28 May 2013

सत्यमेव जयते वास्तविकता या बाजारवाद ?

कन्या भ्रूण हत्या मानव जाति को कलंकित करता यह मसला आज भारतीय समाज की एक घृणित पहचान बन चुका है। गर्भ में पल रही कन्या भ्रूणों को कितनी बेदर्दी के साथ उसकी मां से अलग कर दिया जाता हैए उससे जीने का अधिकार छीन लिया जाता है। भारतीय समाज की जड़ों तक जा पहुंचे कन्या भ्रूण हत्या जैसे अमानवीय अपराधों पर भी अब बाजार की नजर पड़ गई है। आमिर खान जैसे स्टार ने अपने पहले टेलीविजन शो सत्यमेव जयते का इतना प्रचार किया कि सभी इस शो को देखने के लिए उत्सुक हो गए और कार्यक्रम को देखने के बाद दर्शक क्या मीडिया भी अब आमिर खान का गुणगान करने लगा और यह दिखाने की कोशिश करने लगा कि आमिर से पहले इस मुद्दे पर किसी ने आवाज उठाने की कोशिश नहीं की।


उपरोक्त मुद्दे पर कई लोगों का मानना है कि मीडिया के मिस्टर पर्फेक्शनिस्ट ने टेलीविजन पर डेब्यू करने के लिए सत्यमेव जयते नामक एक ऐसे शो को चुना जो दर्शकों का ना सिर्फ मनोरंजन करे बल्कि उन्हें समाज की कड़वी सच्चाइयों से भी अवगत करवाए। उनका पहला एपिसोड कन्या भ्रूण हत्या पर केंद्रित था। वर्षों से चली आ रही इस प्रथा के विरोध में ना जाने कितनी ही बार आवाज बुलंद की गई लेकिन जब इस आवाज पर मीडिया और ग्लैमर का तड़का लगा तब जाकर यह हमारे कानों तक पहुंची। बहुत लंबे समय से एक न्यूज चैनल पर जिंदगी लाइव नामक कार्यक्रम दिखाया जाता है जिसमें समाज के ऐसे ही चेहरों को उजागर किया जाता हैए जिन्हें देखकर आंखों में आंसू तक आ जाते हैं। लेकिन ना तो इस प्रोग्राम में कोई ग्लैमर है और ना ही इसे बहुत ज्यादा प्रचारित किया गया है। इसीलिए किसी ने भी इस कार्यक्रम के भावनात्मक पक्ष को तवज्जो नहीं दी। अगर इस कार्यक्रम को भी आमिर खान के बहुचर्चित शो सत्यमेव जयते की तरह प्रचारित किया जाता तो शायद बहुत पहले कन्या भ्रूण हत्या जैसी अनेक समस्याओं का हल खोज लिया जाता। इससे भी बड़ी विडंबना यह है कि जिन राज्यों में यह घटनाएं घट रही हैं वहां की सरकारें भी अपनी दुर्गति से परिचित नहीं थीं उन्हें तो आमिर ने बताया।


जैसा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही इस मुद्दे पर विपरीत विचारधारा रखने वाले लोगों का साफ कहना है कि बेशक यह समस्याएं पहले भी कई बार उजागर की जाती रही हैंए इन पर कई बार आवाज उठाने की भी कोशिश की गई लेकिन अगर बॉलिवुड और बाजारवाद की सहायता लेकर कन्या भ्रूण हत्या जैसे अमानवीय कृत्यों पर रोक लगाई जा सकती है तो इसमें बुराई क्या है अगर आमिर खान अपने एक टेलीविजन शो के जरिए एक बड़े बदलाव का आश्वासन जनता को दे रहे हैं तो हमें उन्हें समर्थन देना चाहिए। ना कि पुरानी बातों और सरकार की नाकामियों को इस मार्ग में अवरोध बनने देना चाहिए।

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