हरियाणा
का बजट होली से एक दिन पहले 13 मार्च को पेश होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने दूसरे कार्यकाल
में वित्त मंत्री के तौर पर पहला बजट पेश करेंगे। सरकार की ओर से हरियाणा विधानसभा
के बजट सत्र का संभावित शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। 7
मार्च को
राज्यपाल के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत होगी। सत्र की अवधि 7 मार्च से 25 मार्च तक रहेगी। इसमें 9 सिटिंग रखी गई हैं। 19 दिन के शेड्यूल में 10 छुट्टियां हैं।
बजट सत्र का शेड्यूल
पहले दिन 7 मार्च को सुबह 11
बजे राज्यपाल
का अभिभाषण होगा
8 व 9 मार्च को
अवकाश रहेगा
10 से 12 मार्च तक
अभिभाषण पर चर्चा होगी
12 मार्च को अनुपूरक अनुमान की दूसरी
किस्त पेश की जाएगी।
13 मार्च को CM
सैनी 2025-26 का बजट पेश
करेंगे
17 व 18 को बजट
अनुमानों पर चर्चा होगी
19 से 21 तक कोई बैठक
नहीं होगी
24 मार्च को CM
बजट अनुमानों
पर हुई चर्चा का जवाब देंगे
इसी दिन बजट पर सदन में मतदान होगा
25 को अंतिम दिन
विधान कार्य होंगे और सत्र समाप्त हो जाएगा
इस
बार हरियाणा का बजट 1.95
लाख करोड़
रुपए का हो सकता है। मुख्यमंत्री
चूंकि वित्त मंत्री भी हैं,
इसलिए उनके
निर्देश पर बजट तैयार किया जा रहा है। CM सैनी ने सभी मंत्रियों, विधायकों के साथ बजट तैयार करने के
लिए की है।
इस
बार अनुमान है कि 1.95
लाख करोड़
रुपए का बजट पेश किया जाए। लाडो लक्ष्मी योजना के लिए बजट का प्रावधान
होगा। लाडो लक्ष्मी योजना पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। इस
बजट में लाडो लक्ष्मी योजना के बजट का प्रावधान किया जाएगा। इस योजना के तहत सूबे
की गरीब महिलाओं को 2100
रुपए महीना
सरकार देगी। इस योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जिनकी उम्र 18 से 60 साल तक होगी और आर्थिक रूप से कमजोर
होंगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं।
हरियाणा विधानसभा का बजट
सत्र सात मार्च से शुरू होने जा रहा है। इस बार बजट में जनता को कई उम्मीदें हैं। मुख्य
विपक्षी दल कांग्रेस पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि अक्टूबर 2024 में हरियाणा सरकार
बनाने के बाद अभी तक मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस विधायक दल के नेता का नाम तय नहीं कर
पाई है। पार्टी के नए प्रभारी बी के हरिप्रसाद बनने के बाद अब उम्मीद की जा रही है
कि शायद अब विधायक दल के नेता के नाम पर अंतिम मोहर लग जाएगी।
हरियाणा
के कैबिनेट मंत्री विज ने कहा कि बजट सत्र के शुरू होने वाला है लेकिन अभी तक
विपक्ष अपना नेता नहीं चुन पाया, अगर कोई सवाल उठता है तो उसके लिए वे पूरी तरह
तैयार है।
हरियाणा में चुनाव को
हुए करीब पांच महीने होने वाले हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान
इतना वक्त गुजरने के बाद भी विधायक दल का नेता तय नहीं कर पाया है, जबकि पार्टी इस मामले में केंद्र से भेजे
गए प्रवेक्षकों के जरिए विधायकों की राय भी लेकर चुकी है। विधायकों ने इस मामले में
हाईकमान को भी अधिकृत कर दिया था, बावजूद इसके अभी तक इस पर पार्टी फैसला नहीं ले पाई
है। हालांकि पहले उम्मीद की जबरही थी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद विधायक दल के
नेता का नाम तय हो सकता है। इस सबके बीच अब सात मार्च
से हरियाणा का बजट सत्र भी शुरू होने वाला है। वहीं निकाय चुनाव के लिए नतीजे भी
12 मार्च को आने हैं। पार्टी ने हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी पद पर दीपक बाबरिया की
जगह बीके हरिप्रसाद को नियुक्त किया है। मगर नेता विरोधी दल एक ऑफिशियल जरूरत होती
है। पिछले सत्र में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वरिष्ठ होने के नाते उस जिम्मेदारी
को बखूबी निभाया था। ऐसे में ये भी हो सकता है कि वे फिर से बिना नेता विपक्ष के इस
जिम्मेदारी को फिर निभाते हुए दिखें। मगर ये सवाल अभी जस का तस बना हुआ है। कांग्रेस सांसद जयप्रकाश का कहना है कि हाई कमान नेता प्रतिपक्ष का जल्द
चुनाव करेगा। नेता प्रतिपक्ष पूर्व सीएम भूपेद्र हुड्डा से वेस्ट कोई नहीं
हो सकता है। विधायको ने अपनी अनुसंशा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को लेकर दी है।
हरियाणा
में प्रदेश अध्यक्ष को भी लेकर अबतक पेंच फंसा हुआ है। यह कुर्सी गैर जाट चेहरे को
दी जाएगी। इस पद के लिए पंजाबी या दलित समाज से चेहरा चुना जाएगा। इस बारे में नए
प्रभारी बीके हरिप्रसाद की भी राय ली जा चुकी है। इसके लिए 3 नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। पंजाबी चेहरे पर बात बनी तो थानेसर
से MLA
अशोक अरोड़ा
नए प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं। वह इस दौड़ में शामिल नेताओं में सबसे अनुभवी हैं।
इनेलो में रहते हुए वह प्रदेश अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। वहीं, अगर दलित चेहरे का फैसला हुआ तो
इसके लिए झज्जर से MLA
गीता भुक्कल
और अंबाला से सांसद वरुण चौधरी का नाम सबसे आगे है। इन तीनों नामों पर भूपेंद्र हुड्डा
गुट भी सहमत है। अगर कांग्रेस
ने हुड्डा और उनके विरोधी गुट के बीच संतुलन का फॉर्मूला अपनाया तो राज्यसभा
सांसद रणदीप सुरजेवाला भी अध्यक्ष हो सकते हैं। उनके लिए सिरसा सांसद कुमारी सैलजा
का गुट भी समर्थन कर रहा है। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी
सुरजेवाला के नाम पर सहमती जता चुके हैं। मगर इन सब के अलावे 3 ऐसे नाम हैं जो इस
वक्त सबसे आगे चल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी की दौड़
में 3 नेता
गीता भुक्कल वरुण चौधरी अशोक अरोड़ा
विधायक, झज्जर सांसद, अंबाला विधायक, थानेसर
झज्जर से MLA गीता भुक्कल और अंबाला से सांसद वरुण चौधरी का नाम सबसे आगे है। इन तीनों नामों पर हुड्डा गुट भी सहमत है। इससे पहले भी कुमारी सैलजा और अशोक तंवर दलित नेता के तौर पर संगठन संभाल चुके हैं। अगर कांग्रेस उदयभान को हटाकर किसी दूसरे समुदाय से अध्यक्ष बनाती है तो दलित समाज की नाराजगी बढ़ सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि दलित नेता को ही यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके बाद वरुण चौधरी या गीता भुक्कल को प्राथमिकता मिल सकती है।
No comments:
Post a Comment