हरियाणा में कांग्रेस
और भारतीय जनता पार्टी के सीधे मुकाबले में भाजपा ने जीत का परचस लहरा दिया है।
बीजेपी से कांग्रेस को अचानक ऐसी टक्कर मिली मिली कि कांग्रेस चारों खाने चीत हो
गई। बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है। नतीजों से लगभग स्पष्ट
हो गया है कि बीजेपी सत्ता में वापसी कर रही है। वहीं सत्ता का सपना देख रही
कांग्रेस चुनाव आयोग और EVM पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दी है। वहीं जेजेपी
को बीजेपी का साथ छोड़ना महंगा पड़ा है। जेजेपी के दिग्गज नेता चुनाव जीतना तो
दूर, मुकाबले में तीसरे और चौथे नंबर पर पहुंच गए हैं।
जेजेपी की
बत्ती गोल
जेजेपी के खाते में नहीं आई एक
भी सीट
जेजेपी
को बीजेपी से अलग होने का हुआ बड़ा नुकसान
पिछले चुनाव के मुकाबले 14
फीसदी वोट का नुकसान
जेजेपी ने 2019 में 10 सीटें
जीती थी
10 सीटें जीतकर हरियाणा में
किंगमेकर बनी थी जेजेपी
2019 में भी दुष्यंत चौटाला ने
बीजेपी के खिलाफ लड़ा
जजपा का आसपा के साथ था गठबंधन
कांग्रेस यानी भूपेंद्र सिंह
हुड्डा के हाथ से हरियाणा फिसल गया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा अतिम राउंड तक बहुमत मिलने
की बात कर रहे थे मगर नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए। जनादेश यही कह रहे हैं कि
बीजेपी की आंधी ने सभी समीकरणों को ध्वस्त कर अपना परचम लहरा दिया है। बीजेपी इस
जनादेश को ऐतिहासिक करार दे रही है, वहीं बीजेपी की ओर से चंडीगड़ में सरकार बनाने
को लेकर तैयारियां तेज हो गई है।
हरियाणा में बीजपी की हैट्रिक
रुझानों
के अनुसार इतिहास बनाएगी BJP
हरियाणा
गठन के बाद पहली बार होगा ऐसा
1966 में हरियाणा के गठन के बाद नया इतिहास
तीसरी बार सरकार बनाने वाली बीजेपी पहली पार्टी
बीजेपी 2019 बीजेपी में 40 सीटें
जीती थी
बीजेपा ने इस बार नायब सिंह सैनी के
चेहरे पर चुनाव लड़ा। केन्द्रीय नेतृत्व ने अपने चुनावी मंच से ये बार- बार
दोहराया कि दोबारा से सरकार आने पर फिर से नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया
जाएगा। वह भी तब जब मनोहर लाल की जगह उन्हें कुछ महीने पहले ही राज्य की कमान
सौंपी गई थी। बीजेपी को इसका भी सीधा लाभ इस चुनाव में मिला है। हरियाणा में
इससे पहले कई बार पार्टियां लगातार दो बार चुनाव जीतकर सरकार बना चुकी हैं। इसमें
कांग्रेस और भाजपा दोनों शामिल हैं। सबसे पहले 1968 में तीसरी
विधानसभा और 1972 में चौथी विधानसभा के लिए लगातार दो बार
कांग्रेस को जीत मिल चुकी है। इसके बाद 2005 में 11वीं और 2009 में 12वीं विधानसभा में कांग्रेस ने फिर से जीत दर्ज
करके सरकार बनाई थी। 2014 में 13वीं और 2019 में 14वीं विधानसभा
के लिए भाजपा को जीत मिल चुकी है। अब 15वीं विधानसभा
में भी भाजपा की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। बीजेपी जीत के आकड़ों से खुश
नजर आ रही है, और राहुल गांधी पर सीधा राजनीतिक प्रहार कर रही है।
कांग्रेस इस चुनाव में बाजेपी से
सीधे मुकाबले में थी, राहुल गांधी कांग्रेस को जीत दिलाना के लिए लगातार प्रयास
करते रहे, मगर पार्टी को जीत नहीं दिला सके। ऐसे में उनके धूर विरोधी पार्टी बीजेपी
राहुल पर हमला करने से भला पीछे कैसे रह सकती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राहुल गांधी को फेल करने वाला चुनाव बताया
है।
हरियाणा
में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के लिए नायब सैनी को श्रेय जाता है। सैनी ने छह
महीने से भी कम वक्त में भाजपा के खिलाफ चल रही सत्ता विरोधी लहर को बेदम कर दिया
और नायब सैनी के फैसलों से भाजपा को सीधा फायदा हुआ। किसान, पहलवान और जवान का मुद्दा पूरे
चुनाव में भले ही छाया रहा मगर कांग्रेस के लिए सरकार बनाने में यह नाकाफी रहे। स्थानीय
मुद्दों पर भाजपा ने चुनाव लड़ा। बीजेपी लगातार कांग्रेस को नौकरियों के मुद्दे पर
कांग्रेस को घेरती रही और पर्ची और खर्ची के मुद्दे को कांग्रेस के खिलाफ मुहिम
बने दिया। सीएम सैनी ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए जो पार्टी को चुनाव में जीत दिलाने
के लिए मिल के पत्थर साबित हुए।
सीएम सैनी के बड़े फैसले
1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों के पक्के
करने का ऐलान
24 फसलों पर
न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की घोषणा
महिलाओं को
500 रुपये
सिलेंडर देने की घोषणा
ओबीसी
चेहरा होने की वजह से लोगों ने सैनी का साथ दिया
सरपंचों को
21 लाख रुपये
तक का काम बिना ई-टेंडरिंग के फंड
5 लाख किसानों को 525 करोड़ रुपये को भी जारी किया
नायब सैनी ने प्रचार की कमान संभाली और हर सीट पर प्रचार किया। साथ ही खट्टर के उन फैसलों को भी पलटा, जिनका लोग विरोध कर रहे थे। साथ ही शहरी इलाकों में वोटरों ने एक बार फिर से भाजपा का साथ दिया। बीते चुनाव के मुकाबले इस बार वोट प्रतिशत भी बीजेपी का बढ़ा है और सैनी फिर से साएम बनने को तैयार हैं।
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