आज विश्व लोकतंत्र दिवस है. हर साल की
तरह आज का दिन (15 सितंबर) अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस
के रूप में मनाया जा रहा है. 2007
में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव पारित किया.
लोकतंत्र का अंतरराष्ट्रीय दिवस ये याद करने का अवसर प्रदान करता है कि लोकतंत्र
लोगों के बारे में और लोगों के लिए है. लोकतंत्र का मतलब होता है, न कोई राजा और न कोई गुलाम इसमें सब एक
समान हैं. हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है. लोकतंत्र एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें किसी भी देश के नागरिक अपने
मताधिकार का प्रयोग करके एक प्रतिनिधि को चुनते हैं. अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस
के अवसर पर जानते हैं, इससे जुड़ी कुछ खास बातें.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा वर्ष
2007 में अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की
शुरुआत की गई थी. सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2008 में मनाया गया. इसके तहत दुनिया के हर
कोने में सुशासन लागू करना है. संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि समाज में
मानवाधिकारों और कानूनों के नए नियम की हमेशा रक्षा की जाती है. भारत को दुनिया का
सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जा सकता है, क्योंकि
यहां लगभग 60 करोड़ लोग अपने मत का प्रयोग करके
सरकार को चुनते हैं. इसकी 2020 की थीम 'कोविड -19 : ए स्पॉटलाइट ऑन डेमोक्रेसी' थी.
वहीं, 2019 में थीम 'भागीदारी' थी.
लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार, ये 'जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है', लेकिन अलग-अलग देश व परिस्थितियों में अलग-अलग धारणाओं के प्रयोग से इसकी अवधारणा कुछ जटिल हो गयी है. प्राचीनकाल से ही लोकतंत्र के सन्दर्भ में कई प्रस्ताव रखे गये हैं पर इनमें से कई कभी क्रियान्वित नहीं हुए.
लोकतंत्र संस्कृत: प्रजातन्त्रम् शाब्दिक अर्थ- 'लोगों का शासन', संस्कृत
में लोक, 'जनता' व तंत्र शासन. वैसे तो प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जो
लोकतंत्रात्मक राज्य दोनों के लिए प्रयुक्त होता है. देखा जाये तो लोकतंत्र शब्द
का इस्तेमाल राजनीतिक सन्दर्भ में भी किया जाता है, लेकिन लोकतंत्र सिद्धांत दूसरे समूहों और संगठनों के लिए भी संगत है.
सही मायने में लोकतंत्र भिन्न-भिन्न सिद्धांतों का मिश्रण है. लोकतंत्र दो शब्दों
से मिलकर बना है. लोक + तंत्र, यहां
लोक का अर्थ है जनता और तंत्र का अर्थ है शासन.
लोकतंत्र का अंतरराष्ट्रीय दिवस कार्यात्मक लोकतंत्र के महत्व को स्वीकार करने का दिन है. देश के लिए दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, लोकतंत्र का अंतरराष्ट्रीय दिवस शासी मॉडल के मूलभूत मूल्यों को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में काम करता है. यह अनिवार्य रूप से एक सरकार है, जो अपने लोगों को राष्ट्रीय हितों से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार देती है. अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लोकतंत्र के कुछ सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक माना जाता है.
मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर कब्ज़ा किए गए देश
पाकिस्तान: मुस्लिम
आबादी के आधार पर 1947 में पाकिस्तान बना
अफगानिस्तान:
मुस्लिम आबादी बढ़ने पर 1876 में अफगानिस्तान बना
बांग्लादेश:
पाकिस्तान के जिहादी अत्याचार के कारण 1971 में बांग्लादेश मुस्लिम देश बना
मलेशिया:
यहां पर पहले मलय समाज का अधिपत्य था मगर मुस्लिम आबादी
के कारण अब मलेशिया मुस्लिम देश बन गया है
तुर्की:
ये संसार का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश बन चुका है
इंडोनेशिया:
यह दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बन गया है
कजाकिस्तान:
यह पहले सोवियत संघ का हिस्सा था मगर मुस्लिम आबादी बढ़ने के कारण मुस्लिम देश बन
गया
मोरक्को: यहां पहले अफ़्रीकी मूल के वंश का शासन था मगर इस्लामिक प्रभाव और मुस्लिम आबादी के कारण आज यह मुस्लिम देश है
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