वर्तमान युवा पीढ़ी लिव इन रिलेशनशिप जैसे गैर सामाजिक संबंधों के प्रति अत्याधिक आकर्षित दिखाई दे रही है. इसके पीछे उनका तर्क यह है कि विवाह के बंधन में बंधने से पहले एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ लिया जाए तो वैवाहिक जीवन में ताल.मेल बैठा पाना और आसान हो जाता है हालांकि हमारा परंपरावादी समाज महिला और पुरुष को विवाह से पहले साथ रहने की इजाजत नहीं देता किंतु अब हमारे युवाओं की मानसिकता ऐसी सोच को नकारने लगी है जो उन्हें किसी भी प्रकार के बंधन में बांध कर रख पाए इसीलिए युवा लिव इन में जाने से बिलकुल नहीं हिचकिचाते महिलाएं और पुरुष जब प्रेम संबंध में पड़ते हैं तो उन्हें लगता है कि विवाह से पहले एक साथ रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि एक.दूसरे के साथ को लेकर सहज हो जाने से आगामी जीवन बिना किसी परेशानी के काटा जा सकता है शायद नहीं अनेक ऐसे उदाहरण हैं हमारे सामने जो लिव इन रिलेशनशिप की हकीकत बयां करते हैं ऐसे संबंध प्रेम पर नहीं शारीरिक आकर्षण पर निर्भर होते हैं और जब यह आकर्षण समाप्त होने लगता है तो तथाकथित प्रेम बोझ लगने लगता है झगड़े शुरू हो जाते हैं एक.दूसरे की उपस्थिति तक सहन नहीं की जातीण् अंतत: लिव इन रिलेशनशिप के साथ प्रेम भी समाप्त हो जाता है
हम इस बात को कतई नकार नहीं सकते कि लिव इन जैसे संबंधों के टूटने का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है हमारा समाज एक ऐसी महिला को कभी सम्मान नहीं दे सकता जो विवाह पूर्व किसी पुरुष के साथ एक ही घर में रह चुकी हो ऐसे हालातों में संबंध जब टूटता है तो उसका भविष्य अंधकारमय हो जाता है वहीं लिव इन में संलिप्त रह चुका पुरुष जो हमेशा से ही महिलाओं की अस्मत से खेलना अपना अधिकार समझता आया है की गलती को कोई महत्व ना देकर नजरअंदाज कर दिया जाता है महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अपने संबंधों के प्रति अधिक संजीदा और भावनात्मक लगाव रखती हैं इसीलिए लिव इन संबंध के टूटने का प्रभाव केवल उन महिलाओं पर ही पड़ता है जो परंपरावादी सोच वाली आर्थिक तौर पर सेटल या अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं हैं बल्कि यह उन महिलाओं को भी अपनी चपेट में ले मानसिक रूप से आहत करता है जो मॉडर्न और आत्म .निर्भर होती हैं हालंकि कई ऐसी महिलाएं भी हैं जो अपने कॅरियर को प्राथमिकता देते हुए शादी जैसी बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से बचना चाहती हैं, लेकिन ऐसे में उन महिलाओं की मनोदशा को नहीं नकारा जा सकता जो किसी बहकावे में आकर ऐसे झूठे रिश्तों की भेंट चढ़ जाती हैं
हाल ही में पूर्व फ्लाइंग ऑफिसर अंजली गुप्ता और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की प्रथम वर्ष की छात्रा मालिनी मुर्मू द्वारा लिव इन के टूटने और प्रेमी के धोखा देने के बाद सुसाइड करना इसी तथ्य का एक ज्वलंत उदाहरण है आईआईएम जैसे संस्थान में दाखिला लेते ही मालिनी अपने उज्जवल भविष्य के विषय में आश्ववस्त हो गई थी, लेकिन उसकी किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. फेसबुक पर सार्वजनिक स्टेटस के रूप में मालिनी के प्रेमी ने उसे ब्रेक.अप की जानकारी दी वहीं एक शादीशुदा व्यक्ति के प्रेम में धोखा खाने के बाद अंजली ने भी दुनियां के तानों से बचने के लिए आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया. लेकिन प्रेम के नाम पर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करने वाले उनके प्रेमियों पर किसी ने अंगुली नहीं उठाई.
यही हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है यहां महिलाओं के अस्तित्व और उनके सम्मान को स्वीकार करना अभी तक एक चुनौती ही बना हुआ है पुरुष जैसे चाहेए जब चाहे महिलाओं को नीचा दिखा सकते हैं लेकिन हम नारी. सशक्तिकरण के विषय में सुनकर ही संतुष्ट हो जाते हैं जबकि जमीनी सच्चाई आज भी पहले जैसी ही है जिसके स्वरूप में भले ही थोड़ा.बहुत बदलाव आया है लेकिन महिलाओं की शोचनीय दशा जस की तस बनी हुई है ऐसी व्यवस्था में पुरुष द्वारा महिलाओं का भरपूर शारीरिक शोषण किया जाता है लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार का पारिवारिक दर्जा या सामाजिक दर्जा देने का कोई रिवाज नहीं है
हम हमेशा भारतीय संस्कृति और परंपराओं की दुहाई देकर लिव इन रिलेशनशिप को गैर परंपरावादी मानकर गलत कहते हैं जबकि हमारा इतिहास इस बात का गवाह है कि महिलाओं को अपने अधीन रखनाए उनका शोषण करना भारतीय पुरुषों का बहुत पुराना शौक है जिसे परंपरा स्वरूप बेरोकटोक आज भी अपनाया जा रहा है जबकि यह सीधे.सीधे पुरुषों को उनका दमन करने का एक अन्य मौका दे देता है यह कहना कदापि गलत नहीं होगा कि महिलाओं का शोषण करने का ट्रेंड नए स्वरूप में एक बार फिर अपनी जड़ें जमा चुका है और अपनी आंखों पर आधुनिकता की पट्टी बांधे हमारे मॉडर्न युवा इस बात को सोचना तो दूर सुनना भी पसंद नहीं करते
Achhi Maulik Rachna Aapke Dwara प्यार की कहानियाँ
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