31 August 2021

बिहार के औरंगाबाद में तालीबानी हरकत मंदिर तोड़ा

बिहार के औरंगाबाद में असामाजिक तत्वों ने की तालीबानी हरकत हरकतों को अंजाम दिया है. उमगा पहाड़ पर स्थापित प्राचीन पुरातात्विक पालकालीन गौरी-शंकर की मूर्ति को जिहादी तत्वों ने तोड़ दिया है. अफगानिस्तान में जिस तरह तालिबान ऐतिहासिक स्थलों को नुकसान पहुंचा रहा है, उसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. बिहार के औरंगाबाद जिले में हुए इस घटना के बाद यह कहना गलत नहीं होगा की बिहार में तालिबानी मानसिकता अब अपने चरम सीमा को पार कर रही है. औरंगाबाद के अत्यंत प्राचीन पुरातात्विक पालकालीन गौरी-शंकर की मूर्ति और अति प्राचीन शिवलिंग को असमाजिक तत्वों ने तोड़ कर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है. अति प्राचीन मूर्तियों को खंडित किये जाने से लोगों का गुस्सा उबाल पर है.

लोग मूर्तियों को खंडित करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर कार्रवाई करने की लगातार मांग कर रहे है. उमगा पहाड़ी पर 52 मंदिरों का समूह है और समूह के हर मंदिर में देवी-देवताओं की एक से बढ़कर एक दुर्लभ और अति प्राचीन मूर्तियां स्थापित है. इस स्थल की महता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उमगा पहाड़ी पर स्थित 52 मंदिरों के समूह को यूनेस्को के विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी. 

इन्ही मंदिरों के समूह में एक अति प्राचीन सूर्य मंदिर भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा ने एक ही रात में तीन मंदिरों-देव, देवकुंड और उमगा का निर्माण किया था. गौरीशंकर खोह जाने का पहाड़ी रास्ता बेहद संकीर्ण, चुनौतीपूर्ण और कंकरीला-पथरीला है. यह दुनिया की इकलौती मूर्ति है, जिसे असामाजिक तत्वों ने खंडित कर दिया है.

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