बजट सत्र के आठवें दिन आज अमित शाह ने गृह
मंत्रालय की कार्यप्रणाली पर जवाब दिया। शाह ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में
बहुत कुछ बदला है। आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद हमें पिछली सरकार ने विरासत में दिया था। 2014 में हमारी सरकार बनी तो हमने
इन तीनों मोर्चों पर मुकाबला किया। आज आतंकवाद,
नक्सलवाद और उग्रवाद पर हमने काफी कंट्रोल किया
है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने की बात हो या फिर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की
कार्रवाई। हमने हर जगह मजबूती से मुकाबला किया।
जम्मू-कश्मीर में विपक्ष के 33 साल के शासनकाल और वर्तमान की स्थिति में हुए
बदलाव से तुलना करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि वहां सिनेमाहॉल ही नहीं खुलते
थे। जी-20 के बैठक में दुनियाभर के राजनयिक वहां गए। लाल चौक पर तिरंगा फहराने
के लिए हम सब भी गए थे। पठानकोट के नाका परमिट को हमने खत्म किया।' पीएम मोदी के आने के बाद पुलवामा में हमला हुआ।
इसके बाद भारत ने क्या किया। बालाकोट में घुसकर हमला किया। आतंकवाद, नक्सलवाद देश के लिए नासूर बन गया था।
उरी-पुलवामा अटैक के बाद एयरस्ट्राइक कर भारत को इजरायल-अमेरिका वाली लिस्ट में ला
दिया। हमने इन देशों की तरह कार्रवाई की।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में निकाली
गई यात्रा का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि, तिरंगा फहराने के लिए हमें लाल चौक
जाने की परमिशन नहीं मिल रही थी। हमने जिद की तो सेना की सुरक्षा में जाना पड़ा और
आनन-फानन में तिरंगा फहराकर आना पड़ा। उसी लाल चौक पर कोई घर ऐसा नहीं था जिस पर
हर घर तिरंगा अभियान में तिरंगा न हो।
आतंक पर कड़े प्रहार का जिक्र करते हुए
गृहमंत्री ने बताया कि हमने कई ऐसे कदम उठाए जिसकी वजह से आतंकियों से
भारतीय बच्चों के जुड़ने की संख्या करीब-करीब शून्य हो गई है। आतंकी जब मारे जाते
थे, बड़ा जुलूस निकलता था। आज भी आतंकी मारे जाते हैं और
जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं। अब कोई जुलूस नहीं निकलता है।
आतंकियों के परिजनों पर कार्रवाई के बारे आमित
शाह ने सदन में बताया कि घर का कोई आतंकी बन जाता था और परिवार के लोग आराम
से सरकारी नौकरी करते थे। हमने उनको निकालने का काम किया। आतंकियों के परिवार के
लोग बार काउंसिल में बैठे थे और प्रदर्शन होने लगता था। आज वो श्रीनगर या दिल्ली
की जेल में हैं।
संसद में बजट सत्र के दूसरे भाग में लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट को पास किया जाना है। इस प्रक्रिया के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है और लोकसभा में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने को कहा है। भाजपा ने सांसदों को जारी किए गए व्हिप में कहा है कि बजट 2025-26 की विभिन्न मांगों को पारित करने के लिए गिलोटिन किया जाएगा। इसलिए लोकसभा में भाजपा के सभी सांसदों से अनुरोध है कि वे पूरे दिन सदन में मौजूद रहें और सरकार के रुख का समर्थन करें। गिलोटिन को संसद में एक बड़ी रणनीति के रूप में देखा जाता है।
गिलोटिन का
इस्तेमाल किसी विधेयक को चर्चा की अनुमति दिए बिना पारित करवाने में तेजी लाने के
लिए किया जाता है। अगर सरकार किसी विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराना चाहती है और
विपक्ष इसमें देरी कर रहा है तो संसद में गिलोटिन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता
है।
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