उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के चेयरमैन
आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण वीडियो जब से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ
है, एक के बाद एक लगातार इसके कारनामे सामने आरहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद मामले
की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है.
इस पूरे मामले की जांच धर्मांतरण, धर्म प्रचार और जिहादी
उन्माद फैलाने के एंगल से होगी. इसी कड़ी में कानपुर के एक शख्स ने आरोपी लगाया है
कि आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने उस पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला है.
इस प्रकरण के सामने आने बाद एसआईटी को
मामले की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया है. आईएएस मोहम्मद
इफ्तिखारुद्दीन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कानपुर के कल्याणपुर
के रहने वाले निर्मल कुमार ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि कानपुर जोन के
कमिश्नर रह चुके आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन और उनके साथियों ने बस्ती में रहने
वाले कुछ लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला था.
जब पीड़ित बस्ती वाले उनसे मिलने पहुंचे
थे तो कमिश्नर की लिखी एक किताब इफ्तिखारुद्दीन ने लोगों को देकर इस्लाम धर्म
अपनाने को कहा था. उन्होंने पीड़ितों को लालच भी दिया था कि अगर वो धर्म परिवर्तन
कर लेंगे तो उनकी जमीन वापस मिल जाएगी. आईएएस की किताब 'शुद्ध भक्ति' मुस्लिम धर्म के प्रति प्रेरित करने
वाली है. किताब के ऊपर लिखा है-या अल-कुरआन सूरह अल-बकरा". इसमें आयत संख्या-21 का वर्णन है. इस पुस्तक के अन्दर
हिन्दू समाज को भ्रमित करने और इस्लाम को अपनाने के बारे में बहुत सारी बातें लिखी
है. इससे जाहिर होता है की मो. इफ्तिखारुद्दीन ने धर्मांतरण के लिए एक पूरा प्री
प्लान एजेंडा तैयार करके अपने प्रसासनिक ओहदे का इस्तेमाल मजहबी कट्टरता के लिए कर
रहा था.
जब भी कोई आम नागरिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इफ्तिखारुद्दीन के पास आता था, वह सबसे पहले समस्या सुनने के बजाय 'शुद्ध भक्ति' किताब पढ़ने के दबाव बनाता था. फिर लोगों के सरकारी काम-काज के समाधान के बदले में धर्म परिवर्तन करने का दबाव के लिए कहता था. आईएएस ने किताब में इस्लाम धर्म की मंगढ़नत खूबियां बताई हैं. वहीँ अन्य धर्मों के कुरीतियां लिखी हैं. ताकी लोगों का ब्रेनवाश करके इस्लाम धर्म में परिवर्तित किया जा सके.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, सोमवार को वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर मो. इफ्तिखारुद्दीन का एक वीडियो सामने आया. यह वीडियो उस समय का है जब मो. इफ्तिखारुद्दीन कानपुर में मंडलायुक्त थे. वीडियो में उनके सरकारी आवास में धर्म परिवर्तन की पाठशाला चलती नजर आ रही है. इस वीडियो में इस्लाम के कट्टरवादियों की सजी महफिल दिख रही है. सीनियर आईएएस इफ्तखारुद्दीन भी एक धर्मगुरु के साथ कुछ लोगों के सामने इस्लाम धर्म अपनाने के फायदे बता रहे हैं. वीडियो में वो कह रहे हैं कि दुनिया के इंसानों से ऐलान करो कि अल्लाह की बादशाहत और निज़ामियात पूरी दुनिया मे कायम करनी है.'
मुस्लिम स्कॉलर के सामने जमीन पर बैठे
दिखे आईएएस अधिकारी
वहीं, एक अन्य वीडियो में एक मुस्लिम स्कॉलर भी कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा है, उस दौरान इफ्तिखारुद्दीन जमीन पर बैठे
नजर आए. वीडियो में इस्लामिक वक्ता वहां मौजूद लोगों को इस्लाम धर्म कबूल करने के
फायदे बताने के साथ कई कहानियां भी सुना रहा है. वो बताता है कि इस्लाम मे बहन
बेटियों को जलाया नहीं जाता.
इस पुरे प्रकरण में 3 वीडियो क्लिप वायरल हुआ है, हम आपको निचे तीनों वीडियो का हिंदी अनुवाद बता रहे है:-
वीडियो-1: IAS, इफ्तिखारुद्दीन- मोहम्मद रसूल अल्लाह के लिए ये बताओ, ऐलान करो, बताओ पूरी दुनिया के सामने एक खून के तुम इंसान हो तुम.
इंसान का बहुवचन एक से ज्यादा इंसान. हम अल्लाह के रसूल हैं. हम एक की बात नहीं कर रहे हैं. हम सब के अंदर अल्लाह के रसूल है. अब तो कोई रसूल नहीं आता, अब कोई नबी नहीं आता.
फिर कौन करेगा अल्लाह का सजदा? हम इस्लाम को पढ़ें
और मिशन को आगे बढ़ाएं. जैसे उन्होंने कहा है कि अल्लाह का इंकलाब कायम करो.
हम सब अल्लाह के मिशन के मौला हैं, कैसा मौला जैसे हम सब इस जमीन पर बैठे हैं. हमने इनके लिए काम करना चाहिए, अगर हम नहीं करेंगे तो अल्लाह हमें पकड़ेगा, जरुर पकड़ेगा.
वीडियो-2: IAS, इफ्तिखारुद्दीन- किताब है जो हमारे देश के उपराष्ट्रपति ने लिखा है, पहले 5 हज़ार छपा था, अब 50 हजार छपा है.
तो ऐ 147 करोड़ मुसलमानों खबरदार हो जाओ, और
समझ लो कि तुममे से केवल वही बचेगा जो दावत-ए-इल्लिलाह का काम करेगा.
किसमें 7 अरब इंसानों में, तो
अभी कसम खाओ, अभी पक्का इरादा करो.. कि अभी से हम दावत-ए-इल्लिलाह का काम
करेंगे तमाम बिरादराने दुनिया में, जितने
दुनिया में इंसान हैं.
जितने दुनिया में इंसान हैं ये तुम
लोगों पर सबसे बड़ा फर्ज है. ये तुम लोगों पर सबसे बड़ा फर्ज है.
वीडियो-3: मौलवी धर्मांतरण की कहानी बताते हुए, पंजाब में इस्लाम कबूल करने वाले एक भाई से मैंने सवाल किया कि, तुमने इस्लाम क्यों अपनाया? तो उसने कहा कि बहन की मौत के बाद उसे जब जलाया गया तो कपड़े जल जाने के कारण वह निर्वस्त्र हो गई. ये सब वहां मौजूद लोग देख रहे थे.
उस भाई ने बताया कि, यह सब देख मुझे बहुत शर्म आई. मैं वहां से निकल गया. मेरे दिल में आया कि आज बहन के साथ ऐसा हुआ है, कल मेरी बेटी के संग भी होगा. इसके बाद मैंने इस्लाम धर्म अपनाने की सोची.
मुझे समझ आया कि इस्लाम से अच्छा कोई धर्म नहीं है. उत्तर प्रदेश के जरिए अल्लाह ने हमें ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश और दुनिया में हम काम कर सकते हैं.
इफ्तिखारुद्दीन की जिहादी पुस्तक ‘शुद्ध भक्ति’
इफ्तिखारुद्दीन 'शुद्ध भक्ति' पुस्तक से लोगों का कराता था धर्मांतरण. इफ्तिखारुद्दीन के खुद की लिखी हुई पुस्तक है 'शुद्ध भक्ति'. पीड़ितों को लालच देकर कराता था धर्मांतरण. जमीन वापस दिलाने के लिए धर्मांतरण का बनाता था दबाव. आईएएस की किताब 'शुद्ध भक्ति' मुस्लिम धर्म के प्रति प्रेरित करने वाली है. किताब के ऊपर लिखा है- “या अल-कुरआन सूरह अल-बकरा". इसमें आयत संख्या-21 का वर्णन है. समस्या सुनने के बजाय 'शुद्ध भक्ति' किताब पढ़ने के लिए दबाव बनाता था. सरकारी काम-काज के समाधान के बदले धर्म परिवर्तन करने का बनाता था दबाव. आईएएस ने किताब में इस्लाम धर्म की मनगढ़ंत खूबियां बताई है. अन्य धर्मों के कुरीतियां लिखी हैं पुस्तक में. लोगों का ब्रेनवाश करके के लिए 'शुद्ध भक्ति' किताब का करता था इस्तेमाल.
जमीन के बदले धर्मांतरण
कानपुर के शख्स ने आईएएस मोहम्मद
इफ्तिखारुद्दीन लगाया आरोप. जमीन के बदले इफ्तिखारुद्दीन ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला. प्रकरण के सामने आने बाद एसआईटी का हुआ
गठन. जांच
रिपोर्ट जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया. कल्याणपुर के रहने वाले निर्मल कुमार ने
किया सनसनीखेज दावा. बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया.
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