01 October 2021

सिद्धू की पाकिस्तान परस्ती और कैप्टन की डोभाल से मुलाकात के मायने

पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी उठा-पटक के बाद अब सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर खड़ा हो गया है. सीएम पद से जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफा दिया, तो जाते-जाते उन्होंने वो सभी राज खोल दिए जो अब नवजोत सिंह सिद्धू के गले की फांस बन रही है.


कैप्टन ने कहा था कि सिद्धू पाकिस्तान और वहां के आर्मी चीफ बाजवा के साथ हैं. इन दोनों के साथ सिद्धू का सीधा संबंध है. इसके बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर NSA अजित डोभाल सहित देश की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी होगई.


कैप्टन ने कई सवाल खड़े किये थे. जिसके बाद सिद्धू चौतरफा घिर गए. यहां सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि जो पाकिस्तान कश्मीर में हमारे जवानों की हत्या करता है उसी पाकिस्तानी सेना प्रमुख बाजवा के साथ गले मिलना क्या ये देश राष्ट्र द्रोह नहीं है ? क्या देश की अस्मिता के साथ ये खिलवाड़ नहीं है ? यही कारण है की इन रिश्तों को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है. और ये रिश्ता देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक भी है.


पंजाब चुकी पाकिस्तान के सीमा से लगा हुआ राज्य है इसलिए सिद्धू देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा डिजास्टर बन सकते हैं. पाकिस्तान हर रोज अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा देने के लिए पंजाब के सीमा पर घात लगाए बैठा है. इसलिए देश की जनता नवजोत सिंह सिद्धू पर भरोसा नहीं कर रही है.


शायद यही कारण है की कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की है. इस मुलाकात को उस बयान से भी जोड़कर देखा जा सकता है जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नवजोत सिंह सिद्धू ठीक नहीं हैं. उन्होंने यहां तक कहा था कि जो शख्स बाजवा को गले लगाता हो वो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से कतई स्वीकार नहीं है क्योंकि पंजाब सीमावर्ती राज्य है.


सूत्रों के अनुसार अमरिंदर सिंह द्वारा एनएसए डोभाल को कुछ अहम दस्तावेज सौपें गए हैं. गोपनीय दस्तावेजों का अबतक खुलासा नहीं हुआ लेकीन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टिकोण से काफी अहम माना जारहा है. एनएसए डोभाल से पहले कैप्टन ने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान पंजाब की आंतरिक सुरक्षा पर कैप्टन ने बातचीत किए थे.


अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अपनी बैठक पर कहा था कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं, जिसे पिछले चार सालों से मैं देख रहा हूं. लगातार ड्रोन सीमा पार से आ रहे हैं. कुछ ऐसे हैं जिन्हें इंटरसेप्ट किया गया है. लेकिन ऐसे अन्य भी हो सकते हैं जिन्हें कोई नहीं जानता कि वे कहाँ जा रहे हैं.


यही कारण है की सिद्धू और बाजवा के संबंधों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ कर  देखा जा रहा है. पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है और इसलिए इसको लेकर सभी की चिंता जायज है. पंजाब में 553 किलोमीटर का अंतरराष्ट्रीय सीमा है. इनमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर, फाजिल्का शामिल हैं. 


बॉर्डर स्टेट होने की वजह से पंजाब पर चौतरफा खतरा बना रहता है. इसलिए अब ये मांग उठने लगी है कि सिद्धू पर कार्रवाई हो और शत्रु देश से सबंधों की राजनीति को प्रतिबंधित किया जाय.

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