21 September 2021

राजस्थान में विवाह पंजीकरण के बहाने सरिया लागू करने की कोशिश

राजस्थान में शादियों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए संशोधन विधेयक विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. बिल पारित होने को लेकर राज्य में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी इस विधेयक को बाल-विवाह को बढ़ावा देने वाला बता रही है. विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने इस संशोधन विधेयक को ‘‘काला कानून’’ बताया है.

विपक्ष का कहना है की विधेयक बाल विवाह की अनुमति देता है. इसे लेकर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए. मत विभाजन की मांग स्वीकार नहीं किए जाने पर भाजपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया और इसे ‘‘काला कानून’’ करार दिया.

सदन में राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रस्तावित कानून विवाह के पंजीकरण की अनुमति देता है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ऐसी शादियां अंततः वैध हो जाएंगी. मंत्री ने कहा कि यदि यह वास्तव में बाल विवाह है तो जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारी परिवारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे.

मगर यहां सवाल ये खड़ा होता है की जब देश में बाल विवाल उन्मूलन अधिनियम पहले से लागू है और ये पूरी तरीके से प्रतिबंधित है तो फिर राजस्थान सरकार इसे क्यों बढ़ावा दे रही है ? क्या राजस्थान सरकार सारियां कानून को राज्य में बढ़ावा देना चाहती है. इस्लाम में 18 वर्ष से कम उम्र होने पर भी शादी को बैध माना जाता है और सरिया कानून इसकी इजाजत देता है.

संशोधन विधेयक में कहा गया है कि अगर जोड़े ने शादी की कानूनी उम्र पूरी नहीं की है तो माता-पिता या अभिभावक निर्धारित अवधि के भीतर इसके लिए आवेदन दे कर सकते है.

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