आज तालिबान लगातार अपना असली खूंखार चेहरा दिखा रहा है..मगर क्या आप जानते है की इसके पीछे कारण क्या है..? तो आईये हम आपको बताते हैं... आज तालिबान का प्रेरणा बन कुरान जिहाद का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है.. कुरान की कुछ ऐसी खूंखार आयतें हैं तो तालिबान को हैवान बनती है.
सूरा नमबर 24 आयत के आयत नम्बर 2 की
बात करें तो इसमें साफ तौर पर लिखा है की अगर कोई भी स्त्री या पुरुष व्यविचार
करते हैं तो उन्हें 100 कोड़े मारा जाना चहिए. ज़िना करने वाली औरत और ज़िना करने
वाले मर्द इन दोनों को ये सजा दी जाती है.
साथ हीं उन दोनों की सज़ा के वक्त
मोमिन की एक जमाअत को मौजूद रहना चाहिए भी अनिवार्य बताया गया है. सूरा नम्बर 24 के
आयता नम्बर 3 में ज़िना करने वाला मर्द और ज़िना करने वाली औरत या मुशरिक से निकाह
करेगा तो उसे भी ये दण्ड दिया जायेगा.
ज़िना करने वाली औरत भी बस ज़िना करने
वाले ही मर्द या मुशरिक से निकाह करेगी और सच्चे ईमानदारों पर तो इस क़िस्म के
ताल्लुक़ात हराम बताया गया है.
तालिबान ने जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में प्रवेश किया तब भी उसने कुरान की आयतों को पढ़ा. तालिबान की जिहादी प्रेरणा का भी मूल कारण कुरान की खुनी आयतें हीं है जो उसे खूंखार और क्रूर बनाती है.
यही कारण है की आज तालिबान और कुरान पर सवाल खड़ा होरहा है. इसलिए आज हम पूछ रहे हैं की क्या तालिबान का प्रेरणा कुरान है...क्या कुरान हीं तालिबान को खूंखार बना रहा है..?
कुरान और दण्ड
01. सूरा-24 आयत-2: ज़िना करने वाली औरत और
ज़िना करने वाले मर्द इन दोनों में से हर एक को सौ (सौ) कोडे मारो
उन दोनों की सज़ा के वक्त मोमिन की एक
जमाअत को मौजूद रहना चाहिए
02. सूरा-24 आयत-3: ज़िना करने वाला मर्द और
ज़िना करने वाली औरत या मुशरिका से निकाह करेगा
ज़िना करने वाली औरत भी बस ज़िना करने वाले ही मर्द या मुशरिक से निकाह करेगी और सच्चे ईमानदारों पर तो इस क़िस्म के ताल्लुक़ात हराम हैं
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