अवैध रूप से देश के अंदर आये
घुसपैठियों के लिए जकात फाउंडेशन पूरी की पूरी कॉलोनी और इबादत के लिए मस्जिद का
निर्माण का काम कर रहा हैं, तो सवाल यह भी उठता हैं कि जकात फाउंडेशन को फंडिंग कौन कर रहा हैं? जब देश की सुरक्षा एजेंसिया तथा गृह
मंत्रालय रोहिंग्या घुसपैठियों को देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा बता चुका है तो उनके
लिए अलग से कॉलोनी तथा मस्जिद बनाने के लिए जकात फाउंडेशन की मंशा क्या है?
म्यांमार में अनगिनत हिंदुओं तथा बौद्धों के हत्यारे रोहिंग्या उन्मादियों के पक्ष में भारत के तमाम कथित सेक्यूलर तथा बुद्धिजीवी तनकर खड़े रहते हैं. म्यांमार में मजहबी उन्माद के बाद भारत में घुसपैठ कर चुके रोहिंग्या भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा ख़तरा है, ये बात भारत की सुरक्षा एजेंसिया तथा भारत के गृहमंत्री भी कह चुके हैं. अब इन्हीं रोहिंग्याओं के पक्ष में जकात फाउंडेशन उतर आया है तथा उनके लिए देश की राजधानी दिल्ली में अलग से कॉलोनी बनाने जा रहा है.
जकात फाउंडेशन इस्लामिक युवाओं को
सिविल सेवा परिक्षा की तैयारी कराने का दावा करता है लेकिन पिछले साल जब सुदर्शन
न्यूज़ ने UPSC जिहाद प्रोग्राम किया था, तब उसमें जकात फाउंडेशन की संलिप्तता सामने
आई थी. अब उसी जकात फाउंडेशन ने देश की दीमक की तरह संक्रमित कर रहे रोहिंग्या
घुसपैठियों के लिए अलग से कॉलोनी तथा मस्जिद बनाने की घोषणा की है. इसके लिए जकात
फाउंडेशन ने नक्शा भी बनवा लिया है.
जकात ने दिल्ली में दारुल हिजरात नामक ‘मेकशिफ्ट कैंप’ स्थापित किया है. इसका नक्शा सामने आया है जिसमें दिखाया गया है कि रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए न सिर्फ अलग से कॉलोनी बनाई जाएगी बल्कि मस्जिद भी बनाई जाएगी. प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़, ज़कात फाउंडेशन का दावा है कि पूरी परियोजना को गृह मंत्रालय की मँजूरी हासिल है.
फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एसएम शकील रोहिंग्याओं के लिए बनाई जा रही इस परियोजना के प्रभारी हैं. अगर जकात फाउंडेशन का दावा सही है तो सवाल गृहमंत्रालय पर भी हैं कि जब रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं तो उनके लिए अलग से कॉलोनी तथा मस्जिद बनाने की इजाजत कैसे दी गई?
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