31 August 2021

उत्तर प्रदेश में 5 हजार मदरसे बंद

उत्तर प्रदेश के मदरसों में कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियाँ लगातार जारी है.आए दिन कोई न कोई मामला मदरसों से जुड़ा हुआ सामने आहीं जाता है. ऐसे में मदरसों को बंद करने और इनकी जाँच करने की मांग लगातार होरही है. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश ने एक बड़ा कदम उठाया है. मेरठ में मानकों से विपरीत चल रहे करीब 5 हजार मदरसों को बंद कर दिया गया है. यूपी अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सुरेश जैन ने यह जानकारी दी है. जैन ने बताया कि यूपी में पांच हजार मदरसे बंद कर दिए गए हैं. ये मदरसे मानकों के विपरीत चल रहे थे, इसलिए इनको आयोग ने बंद क्या है. 

यूपी अल्पसंख्यक आयोग का कहना है की मान्यता प्राप्त मदरसों का विवरण पोर्टल में अनिवार्य रुप से अपलोड़ करने के बाद, यूपी में पांच हज़ार मदरसे मानकों के विपरित संचालित पाए गए जिसकी वजह से उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया.

पांच हज़ार मदरसों के बंद होने से सौ करोड़ की वार्षिक बचत हुई है. उन्होंने कहा मदरसा शिक्षा का नया पोर्टल बनाया गया है, इस पोर्टल में मान्यता प्राप्त मदरसों का विवरण अपलोड करना अब अनिवार्य कर दिया गया है, साथ हीं मदरसों के पाठ्यक्रम को भी संशोधित किया गया है.

कई मदरसों में धोखाधड़ी, गबन और फर्ज़ीवाड़ा, गैर कानूनी कार्य करने का मामला सामने आया है. यूपी अल्पसंख्यक आयोग का कहना है की केवल मुस्लिम समाज के मदरसों के लिए ही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना पर्याप्त नहीं है.

जैन समुदाय और सिख समुदाय की भी अनेकों धार्मिक शिक्षण संस्थाएं हैं, जहां धर्म की शिक्षा दी जाती है. जैन समुदाय के अनेकों गुरुकुल स्थापित हैं, इसलिए उन्हें भी सुविधाएं मिलनी चाहिए.

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