25 May 2013

क्या खेलों से राजनेताओं को दूर रखना चाहिए ?

एक जमाने तक देश के सबसे लोकप्रिय खेल हॉकी और फुटबॉल होते थे। मगर आज खेलों की भरमार लग गई है, जहा पर देश के जाने माने राजनेता खेल महासंघों की कुर्सी पर विराजमान होकर करोड़ो अरबों की वारे न्यारे कर रहे है। मगर आए दिन जिस प्रकार से देश के खेलों में राजनेताओं की पैठ बनी है उसको लेकर कई अहम सवाल खड़े हो रहे है। आज रसूख का पर्याय बन चुकी खेल संघों की कुर्सी पर राजनेता बरसों बरस से चिपके हुए है, तो एैसे में सवाल खड़ा होता है की क्या इन्हें वाकई खेल संघों की कुर्सी पर रहना चाहिए? भारत में बचपन में खिलवाड शब्द का प्रयोग बहुतायत में किया जाता है मगर आज के दौर में खेल संघों को देखकर यह कहा जा सकता है कि देश में खेल अब खिलवाड बन गए हैं।

नए दिशा निर्देशों के अनुसार कोई भी अध्यक्ष अधिकतम तीन और पदाधिकारी दो कार्यकाल ही पूरा कर सकता है। मगर आज महाराष्ट्र प्रदेश के पुणे से सांसद सुरेश कलमाडी पिछले 14 सालों तक भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बने रहे। साथ ही वर्ष 2000 से एशियाई एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष का पद भी कलमाडी कब्जा जमाए रहे। इसी तरह विवादों से गहरा नाता रखने वाले जगदीश टाईटलर भारतीय जूडो फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर बीस साल से काबिज हैं। वे भारतीय आलंपिक संघ के उपाध्यक्ष का ताज भी अपने ही सर पर रखे हुए हैं।

अखिल भारतीय फुटबाल संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और केंद्रीय उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल अब इस संघ के अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हैं। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा दस सालों से अखिल भारतीय टेनिस संघ के अध्यक्ष हैं। भारतीय ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय कुमार मलहोत्रा ने तो सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं, वे 1973 से भारतीय तीरंदाज संघ के अध्यक्ष पद पर जमे हुए हैं। तो वही दुसरी ओर अरूण जेटली बीसीसीआई के उपाध्यक्ष पद पर बने हुए है। भारतीय बेडमिन्टन संघ के अध्यक्ष वी.के.वर्मा चैथी बार इसके अध्यक्ष बने हैं। वर्मा इसके अलावा एशियन बेडमिन्टन कनफडरेशन के सचिव और विश्व बेडमिन्टन फेडरेशन के उपाध्यक्ष भी हैं।

 हरियाणा के विधायक अजय सिंह चैटाला हरियाणा टेबिल टेनिस संघ पर अपना कब्जा 1987 से बनाए हुए हैं, वे सन 2000 से अखिल भारतीय टेबिल टेनिस संघ में अपनी जोरदार उपस्थिति भी दर्ज कराए हुए हैं। साथ ही अभय सिंह चैटाला पिछले नौ सालों से भारतीय बाक्सिंग संघ पर अपनी दावेदारी बनाए हुए हैं। इन नियम कायदों को धता बताते हुए नानावटी ने भारतीय तैराकी संघ के सचिव की कुर्सी छटवीं बार संभाली है, वे 1984 से इस संघ में हैं। शान का प्रतीक मानी जाने वाली भारतीय हाकी की स्थिति आज किसी से छिपी नहीं है। वर्षों से मठाधीशों के कब्जे से मुक्ति के लिए छटपटाती हाकी दम तोड चुकी है।

खन्ना परिवार का टेनिस संघ पर कब्जा 1988 से बरकरार है। 1988 से 1993 तक राजकुमार खन्ना टेनिस संघ के सचिव रहे और 2000 तक इसके अध्यक्ष रहे। इसके बाद राजकुमार खन्ना ने अपनी विरासत अपने पुत्र अनिल खन्ना को सौंप दी जो आज तक सचिव पद पर कायम हैं। निशानेबाजी के मामले में कभी अव्वल रहने वाला भारत आज इस क्षेत्र में दुर्दशा के आंसू बहाने पर मजबूर है। भारत में खेल संघ एक दशक से पूरी तरह से राजनेता, नौकरशाह और उद्योगपतियों के घरों की जागीर बनकर रह गया हैं। लंबी असाध्य बीमारी और निधन के चलते ही ये लोग संघ से विदा होते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी 1986 से भारतीय फुटबाल संघ के अध्यक्ष थे। जब वे 2008 में गंभीर रूप से बीमार हुए तब जाकर उनके स्थान पर संघ के ही उपाध्यक्ष एवं केंद्रीय उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल को अध्यक्ष बनाया गया। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह जिनका निधन कुछ माह पहले हुआ है, वे भी 1999 से नेशनल रायफल संघ के अध्यक्ष रहे हैं।

अभी राजीव शुक्ला आईपील के चेयरमैन और बीसीसीआई के उपध्यक्ष बने हुए है। इसके पहले षरद पवार बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर मौजुद थे। कुल मिलाकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि देष में खेल अब खिलवाड बनकर रह गए हैं। बीसीसीआई चालीस हजार करोड़ रूपए की कंपनी बन चुकी है, मगर यहा खेलों का पतन हुआ है। देश की जनसंख्या 121 करोड़ हो गई है, फिर भी उस हिसाब से खेलों में हम कहीं नहीं हैं। इस स्थिति के लिए सिर्फ और सिर्फ खेलों में राजनेताओं का प्रवेश ही जिम्मेदार माना जा रहा है। तो एैसे में सवाल खड़ा होता है की क्या खेलों से राजनेताओं को दूर रखना चाहिए ?

खेल संघो में राजनेताओ की सूची 


शरद पवार, पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष, राजीव शुक्ला, आईपील चेयरमैन, प्रफुल पटेल अध्यक्ष, आल इंडिया फुटबाल फेडरेशन, फारूक अब्दुला अध्यक्ष, जम्मू कष्मीर क्रिकेट एसोसीएशन, सी पी जोषी अध्यक्ष, राजस्थान क्रिकेट एसोसीएशन, सुरेश कलमाडी पूर्व अध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ, जगदीश टाईटलर अध्यक्ष, भारतीय जूडो फेडरेशन, यशवंत सिन्हा अध्यक्ष, अखिल भारतीय टेनिस संघ, विजय कुमार मलहोत्रा अध्यक्ष, भारतीय तीरंदाज संघ, अरूण जेटली उपाध्यक्ष, बीसीसीआई, अजय सिंह चैटाला अध्यक्ष, हरियाणा टेबिल टेनिस संघ, अभय सिंह चैटाला, अध्यक्ष, भारतीय बाक्सिंग संघ, प्रियरंजन दासमुंशी पूर्व अध्यक्ष, भारतीय फुटबाल संघ, दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री पूर्व अध्यक्ष, नेशनल रायफल संघ बृजभूषण शरण सिंह अध्यक्ष, भारतीय कुश्ती संघ, परमिंदर सिंह ढीढसा अध्यक्ष साइकिलिंग संघ, डी डी बोरो अध्यक्ष, फेंसिंग संघ, जे एस गहलौत अध्यक्ष, एमच्योर कबड्डी फेडरेशन, दिगंबर कामत अध्यक्ष, तैराकी संघ, भारत

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