21 September 2021

बिहार के भागलपुर में तालिबानी फरमान

देश में तालिबानी फरमान रुकने को नाम नहीं ले रही है. तालिबान ने वैसे तो भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर कब्जा किया है और शरिया कानून लागू करने की घोषणा की है, लेकिन उसका असर भारत में दिखने लगा है. तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, उसके बाद से ही भारत के कई राजनेता व इस्लामिक मौलाना तालिबानी को बधाइयां तथा शुभकामनाएं दे रहे हैं. इन लोगों को इस बात की खुशी है कि तालिबान अफगानिस्तान में लोकतंत्र नहीं बल्कि शरिया कानून लागू कर रहा है.

लेकिन भारत के बिहार के भागलपुर से आई ये खबर चौंकाने वाली है. खबर के मुताबिक, बिहार के भागलपुर स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल में वार्डन द्वारा छात्राओं को बुर्का पहनने का आदेश जारी कर दिया है. इसके बाद से वहां हंगामा मच गया है. बताया जा रहा है कि ये हॉस्टल कथित रूप से अल्पसंख्यक (मुस्लिम) छात्राओं के लिए है तथा भागलपुर के तथा बीएन कॉलेज के पास स्थिति है. छात्राएं हॉस्टल वार्डन के बुर्का पहनने के आदेश के विरोध में उतर आई हैं तथा वार्डन को हटाने की मांग कर रही हैं.

प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, बुर्का पहनने के हॉस्टल सुपरिटेंडेंट के आदेश से छात्राएं इस हद तक गुस्सा हो गई थीं कि उन्होंने हॉस्टल के गेट पर पथराव कर दिया. छात्राओं का आरोप था कि हॉस्टल सुपरिटेंडेंट छात्राओं को गाली देती हैं और उनके माता-पिता को गलत जानकारियां भी देती हैं. छात्राओं ने कहा कि होस्टल सुपरिटेंडेंट को उनके स्कूटी पर चलने से भी समस्या है तथा वह स्कूटी रखने वाली छात्राओं को भी डांटती-फटकारती हैं.

छात्राओं ने हॉस्टल सुपरिटेंडेंट पर आरोप लगाया कि सुपरिटेंडेंट छात्रावास में तालिबान का शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रही हैं. एक छात्रा दरक्शा अनवर ने कहा कि जब भी हम पतलून पहनती हैं, सुपरिटेंडेंट छात्राओं को गाली देती हैं. वह हमारे माता-पिता को भी गलत जानकारी देती हैं कि हम लड़कों से बात करते हैं. आखिर हॉस्टल सुपरिटेंडेंट ऐसा क्यों कर रही हैं. ये हमारी स्वतंत्रता के खिलाफ है तथा हम हॉस्टल सुपरिटेंडेंट को हटाए जाने की मांग करते हैं.

 

 

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