21 September 2021

गणपति का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्थान

देशभर में गणेश चतुर्थी प्रत्येक साल बड़ी धूम धाम से मनाया जाता जाता. गणपति बाप्पा का विशेष रूप से स्वागत होता. धूम-धाम से 10 दिन श्री गणेश प्रतिमा हमारे घर में विराजित रहती है. 10 दिन तक उन्हें प्रसन्न करने के हर प्रकार के जतन किए जाते हैं. उन्हें हर प्रकार का भोग लगाया जाता है. उनकी पूजन-अर्चन की जाती है. 

मगर अब यहां सवाल ये है की गणेश भगवन को कैसे बिदाई दी जाए..? परंपरानुसार कहा जाता है कि श्री गणेश प्रतिमा को उसी तरह बिदा किया जाना चाहिए जैसे हमारे घर का सबसे प्रिय व्यक्ति जब यात्रा पर निकले तब हम उनके साथ व्यवहार करते हैं, मगर देश में ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा है.

महाराष्ट्र में गणेशोत्सव पर कडी पाबंदियों के बावजूद गणेशभक्तों में कोई कमी नहीं दिखी. मगर अब भक्तों में एक आक्रोश का माहौल बना हुआ है. आज हम आपको कुछ ऐसी घटनाओं का जिक्र करेंगे जिसे आपको सोचने पर मजबूर कर देगी. महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के विसर्जन को लेकर एक विशेष तालिबानी नियमावली लागू की गई है. कोविड का बहाना बनाते हुए महाराष्ट्र में नगर निगम प्रशासन चलती फिरती टंकियों में गणेश जी की मूर्ति विसर्जन के लिए इकठ्ठा कर रही है.

लेकिन गणेश विसर्जन के लिए बनाई गई सनातन प्रक्रिया का बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा है. श्रद्धालूओं द्वारा दी गणेश भगवन की मूर्ति के साथ कितना बड़ा अपमान जनक व्यवहार होरहा है उसे आप भी देख लीजिए.

विसर्जन हेतू दी गई गणेश जी कि मूर्तीयों को प्रशासन द्वारा इस कदर खुलेआम पानी में फ़ेंक रहा जैसे कोई कूड़ा-कचड़ा हो. 

इकठ्ठा की गई मूर्तियों को पहले टेंपो में ठूस-ठूस कर भरा जाता है, तो कुछ को ट्रक में जैसे-तैसे लादकर नदी के किनारे लाने के बाद कुदाल और फावड़े से उसे तोड़ा जारहा है. मूर्तियों को बुरी तरीके से नष्ट करने के बाद, उसे पानी में इधर-उधर फ़ेंक कर गणपति का सरेआम अपमान होरहा है. ये घटना मुंबई से सटे ठाणे के कल्याण की है, जहां पर खुलेआम हिन्दू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ होरहा है. 

तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या मूर्ति तोड़ने वालों पर कार्रवाई हो और कड़ा गाइडलाइन बने..? ताकि ऐसी घटनाओं पर तत्काल रोक लग सके.


              सनातन गणपति विसर्जन विधि

 

एक स्वच्छ पाटा लें उसे गंगाजल या गौमूत्र से पवित्र करें

घर की स्त्री उस पर स्वास्तिक बनाएं और उस पर अक्षत रखें

इसपर एक पीला,  गुलाबी या लाल सुसज्जित वस्त्र बिछाएं

इस पर गुलाब की पंखुरियां बिखेरें

पाटे के चारों कोनों पर चार सुपारी रखें

श्री गणेश को उनके जयघोष के साथ स्थापना वाले स्थान से उठाएं

पाटे पर विराजित करें और साथ में फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा, 5 मोदक रखें

एक छोटी लकड़ी लें और उसपर चावल, गेहूं और पंच मेवा की पोटली बनाकर बांधें

नदी, तालाब या पोखर के किनारे विसर्जन से पूर्व कपूर की आरती पुन: करें

श्री गणेश से खुशी-खुशी बिदाई की कामना करें

गणपति से धन, सुख, शांति, समृद्धि के साथ मनचाहे आशीर्वाद मांगे

10 दिन जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना भी करें

श्री गणेश प्रतिमा को फेंकें नहीं सम्मान के साथ जल में धीरे-धीरे बहाएं

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