इस्लामिक कट्टरता, इस्लामिक आतंक तथा लव जिहाद आदि के
प्रति जो हमेशा से जो अभियान चलाता रहा है, उसे
अब वामपंथियों ने भी स्वीकार कर लिया है. जब भी सुदर्शन न्यूज तथा अन्य हिंदूवादी संगठनों ने लव जिहाद सहित
किसी भी इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाई, वामपंथी
दल उसके खिलाफ तनकर खड़े हो गए. लेकिन धर्म को अफीम बताने वाले यही वामपंथी अव
हिंदुत्व की राह पर चल पड़े हैं. केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी पार्टी सी.पी.एम.
इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ वही स्टैंड लिया है, जो सुदर्शन न्यूज हमेशा से कहता रहा है.
दक्षिण भारत के राज्य केरल की
सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार ने सांप्रदायिकता व आतंकवाद के जाल में प्रोफेशनल कॉलेजों
में पढ़ने वाली लड़कियों को फंसाए जाने की आशंका जाहिर करते हुए एक विशेष चेतावनी
जारी की है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जो
हमेशा से लव जिहाद जैसी घटनाओं को नकारती रही है, उसने अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की हिदायत दी है. इसे लेकर
पार्टी ने एक इंटर्नल नोट भी जारी किया है.
वामपंथियों की तरफ से ‘अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता’ के शीर्षक वाले इस नोट में सख्त हिदायत देते हुए कहा गया है कि इन बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए कि प्रदेश में तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाली बातें हो रही हैं. वामपंथियों ने कहा है कि सांप्रदायिकता और चरमपंथी विचारधाराओं वाले युवाओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. प्रोफेशनल कॉलेजों में शिक्षित युवतियों की सोच को उस तरीके से करने की कोशिश की जा रही है.
मार्क्सवादी छात्र संघ और युवा संगठन दोनों को इस मामले पर विशेष रूप ध्यान देना चाहिए. अब तक 'लव जिहाद' को नकारती रही वामपंथी पार्टी ने कहा है कि प्रफेशनल कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों को एक वर्ग आतंकवाद और सांप्रदायिकता की ओर आकर्षित कर सकता है.
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