाग में शामिल राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव ने एक विज्ञप्ति जारी की है.

इसके अनुसार राजस्थान मदरसा बोर्ड में रजिस्टर्ड ए श्रेणी के मदरसों के विकास के लिए मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत आवेदन मांगे गए हैं. योजना में प्राथमिक स्तर के मदरसों को अधिकतम 15 लाख रुपये और उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसों को अधिकतम 25 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है. 

2003 में बना मदरसा बोर्ड को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग से अलग बनाया है. मदरसा के लिए एक्ट और नियम बनाया जाए उसके लिए विधानसभा में एक्ट बनाया गया और नियम के लिए वित्त विभाग को भेजा गया. पहली बार बजट में में मदरसों को आधुनिकीकरण के लिए सरकार को कम्प्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन, स्मार्ट क्लास रूम, फर्नीचर और आधारभुत संरचना भवन भी शामिल किया गया. इसके तहत राजस्थान में हर जिले में 5-7 मॉडल मदरसा होंगे.  


इस योजना के तहत 90 प्रतिशत बजट सरकार देगी और 10 प्रतिशत संस्था देगी. 5 वीं तक के मदरसा को 15 लाख और 8 वीं तक के मदरसों को 25 लाख रुपये का बजट देने का प्रावधान किया गया है. गहलोत सरकार के मुस्लिम तुष्टिकरण वाले इस फैसले पर कटाक्ष करते हुए बीजेपी ने इसे दीवाली का बोनस और जनता के टैक्स का दुरूपयोग का आरोप लगाया है. 


राजस्थान सरकार की गहलोत सरकार के तुष्टिकरण का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हिंदू त्योहार विजयदशमी के मौके पर गहलोत सरकार ने आरएसएस को कोरोना का हवाला दे पथ संचलन से रोक दिया था, लेकिन इसी गहलोत सरकार में कोरोना के ही दौरान जनाजे में भीड़ जायज लगी थी. बहुत से संस्कृत और यहां तक की सरकारी स्कूल सरकारी सुविधा के अभाव में खंडहर हो गए हैं, तो वहीँ दूसरी गहलोत सरकार मदरसों पर जमकर धन लूटा रही है.  

 

राजस्थान में संस्कृत विद्यालयों की स्थिति

 

राजस्थान के विद्यालयों में भी मुस्लिम छात्र पढ़ रहे हैं

जयपुर के राजकीय ठाकुर हरिसिंह शेखावत संस्‍कृत विद्यालय में बढ़ते है मुस्लिम छात्र

यहां पर पढ़ने वाले 80 फीसदी बच्‍चे मुस्लिम हैं

हिन्दू छात्रों को नहीं मिल पाता है मौका

इस राजकीय स्‍कूल में पढ़ने वाले 277 छात्रों में 222 मुस्लिम हैं

संस्कृत विद्यालयों में 10 हजार 877 में से 3 हजार 617 पद खाली है  

9 जिलों में आधे से अधिक पदों पर शिक्षक नहीं हैं

संस्कृत शिक्षा की स्कूलों की संख्या लगातार घट रही है

सुविधा के अभाव में 10 संस्कृत विद्यालयों में सिर्फ 1095 बच्चे पढ़ते है

 

राजस्थान में सरकारी स्कूलों की स्थिति

 

अभीतक राजस्थान में 15 हज़ार सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं ‘

ढाई लाख बच्चे घटे सरकारी स्कूलों में घटे हैं

 847 गर्ल्स स्कूलों पर भी ताले लटके हुए हैं

जयपुर के एक स्कूल में एक हीं कमरे में 1500 बच्चे बढ़ते हैं

165 सरकारी स्कूलों में नहीं है एक भी कमरा आसमान के नीचे बैठते हैं बच्चे

7 हजार 600 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक-एक हैं

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